बचपन के प्यार की सीलतोड़ चुत चुदाई

1st सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मैं पड़ोस की एक लड़की को दिल से चाहता था पर उसने मेरे प्यार को ठुकरा दिया. उसका रिश्ता तय होने के बाद मैंने उसकी सील कैसे तोड़ी?

दोस्तो, मेरा नाम रॉकी है. मेरी 1st सेक्स की कहानी में आपका स्वागत है.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी एक गर्लफ्रेंड की है जिससे मैं बचपन से प्यार करता आ रहा हूँ.

पहले मैं अपना पूरा परिचय दे देता हूँ. मैं जयपुर का रहने वाला एक सामान्य सा दिखने वाला एक जवान लौंडा हूँ. मेरी हाईट 6 फ़ीट है और रंग गेहुंआ है. मैं बैंक में काम करता हूँ.

मैं कॉलेज के समय से ही अन्तर्वासना पर प्रकाशित सेक्स कहानी पढ़ता आ रहा हूँ.
मैंने खुद भी कई रोचक तरीकों से सेक्स करने की कल्पना की है. उसमें से ही ये एक कल्पना से 1st सेक्स की कहानी लिख रहा हूँ.

यह सेक्स कहानी कुछ समय पहले उस समय की है, जब मैंने कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरी की थी.

मेरे पड़ोस में मेरी एक प्यारी सी लड़की रहती है, जिससे मैं बचपन से प्यार करता आ रहा हूँ … लेकिन उसे अपना प्यार जताने की मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई.
हम दोनों के परिवारों में काफी अच्छे सम्बन्ध थे, इस वजह से मैं ज्यादा हिम्मत नहीं कर पा रहा था कि कहीं हमारे परिवारों के बीच कोई कटुता न पैदा हो जाए.

फिर एक दिन मैंने हिम्मत करके उसे अपने दिल की बात बता ही दी.

लेकिन उस समय उसने मेरा प्रस्ताव यह कहकर ठुकरा दिया कि वो लव मैरिज नहीं करना चाहती है.

मेरे लाख समझाने और कोशिश करने पर भी वो नहीं मानी. मैंने भी उसे फ़ोर्स करना अच्छा नहीं समझा.

फिर हम दोनों अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए.

एक दिन मुझे खबर लगी कि उसके लिए एक विदेश में नौकरी कर रहे लड़के का रिश्ता आया है.
ये जानकर मैं बहुत निराश हुआ क्योंकि मैं अभी भी उससे बहुत प्यार करता था.

एक दिन हमारे परिवार के लोग किसी रिश्तेदार की शादी में गए थे.
मैं घर पर अकेला था. मैं पूरे दिन काम का थका शाम को हाफ-डे लेकर ऑफिस से जल्दी आ गया था और आते ही बेड पर सो गया.

करीब आधे घंटे बाद मेरे घर की डोर बेल बजी.

मैंने पूछा- कौन है?
बाहर से मिहिरा की आवाज आई- मैं हूँ.

ये मिहिरा मेरी वही पड़ोसन है … जिससे में प्यार करता हूँ.

मैं आपको मिहिरा के बारे में बता दूँ कि वो एक सुन्दर, कमसिन, कोमल, हॉट एवं काफी प्यारी सी लड़की है. उसका फिगर 32-24-30 का है.
पहली नजर में जो भी उसे देखता, उसकी खूबसूरती का दीवाना बन जाता था.

जब दरवाजे पर उसकी आवाज सुनी, तो मैं उठ गया और उसे अन्दर आने को कहा.

जैसे ही वो अन्दर आई, मैंने उसे ऊपर से नीचे तक निहारा.
उसने टाइट कुर्ती सलवार पहना हुआ था. उसके तने हुए दूध देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए.

मैंने उसे अन्दर आने को कहा.

हम दोनों अन्दर आकर बात करने लगे.

उसने सभी की अनुपस्थिति को लेकर पूछा.
तो मैंने सभी को शादी में जाना बताया.

उसने मुझसे पूछा कि तुम शादी में क्यों नहीं गए?
तो मैंने उत्तर दिया कि मेरा मन नहीं था.

कुछ देर तक यूं ही बात करते रहने के बाद उसने पूछा- घर के लोग वापस कब आएंगे?
मैंने कहा- दो दिन बाद आएंगे.

उसने मुझे खाना खाने के लिए पूछा.
तो मैंने जवाब में मना कर दिया क्योंकि मैं तो उसके प्यार का भूखा था.

मेरे मना करने पर वो जाने लगी और जैसे ही वो मुड़ी … तो उसकी चुनरी उसके पैरों में फंस गई और वो घूम कर मेरे ऊपर गिर गयी.

इस तरह से हम दोनों में एक चुम्बन का सीन हो गया.

यह अहसास मेरे लिए काफी रोमांचक था. हम दोनों की आंखें एक दूसरे की आंखों में स्थिर हो गईं और कुछ आश्चर्यचकित सी रह गईं.

क्या बताऊं दोस्तो, उसका कोमल शरीर मेरे बदन से सट गया था और उसके बड़े बड़े स्तन मेरी छाती को छू रहे थे.
मुझे लग रहा था मानो कोई मुलायम गद्दे मेरे सीने दब गए हों.
हमारी धड़कनें तेज हो गईं.

फिर वो धीरे से उठने हो हुई.
मगर उसी समय मैंने उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक और होंठों पर मुस्कान देखी.

मुझे उसकी आंखों में एक ऐसी कामना सी दिखी मानो वो मुझे फिर से चूमने का न्यौता दे रही हो.

