कुंवारी गर्लफ्रेंड को पहाड़ी पर चोदा

देसी गर्लफ्रेंड Xxx चुदाई कहानी मेरे चाचा की बेटी की सहेली के साथ सेक्स की है. मेरी कजिन ने उससे दोस्ती करवायी थी. हमारी पहली चुदाई कैसे हुई, स्टोरी में जानें।

दोस्तो, मेरा नाम माणिक (बदला हुआ) है। मैं अहमदाबाद गुजरात का रहने वाला हूं।
मेरी उमर 23 साल है। मैं दिखने में साधारण सा लड़का हूं। मेरी हाईट करीब 5.5 फीट है।

यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है। कोई गलती हो तो जरूर बताना ताकि मैं अपनी स्टोरी में सुधार कर सकूं। यह मेरी देसी गर्लफ्रेंड Xxx चुदाई कहानी है।

मेरी गर्लफ्रेंड का नाम नायरा (बदला हुआ) है। वो देखने में किसी मॉडल से कम नहीं। गोरा बदन, हिरनी सी आंखें, काले बाल और फिगर तो लाजवाब है।

यह बात दो साल पहले की है।
मैं मेरे अंकल के घर गया था। वो मेरे अंकल के घर के पास ही रहती थी।

मेरे चाचा की लड़की उसकी अच्छी दोस्त थी। उसकी मेहरबानी से मेरी और नायरा की दोस्ती हुई और फिर धीरे धीरे हम दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई।

मैं तो खुद को बहुत खुशकिस्मत सोच रहा था क्योंकि मेरी किस्मत में ऐसा माल कहां आने वाला था।
नायरा बहुत ही अच्छी लड़की थी और मैं केवल साधारण सा ही था।

धीरे धीरे हम दोनों बहुत करीब आ गए। हम फोन पर भी अब काफी खुल गए थे और हमारे बीच में फोन सेक्स भी होने लगा था।
हम फोन पर गंदी गंदी बातें किया करते थे।

अब हम दोनों फोन सेक्स करते हुए काफी गर्म हो जाते थे।

हम दोनों के मन में अब मिल कर अपनी सेक्स इच्छा पूरी करने की तलब थी मगर हमें मिलने का मौका नहीं मिल रहा था।

आखिरकार हमने कॉलेज के पीछे की पहाड़ी पर मिलने का प्लान बनाया।
हम दोनों ने टाइम फिक्स कर लिया और मैं उसके बताये टाइम पर पहाड़ी पर पहुंच गया।

कॉलेज की छुट्टी के बाद वो भी आ गयी।
वो एकदम मस्त माल लग रही थी। ब्लैक टीशर्ट और टाइट जीन्स पहनी थी उसने!
उसकी गान्ड टाईट जीन्स में उभर उभरकर बाहर आने के लिए तड़प रही थी।

वो मेरे पास आयी। मैंने उसे बाइक पर बिठाया और फिर उसको लेकर उसी जगह पर पहुंच गया।

वो पहाड़ी शहर से काफी दूर थी, वहां पर कोई भी आता जाता नहीं था।
हम दोनों वहां पर पहुंच गए।

वहां पर जाने के बाद हमने एक अच्छी सी जगह देखी।
हमने एक बड़ा सा पत्थर देखा और वहां पर बैठ गए।

कुछ देर तो हम दोनों एक दूसरे को देखते ही रहे।
फिर मैं उसके करीब हो लिया और उसके गुलाबी होंठों पर एक हल्की सी किस कर दी।

वो पहले थोड़ा सा शर्मायी लेकिन फिर वो सहज हो गयी।
मैंने उसको फिर से किस करना शुरू कर दिया।
अब मेरे हाथ उसके सिर के पीछे पहुंच गए। हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे।

पहाड़ी के सन्नाटे में हम दोनों की धड़कन धक धक साफ पता लग पा रही थी।

धीरे धीरे मैंने उसके बदन को सहलाना शुरू कर दिया।

वो भी मेरे सिर और मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगी।

मैंने तब उसके टीशर्ट को उठा दिया और उसको निकलवा दिया।
उसकी ब्रा में उसके बूब्स कसे हुए थे।

मैंने उनको ब्रा के ऊपर से ही दबाकर देखा। उसकी चूचियां दबाने में बहुत मजा आ रहा था और हवस मेरे अंदर भरती जा रही थी।
अब मैंने नायरा की ब्रा को खोल दिया।

उसकी ब्रा खोलकर मैंने एक तरफ रख दी।
अब उसकी चूचियां नंगी हो गई थीं।

मैं उसकी एक चूची पर मुंह लगाकर चूसने लगा।
नायरा स्स्स … श्श्श … करके सिसकारी और उसने मुझे अपनी बांहों के घेरे में ले लिया।

