पड़ोसन लड़की ने चूत का गिफ्ट दिया

गर्लफ्रेंड पोर्न कहानी मेरी पड़ोसन लड़की की है. मैं उसे लाइन मारता था, पर वो पट नहीं रही थी. फिर एक दिन उसने मुझे स्माइल दी और नम्बर माँगा.

मैं आर्यन 20 साल का हूं. मेरी गर्लफ्रेंड पोर्न कहानी पढ़कर बताना कि कैसी लगी.
कमेंट के साथ सीधे मेल करके बताना तो मुझे अच्छा लगेगा. मैं वादा करता हूँ कि आगे भी अपनी सेक्स कहानी आपको सुनाता रहूंगा.

मैं अपनी फैमिली के साथ दिल्ली में ही रहता हूं.
हमारे पड़ोस में एक फैमिली रहने आई थी, उसमें एक आंटी, उनका बेटा और उनकी बेटी थी. बेटी का नाम अनन्या था.
अनन्या कॉलेज में पढ़ती थी और उसका भाई दुबई में जॉब करता था.

मैं शाम को छत पर जाता तो अनन्या को पटाने की कोशिश करता.
वो मोबाइल पर किसी से बात करती रहती थी.

मैं भी उस पर लाइन मारता रहता था पर दो महीने कोशिश करने के बाद भी मैं उसको पटा नहीं सका.

दूसरी तरफ अनन्या कॉलेज में जाती थी वहां उसकी दोस्ती होना शुरू हुई तो वो साथ में पढ़ने वाले लड़के लड़कियों से बात करने लगी थी.

उसने अपनी एक सहेली से मेरे बारे में बात की कि कैसे मैं रोज छत पर जाकर उसको पटाने की कोशिश करता हूं.

फिर उसकी सहेली ने उसे बताया- शायद वो तेरे साथ दोस्ती करना चाहता है.
उस पर अनन्या बोली- मम्मी को पता चला तो दिक्कत हो जाएगी.
उसकी सहेली ने उसे समझाया- तू उससे अकेले में बात करना या फिर अपना नंबर उसको दे दे और फोन पर बात किया करना.

अनन्या सोचती रही कि कैसे बात करे, पर उसकी हिम्मत नहीं हुई.

एक सुबह उसने अपनी सहेली को बोला- मुझसे बात नहीं हो पाई, अब क्या करूं.
उसकी सहेली बोली- मैंने तो कल अपने ब्वॉयफ्रेंड से चुदाई करवाई थी और तू उससे बात भी नहीं कर पा रही है.

यह सुनकर अनन्या के मन में चुदाई की बात को लेकर बहुत सारे ख्याल आने लगे.
उसने अपनी सहेली से पूछा कि तूने कैसे चुदाई करवाई?

उसकी सहेली ने उसे बताया- मेरे ब्वॉयफ्रेंड का बर्थडे था, तो उसने मेरी चुदाई करके अपना बर्थडे मनाया था.

अब अनन्या के मन में पूरा दिन अपनी सहेली की बात चलती रही.
ये सब अनन्या ने मुझे बाद में बताया था.

शाम को मैं मम्मी पापा को रेलवे स्टेशन छोड़ कर आया था तो अनन्या अपनी छत पर खड़ी थी.

मैं भी उसे देखने के लिए अपने मेनगेट पर रुक गया.
उसने मेरी तरफ देख कर थोड़ी स्माइल पास की तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.

फिर अनन्या ने अपना मोबाइल दिखा कर इशारा किया तो मैंने उंगली से अपना नंबर बताया.
उसने वो नंबर लिखा और मोबाइल पर दिखा कर मुझे बताने लगी.

उसने मेरा नंबर सही लिखा था.
मैंने थम्ब कर इशारा किया तो उसने मेरा नंबर डायल कर दिया और मेरे फोन पर घंटी बज उठी.

मोबाइल निकाल कर मैंने देखा तो ट्रू कॉलर पर एंजल अनन्या लिखा हुआ था.

