चुदाई की लत ने रंडी बना दिया- 5

गैंग बैंग पोर्न स्टोरी में पढ़ें कि मैं हाई क्लास कालगर्ल बन रही थी. एक बार मेरे पुराने क्लाइंट ने मुझे मोटी रकम के साथ 5 लोगों से ग्रुप सेक्स की पेशकश की.

यह कहानी पढ़ें.

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कहानी के पिछले भाग
दो लंड से एक साथ चुदाने का अनुभव
में पढ़ा कि मुझे दो अमीर क्लाइंट मिल गए थे. उन्होंने मुझे मूत से भी नहलाया.

अब आगे गैंग बैंग पोर्न स्टोरी:

घर आकर सलीम में मुझसे पूरी रात के बारे में पूछा तो मैंने उसे सब बताया.
यह भी बताया कि मुझे पूरी रात की ₹100000 मिले हैं.
यह सुनकर सलीम बहुत खुश हो गया.

मैंने उसमें से ₹15000 सलीम को देकर कहा- यह तुम्हारी कमाई है. तुमने पहली बार मेरे लिए कोई ग्राहक बुक किया था, तुम्हें तुम्हारी दलाली तो मिलनी चाहिए!
सलीम ने कहा- मैंने अपनी दलाली तेरे ग्राहक से पहले ही ले ली है मेरी जान!

यह कहकर सलीम ने मुझे गोद में उठा लिया और मुझे किस करना शुरू कर दिया.
फिर उसने वहीं पर मुझे नंगी कर दिया और मेरी चुदाई शुरू कर दी.

मुझे अपने भाई सलीम से चुदने में बहुत मजा आता है.
भले ही उसका लंड इतना बड़ा नहीं है लेकिन वह मुझे बहुत ही प्यार से और रोमांस के साथ चोदता है.

और शायद कहीं ना कहीं भाई-बहन के बीच सेक्स को लेकर भी एक अलग ही रोमांच रहता है तो इसलिए भी मुझे उससे चुदना बहुत पसंद है.

सलीम ने मुझे जोरदार तरीके से चोदना शुरू कर दिया.
जैसे ही वो झड़ने वाला था, उसने मेरे मुंह में लंड डाल दिया और अपना सारा पानी मेरे मुंह में निकाल दिया.

फिर वो मुझे उठाकर बाथरूम में ले गया और मुझे नीचे बैठा दिया.

मैंने कहा- सलीम, मुझे पहले पेशाब करना है.
उसने कहा- आपा मेरी जान, आज आप मेरे मुंह में अपना मूत करो.
तो मैंने हँसते हुए कहा- चलो आज तुम्हें भी ये मज़ा देती हूँ.

फिर मैंने सलीम को नीचे लेटा दिया और उसके मुंह पर चूत रखकर मूतने लगी.
चूँकि मुझे बहुत जोर से मूत आ रहा था तो मैंने बहुत सारा टॉयलेट सलीम के मुंह में डाल दिया जिसे सलीम ने पी भी लिया.

जब मेरा मूत आना ख़त्म हो गया तो सलीम ने मेरी चूत चाटकर साफ़ भी की.

फिर वो उठ गया और बोला- अब मुझे भी आपके मुंह में मूतना है.
मैंने कहा- ठीक है, आ जाओ!

मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गयी और सलीम ने लंड मेरे मुंह में डाल दिया और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.

मुझे मेरे मुंह में एक गर्म धार महसूस हुई तो मैं समझ गयी कि सलीम ने मूतना शुरू कर दिया है.
मैंने सलीम का सारा मूत्र पी लिया.
उसका स्वाद अजीब सा था मगर इतना बुरा भी नहीं था कि पिया न जा सके.

सलीम ने थोड़ा सा मूत मेरे पूरे जिस्म पर भी डाल दिया था. वो मुझे अपने पेशाब से नहलाना चाहता था.
पर इससे पहले कि वो मुझे नहला पाता, उसका मूत खत्म हो गया.
मगर उसने फिर भी मेरे जिस्म को भिगो दिया था.

फिर हम दोनों नंगे ही नहाने लगे और उसके बाद हम बिस्तर पर आकर लेट गये.
सलीम ने मुझसे पूछा- मेरी जान कैसा लगा मेरा मूत पीकर?
मैंने कहा- सच में बहुत मज़ा आया. मैं ये सब पहली बार तुम्हरे साथ करना चाहती थी. मगर मुझे उन लोगों के साथ करना पड़ा.
तो सलीम ने कहा- कोई बात नहीं मेरी जान, आपने मेरी इतनी बड़ी इच्छा पूरी कर दी.
फिर वो मुझसे चिपट कर सो गया.

कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा.

सुनील और नीरज ने मुझे कई बार होटल बुलाकर चोद देते थे और वह हर बार ही मुझे बहुत अच्छा पैसा देते थे.

एक दिन चुदाई करने के बाद जो हम तीनों लेटे हुए थे.

सुनील ने मुझसे कहा- नसरीन जान, हमारे कुछ दोस्त हैं. वे भी तेरे साथ मजा करना चाहते हैं!
मैंने पूछा- कितने लोग हैं?
उसने बताया- हम दोनों को मिलाकर कुल 6 लोग हैं. और अगर तुमने हम सब को एक साथ खुश कर दिया तो हम तुझे इतना पैसा देंगे कि शायद फिर तुझे कभी यह काम करना ना पड़े!

सुनील ने बताया कि उसके बाकी के 4 दोस्त बहुत ज्यादा अमीर है और वे भारत से बाहर रहते हैं. वे किसी काम से भारत आए हुए हैं और एक नई लड़की के साथ चुदाई करना चाहते हैं. चारों बहुत बड़े किस्म के चोदू हैं. किसी भी लड़की की हालत खराब कर सकते हैं!

उसने मुझे कहा- देख हम नहीं चाहते कि तेरी हालत बहुत खराब हो जाए. इसलिए हम तुझसे पहले ही पूछ रहे हैं कि क्या तुम हम सबको एक साथ संभाल पाओगी?
तो मैंने कहा- मैं सोच कर बताती हूं.

यह कहकर मैंने सुनील का लंड चूसना शुरू कर दिया.
फिर नीरज ने पीछे से मेरी गांड मारनी शुरू कर दी.

उस दिन भी दोनों ने मुझे आगे पीछे दोनों तरफ से दबा कर चोदा.

अब मैंने किसी और से चुदाई करनी बंद कर दी थी क्यूँकि पैसों की मेरी भूख सुनील और नीरज पूरी कर देते थे.
कई बार तो वो मुझे अपने ऑफिस में बुला कर भी मेरी चुदाई कर दिया करते थे.

एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उनके ऑफिस में ही नौकरी करनी शुरू कर दूँ.
मैंने उनकी बात मान ली और वहीं नौकरी करनी शुरू कर दी.

अब तो वो दोनों रोज मुझे काम के बहाने अपने केबिन में बुला लेते थे और मेरी चुदाई कर दिया करते थे.
लेकिन मैं उनसे चुदाई के पैसे हर बार लेती थी.

फिर कुछ दिन बाद मेरे पास नीरज का फ़ोन आया तो उसने कहा- आज मेरे दोस्त किसी लड़की की चुदाई करना चाहते हैं. तो क्या तू आ जाएगी?
मैंने कुछ सोचकर उन्हें हाँ बोल दिया.

तो नीरज ने मुझे बोला- शाम को 7 बजे तुझे लेने के लिए गाड़ी भेजेंगे, उस गाड़ी में आ जाना।
मैंने हाँ तो बोल दिया था मगर मेरी गांड फट रही थी क्यूँकि मैंने पहले कभी इतने सारे लोगों के साथ एक साथ चुदाई नहीं की थी.

मगर पैसों के बारे में सोचकर मैंने सोच- आज मैं भी देखती हूँ कि कितना दम हैं उन बुड्ढों में!

मैंने शाम की तैयारी शुरू कर दी.
मैं पहले पार्लर गयी, वहां अच्छे से मेकअप करवाया और वैक्सिंग भी करवा ली.
अब मेरा जिस्म एकदम चिकना हो गया था.
मेरे बाल मैंने एकदम घुंघराले करवा लिए थे.

फिर मैं घर आकर तैयार होने लगी.
मैंने नीले रंग का एक बड़ा सा गाउन पहन लिया जो मेरे जिस्म से एकदम चिपका हुआ था.

मतलब कुल मिलकर आप यह कह सकते हैं कि उस वक़्त अगर मुझे कोई भी देख लेता तो वो मुझे चोदे बिना नहीं छोड़ता!

तभी मेरा भाई घर आ गया और मुझे देखते ही वो मेरे पास आने लगा.
परन्तु मैंने उसे रोक दिया और उसे सारी बात बताई.