मैं उसकी पहली चूची को छोड़कर फिर दूसरी को पीने लगा और पहली वाली को हाथ से दबाने लगा।
उसकी नर्म नर्म चूचियों के निप्पल अब तनाव में आ चुके थे, उनके निप्पल नुकीले होकर बाहर की ओर निकल आए थे।

अब मैंने उसकी जीन्स को खोलने का काम शुरू किया।
उसकी चूची पीते हुए मैं उसकी जीन्स के बटन को खोलने लगा।

बटन खुलते ही उसकी काली पैंटी दिखने लगी।
उसकी गोरी जांघों पर वो काली पैंटी कहर ढहा रही थी।

मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही एक हाथ से उसकी चूत को सहलाया।
उसकी चूत में हल्का गीलापन था जो पैंटी के ऊपर से मुझे महसूस हुआ।

फिर मैंने उसकी पैंटी को और नीचे किया और उसकी पैंटी को उतार दिया।

उसने मुझे चूत देखने तो नहीं दी लेकिन मैंने उसका हाथ हटाकर उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया और ऊपर से उसके होंठों को चूसने लगा।

मेरी हथेली उसकी चूत पर ऊपर नीचे रगड़ने लगी और उसकी टांगें खुलने लगीं।

अब मैंने धीरे से उंगली उसकी चूत में सरका दी और उसने मेरे होंठ काट लिए।

मैंने फिर से उसके होंठों को चूसना शुरू किया और उसकी चूत में उंगली अंदर बाहर करने लगा।

अब जैसे जैसे मेरी उंगली उसकी चूत में अंदर तक जाने लगी तो उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं।

उसके मुंह से सेक्सी आवाजें सुनकर मेरे अंदर का तूफान भी और ज्यादा बढ़ गया था।
मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखवा दिया।

पहले तो उसने हाथ हटाया लेकिन मैं बार बार उसका हाथ रखवाता रहा।

फिर अंत में उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको पैंट के ऊपर से ही दबाते हुए सहलाने लगी।

मेरा लंड तनकर पत्थर हो चुका था जैसे पैंट को फाड़कर बाहर निकल आएगा।

अब मैंने अपनी गर्दन नीचे की ओर की और उसके हाथों को साइड में दबाकर उसकी चूत पर मुंह रख दिया।
उसकी चूत पर जीभ लगते ही मुझे उसकी चूत के रस का स्वाद मिला।

मेरे अंदर जैसे आग लग गई और मैं तेजी से उसकी चूत में जीभ देकर चूसने लगा।
वो भी एकदम से तेज तेज आवाज में सिसकारने लगी।
हम दोनों पागल से हो गए।

मैं जैसे उसकी चूत को खाने पर तुला था और वो मेरे सिर के बालों को नोंचने लगी थी।
ऐसा मन कर रहा था कि उसकी चूत को काट कर मांस को चबा चबाकर खा ही लूं।
इतनी लाल और रसीली चूत हो गई थी उसकी!

अब मैंने ज्यादा देर करना ठीक नहीं समझा क्योंकि हमारे पास टाइम भी कम ही था।
मैंने अपनी पैंट को खोल लिया और चड्डी नीचे करके उसकी चूत पर लंड को रख दिया।
मैं लंड को उसकी चूत पर ऊपर से नीचे तक चलाने लगा।

नायरा भी कहने लगी- अब कुछ कर दो माणिक, मुझे कुछ हो रहा है, मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं।
वो मेरा लंड लेने के लिए तड़प सी गई थी।

मैं भी उसकी चूत चोदने के लिए बेहद उतावला था। मैंने उसकी चूत पर लंड को सेट करके एक हल्का सा धक्का दिया और मेरा टोपा उसकी चूत में उतर गया।

इसी के साथ वो जोर से चीखी- आह्ह! नहीं … ना … रुको … निकालो!
मैंने कहा- बस, थोड़ा शुरू में ही दर्द होगा, फिर उसके बाद सब ठीक हो जाएगा।

उसको मैंने अपनी बांहों में भरा और उसके ऊपर लेटकर उसके होंठ पीते हुए धीरे धीरे लंड के धक्के लगाने लगा।
जैसे जैसे लंड उसकी चूत में अंदर सरकता जा रहा था उसकी कराहटें बढ़ती जा रही थीं।

वो दर्द से छटपटाने लगी थी लेकिन मैंने उसको प्यार से सहलाना जारी रखा और उसके होंठों को चूमता रहा।
धीरे धीरे करके मैंने पूरा लंड उसकी चूत में फंसा दिया।

अब मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था और अंदर बहुत ही गर्म गर्म महसूस हो रहा था।

धीरे धीरे मैंने उसको चोदना शुरू किया।
उसको अभी भी दर्द हो रहा था लेकिन मैं रुका नहीं।

मैंने उसकी चूत को फैलाना जारी रखा।

फिर पांच-सात मिनट तक ऐसे ही आहिस्ता आहिस्ता करने के बाद अब उसका दर्द खत्म होने लगा था।