मैंने कॉल रिसीव की.

अनन्या- हैलो.
मैं- हाय अनन्या.

अनन्या- क्या कर रहे हो?
मैं- मम्मी पापा को स्टेशन छोड़ कर आया … वो गांव में गए हैं.

अनन्या- तो आज तुम अकेले हो!
मैं- हां घर में कोई नहीं है तो अकेला ही हूँ.

अनन्या- मेरी एक हेल्प करोगे!
मैं- बोलो क्या करना है?

अनन्या- अभी नहीं, रात को बताऊंगी.
मैं- ओके.

फिर उसने बाय बोला और कॉल कट कर दी.

मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मेरे साथ उस अनन्या ने बात की जिससे मैं बात करने को तड़प रहा था. उसने खुद बात की.

मैं फिर से उसको देखने लगा तो वो नहीं दिखी. मैं छत पर गया तो वो किसी से फोन पर बात कर रही थी.

उसे मैं ऐसे देख रहा था जैसे वो कोई परी हो जो ज़मीन पर पहली बार उतर कर आई हो.
वैसे वो सुंदर तो थी पर अब मुझे अनन्या दुनिया की सबसे सुंदर लड़की लग रही थी.

फिर वो छत से नीचे गई, मैं भी छत पर खड़ा होकर उसके आने का इंतजार करने लगा कि कब वो फिर से छत पर आएगी और मैं फिर से उसको देखूंगा.

मगर मैंने देखा कि उसके घर का गेट खुला और वो स्कूटी लेकर बाहर निकल गई.

मेरा तो जैसे दिल टूट गया.
अभी वो फोन पर बात कर रही थी और अभी चली गई.
शायद अपने ब्वॉयफ्रेंड से मिलने गई होगी.

मैं बस बुरा महसूस करते हुए नीचे आ गया. दिल में खराब खराब ख्याल आए, तो मैंने मोबाइल पर सेड सॉन्ग सुनने शुरू कर दिए.
मैं सेड सॉन्ग सुनता रहा.

फिर 11 बजे अनन्या का मैसेज आया ‘क्या कर रहे हो?’
मुझे गुस्सा तो बहुत आया पर मैंने खुद को संभाला और सोचा कि उसकी लाइफ है, वो जैसे जिए … मैं उसको क्यों कुछ बोलूं.

मैंने उसे रिप्लाई किया- कुछ नहीं, बस लेटा हुआ हूँ.
फिर वो पूछने लगी- खाना खाया?

मैंने बताया और वो इसी तरह की बात करती रही.

फिर उसका मैसेज आया- मुझे तुमसे कल मिलना है.
मैं- क्या हुआ?
अनन्या- बोला था ना, कुछ काम है.
मैं- अभी बोलो न, क्या काम है?

अनन्या- वो तो कल ही बताऊंगी, बस तुम कल सुबह जाना मत कहीं.

मैं काफी देर तक अपने टूटे हुए दिल से सवाल करता रहा.

फिर मैंने बोला- कल मेरा बर्थडे है. दोस्तों के साथ पार्टी करने जाऊंगा.

अनन्या- हैप्पी बर्थडे.
मैं- थैंक्स.

अनन्या- ओके तुम बाहर मत जाना … कल मैं तुम्हारे साथ पार्टी करूंगी.
मैं चुप हो गया.

उसका फिर से मैसेज आया- बताओ क्या लोगे गिफ्ट में?
मैं- कुछ नहीं.

अनन्या- अरे बोलो न … जो कहोगे, वो दूंगी.
मेरा मन तो कर रहा था कि उसको बताऊं कि तुम्हें पसंद करता हूं और तुमने दिल तोड़ कर गिफ्ट दे दिया है. पर मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा.

मैं बोला- तुमने विश कर दिया, मेरे लिए ये ही गिफ्ट है.
अनन्या- ओके तो मॉर्निंग में मिलते हैं.