तो वो मुझे बाँहों में भरते हुए बोला- वाह मेरी जान, आज तो तेरा गैंग बैंग होने वाला है. मगर यार आपा, आप इतने लोगों को एक साथ कैसे झेलोगी?
मैंने कहा- हां यार, डर तो मुझे भी लग रहा है. मगर मैंने अब हाँ बोल दिया है और फिर पैसे भी बहुत अच्छे मिल रहे हैं तो देखा जायेगा जो होगा!

यह बोलकर मैंने सलीम को कहा- सलीम अब मुझे छोड़ो … मुझे जाना है. और तुम ध्यान रखना, मैं सुबह तक आ जाऊंगी.
तभी मुझे फ़ोन आया कि मेरी गाड़ी आ गयी है.
मैं सलीम को बाय करके चली गयी.

मैंने देखा एक बहुत ही शानदार कार खड़ी थी.
मैं जाकर उसमें बैठ गयी.

कार एक बहुत ही शानदार फार्म हाउस के सामने जाकर रुकी.
मैं अन्दर जाने लगी।
वहां एक आदमी मुझे अंदर तक ले गया.

मैंने देखा कि वहां सुनील और नीरज पहले से ही मौजूद थे.
उनके साथ 4 लोग और भी थे. उनमें से 2 लोग विदेशी टाइप के लग रहे थे.
मगर थे सब तगड़े शरीर वाले!

तब मुझे सुनील की वो बात याद आ गयी जब उसने बोला था कि उसके दोस्त बहुत बड़े किस्म के चोदू हैं, वो हर लड़की की हालत ख़राब कर देते हैं.
यह बात सोचकर मुझे लगा कि सुनील की बात सही थी.

इनके शरीर देखकर मुझे अब थोड़ा डर भी लगने लगा था.
मगर मैं ये डर उनको नहीं दिखाना चाहती थी तो मैं मुस्कुराकर उनके पास गयी.

सुनील ने मेरे पास आकर मुझसे सबसे मिलवाया तो मैंने हाथ मिलाकर सबसे मिली.

उन सबके नाम कुछ इस तरह थे:
बलविंदर उर्फ़ बल्लू उम्र 51 साल, देखने में एकदम फौजी जैसा शरीर था उसका!
अवधेश उम्र 49 साल, देखने में ठीक ठाक था.
प्रमोद उर्फ़ पम्मी उम्र 49 साल.
राजेश उम्र 45 साल.
बाकी सुनील और नीरज को तो आप सभी जानते ही हैं.

जब मैं उन लोगों से मिल रही थी तो मैंने देखा नए वाले 4 लोग मुझे घूर घूर कर देख रह थे और मन ही मन मुस्कुरा रहे थे.
जैसे सोच रहे थे कि बकरी हलाल करने को मिल गयी.

फिर मुझे बल्लू ने हाथ पकड़कर अपने पास बैठ लिया और मुझे गाल पर किस करते हुए बोला- वाह, तुम तो बहुत खूबसूरत हो, आज मज़ा आ जायेगा.
यह सुनकर सब हंसने लगे.
मैं भी उसकी बात पर मुस्कुरा दी.

बल्लू ने अपना हाथ मेरी जांघों पर रख दिया.
अब मैं बल्लू और पम्मी के बीच बैठी हुई थी.

वे सब दारू पी रहे थे तो उन्होंने मुझे भी पीने को बोला.
तो मैंने कहा- मैं नहीं पीती!

पर बल्लू ने मेरे मुंह से दारू का गिलास लगा दिया जिसे मुझे मजबूरन पीना पड़ा.
फिर वो बोला- पी ले मेरी जान … क्यूँकि आज इसका नशा ही तुझे हमारी चुदाई से राहत देगा. वरना होश में तू हम सबको एक साथ नहीं झेल पायेगी.

हालाँकि मैंने पहले भी सलीम के साथ कई बार दारू पी हुई थी तो मैंने भी सोचा कि बात तो सही है.
तो मैंने दारू पी ली.

अब मुझे हल्का नशा होने लगा.

थोड़ी देर ऐसे ही बकचोदी करने के बाद सुनील ने उठकर गाना चला दिया और मुझे नाचने का इशारा किया.

मैं तो जैसे इसके लिए पहले से तैयार बैठी थी, मैं उठ गयी और उन सबके सामने जाकर नाचने लगी.
पूरी अदा के साथ मैं नाच रही थी.

मुझे नाचती हुई देखकर पम्मी और राजेश मेरे पास आ गये और मेरे साथ नाचने लगे.
वो मेरे जिस्म को पकड़ पकड़कर नाच रहे थे. बाकी के 4 लोग उन्हें देखकर आहें भर रहे थे.

सब के सब कपड़ों के ऊपर से अपने लंड सहला रहे थे.

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