इसके कुछ देर बाद ही उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूसते हुए मेरा साथ देने लगी।
अब उसकी दर्द भरी आवाजों की बजाय उसकी सेक्सी आवाजें आ रही थी- आह्ह … माणिक … ओह्ह … बहुत अच्छा लग रहा है … आह्ह … फक करो … आह्ह … चोदो … आह्ह … आई लव यू! माणिक… आह्ह।

मैंने भी उसके होंठों को चूमते हुए कहा- आई लव यू जान … आह्ह … बहुत मजा आ रहा है सेक्स करने में … तुम्हारी चूत बहुत गर्म और टाइट है।

इस तरह से हम दोनों एक दूसरे से सेक्सी बातें करते हुए चुदाई का मजा ले रहे थे।
पहाड़ी पर पूरा सन्नाटा था और हम दोनों की चुदाई की आवाज ही गूंज रही थी।

ऐसे माहौल में चुदाई करने में थोड़ा डर भी लग रहा था और मजा भी बहुत ज्यादा आ रहा था।
अब उसकी चूत आराम से मेरे लंड को ले रही थी।

मेरी स्पीड अब पूरी तेज हो चुकी थी, मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए।
अब उसकी जांघों पर मेरी जांघें टकरा रही थीं जिससे पट-पट की तेज तेज आवाज हो रही थी।

चुदाई को चलते हुए 15 मिनट से ज्यादा हो गए थे और अब मेरा माल बस निकलने की कगार पर था।

फिर मेरा लंड अकड़ने लगा और मेरे लंड ने जोरदार पिचकारियां मारते हुए वीर्य नायरा की चूत में उगल दिया।

मैं हांफता हुआ थम गया और उसके ऊपर ही लेट गया।
वो भी जोर जोर से हांफ रही थी।

हम दोनों को सामान्य अवस्था में आने में काफी समय लग गया।

जब हम होश में आए तो बदन ठंडे पड़ चुके थे। अंधेरा हो चुका था और ठंड सी पड़ने लगी थी।

हम जल्दी से उठे और अपने अपने कपड़े ठीक करने लगे।

नायरा ने अपनी चूत को देखा तो उस पर खून लगा हुआ था।
मैंने अपना रूमाल निकाला और उसकी चूत को साफ किया।

फिर मैं अपने लंड को अंदर डालने लगा।

मगर नायरा मेरे लंड को देख रही थी।
मैंने पूछा- क्या देख रही हो?
वो बोली- मैंने पहली बार ऐसे किसी का लंड देखा है।

मैंने कहा- तो क्या हुआ, तुम चाहो तो पकड़ कर देख सकती हो।
उसने कुछ नहीं कहा और मेरे पास आकर मेरे सोए हुए लंड को हाथ में पकड़ लिया।

हम दोनों के होंठ फिर से मिल गए।
एक बार फिर से किस करने में मजा आने लगा और हम दोनों वहीं पर लिपटे हुए किस करने लगे।

ऐसे करते करते मेरा लंड उसके हाथ में तन गया।

मैंने कहा- यार … एक बार लंड चूसने का मजा दो ना मुझे भी?
वो पहले तो मना करने लगी लेकिन फिर चूसने के लिए मान गयी।
वो नीचे घुटनों पर बैठकर मेरे लंड को चूसने लगी।

अब मुझे जन्नत का मजा मिलने लगा।
वो लॉलीपोप की तरह मेरे लंड को चूस रही थी।

उसके बाद मैंने उसको वहीं पत्थर पर झुका लिया और उसको घोड़ी बनाकर पीछे से चोदने लगा।

अबकी बार उसको बस थोड़ी देर के लिए दर्द हुआ और फिर वो आह्ह … आह्ह … की आवाज करते हुए चुदने लगी।
हम दोनों में चुदाई का दूसरा राउंड बहुत देर तक चला।

एक बार फिर से मैंने उसकी चूत में पानी निकाला और फिर हम वहां से आ गए।
उसकी चूत में कहीं बच्चा न ठहर जाए तो दोनों को इस बात का डर लग रहा था।

बीच रास्ते में से मैंने उसके लिए मेडीकल स्टोर से उसको दर्द और बच्चा न होने की दवाई दिलवा दी।

फिर हम दोनों वहां से आए और मैंने उसको उसके घर से थोड़ी दूरी पर ही छोड़ दिया।
उसके बाद से नायरा के साथ मेरी चुदाई की कहानी शुरू हो गई।
हम दोनों ने चुदाई के बहुत मजे लिए और अब भी लेते रहते हैं।

दोस्तो, ये थी मेरी गर्लफ्रेंड की चुदाई की स्टोरी।
आपको ये कहानी कैसी लगी, मुझे इस बारे में जरूर लिख भेजें।

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