मेरा मन थोड़ा बदला और गुस्सा भी कम हुआ, शायद उससे मिलने का एक्साइटमेंट ही होगा.

अगली सुबह 11 बजे अनन्या का गुड मॉर्निंग का मैसेज आया.
मैंने भी झट से रिप्लाई किया.

अनन्या बोली- गली के बाहर मिलो, मैं स्कूटी लेकर आती हूं.
मैंने पूछा- क्या हुआ?

वो बोली- तुम बस जल्दी से गली के बाहर जाओ, मैं आ रही हूं.

मैंने रात वाली लोवर और टी-शर्ट पहनी थी, तो बदलने का सोचा पर मैं जल्दी से घर से निकल गया और गली के बाहर खड़ा हो गया.

अनन्या स्कूटी लेकर घर से निकली और गली के बाहर आ गई. उसने व्हाइट शर्ट और जींस पहनी थी.
वो गजब लग रही थी.

उसने मुझसे कहा- जल्दी बैठो.

मैं उसके पीछे बैठ गया.
मुझे उसकी व्हाइट शर्ट में से ब्लैक ब्रा दिख रही थी.
मैं बड़े ध्यान से उसकी कमर पर ब्रा को देख रहा था.

उसने बोला- कैसी लग रही हूं मैं?
मैं- बहुत खूबसूरत लग रही हो.

अनन्या- थैंक्स.

मैं फिर से उसकी ब्रा को देखने लगा तो उसने ब्रेक लगा दिया और मैं आगे की तरफ खिसक कर उसके शरीर से चिपक गया.
पर मैंने अपने हाथ उससे दूर रखे.

अनन्या बोली- अरे पकड़ कर बैठ जाओ न … मैं बुरा नहीं मानूंगी.
मैं भी जैसे मौका ढूंढ रहा था. मैंने झट से अपने दोनों हाथ से उसकी कमर पकड़ ली.

उसने अपने जिस्म पर मेरे हाथ महसूस किए तो उसने सिहरन ली.
उफ्फ क्या लचक थी उसकी कमर में!

फिर उसने एक बेकरी पर स्कूटी रोकी और केक वाले को एक केक देने को बोला.
तब मुझे याद आया मैं तो पैसे लेकर ही नहीं आया.

उसने खुद ही 600 रूपए का केक ले लिया और मैं केक पकड़ कर पीछे बैठ गया.
वो स्कूटी चलाने लगी.

गली के बाहर आकर बोली- मैं स्कूटी घर में खड़ी करके आऊंगी, तुम तब तक घर में मेरा वेट करो और गेट बंद मत करना … मैं खुद अन्दर आ जाऊंगी.

वो स्कूटी लेकर चली गई.

मैंने भी घर आकर मेज पर केक रख दिया और कपड़े निकाल कर नहाने के लिए चला गया.

मेरी जान अनन्या पहली बार घर पर आ रही थी, मुझे हैंडसम लगना था न.

मैं एक्साइटमेंट में नहाने चला गया और काफी देर तक अपने आप तो साबुन रगड़ कर नहाता रहा.

करीब 10 मिनट बाद मुझे बाहर से अनन्या की आवाज आई.

मैंने कहा- मैं बाथरूम में हूँ. तुम बैठो.
वो बोली- मैं भी अन्दर आ जाऊं क्या?

मैंने सोचा आ गई तो पकड़ कर यहीं उसकी चूत बजा दूंगा, पर मैं कुछ बोला नहीं.
नहा कर मैंने कपड़े पहने और बाहर आ गया.

अनन्या सोफे पर बैठ कर मेरा वेट कर रही थी.
मुझे देख कर वो स्माइल करने लगी. फिर बोली- हैंडसम लग रहे हो बर्थडे ब्वॉय.
मैंने थैंक्स कहा.

उसने बोला- रात को नहीं आऊंगी, अभी केक काट लो प्लीज. मेरा फेवरेट केक है … खाने के बाद ही जाऊंगी.

“मैं तो सुबह 2 बजे काट देता, तुम बोलो तो.”
वो हंसने लगी.

फिर वो खड़ी हो गई और उसने अपने पर्स से एक कागज का लिफाफा सोफे पर रख दिया.

मैंने नोटिस किया पर कुछ पूछा नहीं.

फिर हमने केक खोला और उसमें रखा प्लास्टिक का चाकू निकाल कर केक काटा और मैंने एक बाइट अनन्या को खिलाया.

उसने थोड़ा सा खाया, फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और बचा हुआ मुझे खिलाया.

अब उसने और केक उठाया और मेरे चेहरे पर लगा दिया.
मैं चाहता तो उसको रोक सकता था पर मुझे अच्छा लगा.

फिर उसने बोला- अब बताओ क्या गिफ्ट लोगे?
मैं कुछ बोल नहीं सका और मेरा ध्यान सोफे पर रखे कागज के लिफाफे पर गया.
उसने मेरी नजरों का पीछा किया और बोली- अच्छा ये चाहिए?

मैं बोला- क्या है इसमें?
अनन्या- तुम्हारा गिफ्ट.

मैं- तो दो मुझे.
अनन्या- उससे पहले एक सवाल का जवाब दो.

मैं- बोलो क्या?
अनन्या- तुम मुझे पसंद करते हो क्या?

मैं- हां … करता हूं.
अनन्या- प्यार भी करते हो?

अब मैंने खुद को रोक नहीं सका और अनन्या को गले से लगा लिया. मैं बोला- आई लव यू सो मच अनन्या!
अनन्या- मुझे पहले क्यों नहीं बोला तुमने?

मैं- तुम फोन पर बात करती थीं, तो मुझे लगा तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड होगा.
अनन्या- यार वो मेरी कॉलेज फ्रेंड है … चाहो तो फोन चैक कर लो.

ये बोलती हुई अनन्या मुझसे अलग हो गई और अपना फोन निकाल कर मेरी तरफ कर दिया.

मैंने उसका फोन लेकर मेज पर रख दिया और उसे फिर से गले लगा कर बोला- आई ट्रस्ट यू अनन्या.

उसने बोला- तुम्हें याद है, मैंने रात एक हेल्प करने के लिए बोला था.
मैंने कहा- हां बोलो क्या करना है. आग लगा दूंगा तुम बस बोलो.

अनन्या- आग लगानी नहीं है … बुझानी है. आज मेरा सेक्स करने का मन है.
ये बोलते हुए उसने लिफाफे में से कंडोम का पैकेट निकाल कर मुझे दे दिया.

मैंने वो पैकेट लिया और उसको खोला उसमें से एक कंडोम को बाहर निकाल लिया.
इतने में उसने अपनी जींस उतार दी और ब्लैक पैंटी भी उतार दी.

अब उसकी नंगी जांघ मुझे दिख रही थी पर उसकी चूत उसके शर्ट से ढकी हुई थी.

मैंने भी देर नहीं की और अपनी शर्ट पैंट अंडरवियर सब उतार दिए.

अब मेरा खडा लंड उसको दिखने लगा तो उसने कहा- बहुत बड़ा है तुम्हारा.
वो मेरे पास आ गई और मेरा लंड पकड़ लिया.

आह क्या नर्म हाथ थे उसके … जैसे लंड होंठों में पकड़ लिया हो. फिर उसने लंड पर केक लगाया और चूसने लगी.
मुझे मजा आ रहा था.

फिर उसने बोला- अब तुम भी करो.
वो सोफे पर बैठ गई और उसने अपनी दोनों टांगों को खोल दिया.
उसकी चूत दिख रही थी.

जिंदगी मैंने पहली बार जवान चूत को देखा था, बड़ा अच्छा लग रहा था.

मैं कालीन पर घुटने मोड़ कर उसकी गोरी गोरी चूत पर केक लगा कर चूत को चाटने लगा.

वो कामुक सिसकारी भरने लगी- अह्ह अह्ह आर्यन उह्ह्ह चाटो मेरी चूत को … आह मजा आ रहा है.
ये कह कर वो मेरा सिर अपनी चूत में दबा रही थी और मादक सिसकियां निकाल रही थी.

फिर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया तो मैंने उसकी चूत का सारा पानी पी लिया.

अब मेरा मन उसको चोदने को हुआ, मैंने कहा- अब करें?
अनन्या बोली- यहीं करोगे?
मैंने जमीन पर पड़े कालीन को देखा और बोला- हां यहीं कर लो.

वो मान गई और अनन्या नीचे जमीन पर पड़े कालीन पर लेट गई.
मैंने बोला- शर्ट भी उतार दो, मुझे ब्रा में कसे हुए बूब्स देखने हैं.

तो वो स्माइल करते हुआ बोली- अरे ब्रा तो तुम स्कूटी पर देख चुके हो.
ये कह कर उसने बैठ कर शर्ट भी उतार दी और ब्लैक ब्रा की स्ट्रिप पर उंगली रख कर दिखाने लगी.

मैंने अनन्या के एक चूचे को दबाया और ब्रा उतार दी.
उसने बोला- पहले कंडोम लगा लो, फिर करना.

मैंने कंडोम अपने लंड पर लगाया.
वो मेरे सामने अपनी टांग फैला कर लेट गई.

मैं उसके पैरों के बीच में आ गया और उसकी क्लीन चूत को देखा.
जितनी सुंदर अनन्या थी, उससे भी सुंदर उसकी चूत लग रही थी.

मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा तो वो बोली- मेरा फर्स्ट टाइम है … धीरे धीरे करना.

तब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने हाथों में पकड़ा और धक्का लगाया पर लंड चूत से रगड़ कर ऊपर निकल गया.

अब अनन्या ने अपने हाथ में मेरा लंड पकड़ा और छेद पर सैट किया.
वो बोली- धीरे से अन्दर करो.

मैंने एक और धक्का लगाया तो लंड थोड़ा सा अन्दर घुस गया.

अनन्या का हाथ मेरे लंड से अलग हो गया और उसने जमीन पर पड़े कालीन को दोनों हाथों से ऐसे टाइट पकड़ लिया जैसे मुझे एक और धक्का लगाने को बोल रही हो.

मैंने एक और धक्का लगाया, वो चिल्ला पड़ी क्योंकि लंड पूरा अन्दर घुस गया था.

मैं उसकी आवाज सुन कर रुक गया और लंड भी बाहर निकाल लिया.
उसकी चूत से खून निकल गया था और वो गर्दन उठा कर मुझे देख रही थी.

उसकी चूत पर खून दिख रहा था और कंडोम पर भी खून लगा था.
मुझे थोड़ा बुरा लगा.

मैंने सॉरी बोला तो अनन्या ने कहा- कोई बात नहीं, पहली बार में थोड़ा दर्द होता है. तुम मुझे उठा कर बाथरूम में ले चलो.

मैंने अनन्या को गोद में उठा लिया और बाथरूम में ले गया.
वो खड़ी हो गई तो खून फर्श पर भी गिर गया.

मैंने शॉवर चला दिया और हम दोनों के ऊपर पानी गिरने लगा.
अनन्या ने धीरे धीरे से अपनी चूत को साफ़ किया.

कुछ देर नहाने के बाद मैंने अनन्या को बोला- अब तो दर्द नहीं है.
वो बोली- नहीं अब ठीक है. चलो फिर से करते हैं.

उसकी स्माइल देख कर मैं समझ गया कि वो अब ठीक है.

मैंने खड़े खड़े ही अपना लंड उसकी चूत में घुसाया और धक्के लगाने लगा.
वो भी मेरी कमर पर हाथ बांध कर मजा लेने लगी.

मैं मजे से उसको चोदता रहा. हम दोनों मजे से चुदाई करने लगे.
कुछ देर बाद मेरा माल निकल गया. अब मैंने कंडोम को निकाल कर फैंक दिया.

मैंने लंड को शॉवर में साफ कर लिया.

तौलिया उठा कर मैंने खुद को पौंछा और अनन्या के नंगे जिस्म को पौंछा.

अनन्या बोली- मुझे दूसरा टॉवल दो, मेरे बाल गीले हो गए हैं.
मैंने कहा- बेडरूम में चलो, दूसरा टॉवल वहीं पर है.

मैं और अनन्या बेडरूम में आ गए.
मैंने उसे तौलिया दिया.
उसने अपने बाल और जिस्म को साफ किया और टॉवल से बालों को लपेट लिया.

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.

उसे देख कर वो हंसी और बोली- एक बार और करें?
मैंने उसको बेड पर गिरा दिया और उसके होंठों पर किस करते हुए अपना लंड चूत में घुसाने लगा.

अनन्या ने मेरे होंठों में से अपने होंठों निकाल लिए और बोली- कंडोम लगा कर करो.

मैं उसके ऊपर से हटा और कंडोम देखने लगा.
तब मुझे याद आया कंडोम तो बैठक में हैं.

मैंने बाहर से कंडोम लिया और लंड पर सैट करके फिर से अनन्या के ऊपर लेट गया.

वो बोली- आर्यन, मैं रिस्क नहीं ले सकती …
मैंने कहा- कोई बात नहीं मुझे कंडोम लगा कर भी अच्छा लग रहा है.

उसने थैंक्स बोला और मैंने फिर से अनन्या की चूत में लंड पेल दिया.

अब चुदाई शुरू हो गई और मैं धक्के लगाने लगा.
अनन्या भी अपनी गांड उठा कर मजे से चुद रही थी.

मैं जोश में उसकी चूत में अन्दर तक घुसा कर धक्के लगा रहा था.

कुछ देर बाद मैं रुक गया और मैंने उसको डॉगी स्टाइल में होने को बोला.

अनन्या उल्टी होकर अपने हाथों पर अपना शरीर संभाल कर डॉगी की तरह घुटनों पर झुक गई.

मैंने फिर से लंड उसकी चूत में फंसा दिया.
चुदाई शुरू हुई तो वो फिर से आवाज करने लगी.

इस बार मैं भी जोश में जोर जोर से पेल रहा था.
कुछ पल बाद वो झड़ गई और बेड पर सीधे लेट गई.

पर मैं इतनी जल्दी अनन्या को छोड़ने वाला नहीं था.
मैं फिर मिशनरी पोजिशन में उसको चोदने लगा.

हम दोनों काफी देर तक चुदाई करते रहे और दो बार चुदाई के बाद हम रुक गए.

फिर काफी देर तक नंगे ही बेड पर बातें करते रहे.
मैं उसकी चूचियों से खेलता रहा. उसकी चूचियों का साइज़ 32 था.

वो बाल सुखाने के बाद अपने घर चली गई.
मैं टॉयलेट गया तो उधर मैंने अनन्या की ब्रा देखी.

मुझे ध्यान आया वो कपड़े पहनते हुए ब्रा भूल गई. मैंने उसे याद के लिए वो ब्रा अपने कमरे में छुपा कर रख ली.

तभी अनन्या का मैसेज आया कि टॉयलेट में मैंने तुम्हारे लिए एक गिफ्ट छोड़ा है.

मैंने हंस कर कहा- हां उसे लंड पर लपेट कर तुम्हें याद कर रहा हूँ.
वो बोली- साले यदि मेरा माल खराब किया तो मारूंगी.

मैंने कहा- अरे यार ब्रा को धो दूंगा.
वो बोली- चूतिया हो क्या … मैं लंड के माल की कह रही हूँ. वो अबसे मेरा माल है.

मैं हंस दिया और हम दोनों प्यार भरी बातें करने लगे.

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