हमारी सांसें गर्म हो चुकी थीं और हमारी नजरें एक दूसरे को ही ताक रही थीं.

मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसे चूमने लगा.

पहले तो उसने विरोध किया लेकिन फिर उसने भी मेरा साथ दिया और हम एक दूसरे को चूमने चाटने लगे.

कभी मैं उसके मुलायम गुलाब जैसे होंठों को चूमता, तो कभी गर्दन पर किस करता, तो कभी उसके कान की लौ काट लेता.

वो भी मुझे इसी तरह से चूमने लगी. हमें कोई होश नहीं था … हम एक दूसरे में मदहोश हुए जा रहे थे.

थोड़ी देर चूमने के बाद मैंने उसे जल्दी से पलटा दिया और मैं उसके ऊपर आकर उसे चूमने लगा.

उसे चूमते चूमते मेरा हाथ उसके स्तनों को दबाने लगे.
उसके स्तन इतने बड़े थे कि एक स्तन मेरे पूरे हाथ में नहीं आ रहा था.

मैं यूं ही धीरे धीरे उसके स्तनों को मसलता रहा और दबाता रहा.
उसे भी मजा आने लगा और उसके मुंह से ‘आह … आह …’ की मादक आवाज आने लगी.
उसकी कामुक सिस्कारियां मुझे और उकसाने लगी थीं.

धीरे धीरे मैं अपना एक हाथ उसकी चूत पर ले गया और चुत को कपड़ों के ऊपर से ही मसलने लगा.

पहले तो उसने मुझे रोका, लेकिन जब मैं नहीं रुका तो थोड़ी देर बाद उसने मुझे रोकना बंद कर दिया.
शायद उसे भी अब मज़ा आने लगा था.

ये सब चलते चलते पूरे कमरे में उसकी मादक सिसकारियों और मनमोहक खुशबू फ़ैल गई थी.
मेरा लंड धीरे धीरे कड़क होने लगा था और उसे पैंट में से चुभने लगा था.

वो धीमी आवाज में बोली- ये क्या चुभ रहा है?

उसकी बात सुनकर मैं रुक गया और जरा उठ सा गया.
उसने मेरे पैंट पर बने तम्बू को देखा और सोच में पड़ गयी कि ये क्या है?

मैंने मुस्कुराकर कहा- क्या तुम्हें वाकयी नहीं पता कि ये क्या है?
उसने शर्मा कर न में सर हिला दिया.

मैंने उसके कान में कहा कि ये मेरा औज़ार है और इससे हम मर्द, चुत चोदते हैं.
उसने शर्मा कर पूछा कि चुत माने क्या?

मैंने उसकी चूत की ओर इशारा करते हुए उसे बताया कि चुत इधर होती है.

वो शर्मा गई और मुस्कुराने लगी.

उसे मुस्कुराता देख कर मेरी उत्तेजना और भी बढ़ गयी.

तभी उसने आव देखा न ताव … और फट से मेरी पैंट का बटन और चैन खोल दी.
मैंने अंडरवियर पहना था, जिसमें से मेरा लंड और भी बड़ा लग रहा था.

उसने मेरे लंड को हाथ में लिया और मसलने लगी.

पहली बार किसी लड़की ने मेरे लंड को टच किया था; मैं सिहर उठा और पागल सा हो गया.
वासना में मैं उसके मम्मों को जोरों से दबाने लगा और किस करने लगा.
वो भी गर्मा उठी थी.

मैंने देर न करते हुए उसकी कुर्ती को ऊपर किया और उसकी गर्दन से निकालते हुए अलग को फेंक दिया.

उसने अन्दर लाल कलर की नेट वाली ब्रा पहनी थी.
लाल मेरा पसंदीदा रंग है तो मेरी वासना और भी भड़क गई.

मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके स्तन दबाता और चूमता रहा और उसकी गर्म गर्म सांसें तेज होने लगीं.

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी पीठ के पीछे हाथ लेजाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
उसकी ब्रा उतार कर अलग कर दी तो उसने शर्मा कर अपने स्तनों पर हाथ रख लिया और उन्हें ढक दिया.

मैंने उसके हाथों को प्यार से हटाया और उसके स्तनों से अलग कर दिया.

मेरे सामने दुनिया के बेहतरीन स्तन खुल गए थे.
ये इतने मादक थे कि मैंने अब तक कभी भी किसी साईट में नहीं देखे थे … बल्कि अपनी कल्पना में भी ऐसे चुचे नहीं सोचे थे.

उसके स्तन किसी पोर्नस्टार से भी अच्छे थे. मैं तो बस उन्हें देखता ही रह गया.
दूसरी तरफ उसने शर्म के मारे अपनी आंखें बंद कर लीं.

मैंने उसके एक स्तन को हाथ में लिया और सहलाते हुए दबाने लगा. दूसरे स्तन की चौंच को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा.

आह ऐसा स्वाद मैंने अब तक कभी नहीं लिया था.
मैं एकदम से बौरा सा गया था. कभी उसके एक स्तन को दबाता, तो कभी कसके चूसने लगता. उसके दूध को जोर जोर से पीता … तो कभी उसकी चूची को जोर से भींच देता.

कुछ पल बाद मैं नीचे नाभि पर चूमने लगा. मैं अपनी जुबान से उसकी नाभि को चोदने सा लगा था.

वो तेज तेज स्वर में ‘आह .. आह ..’ की आवाजें निकालने लगी थी.

कुछ देर बाद उसने मुझे खड़ा किया और खुद बैठ कर मेरी अंडरवियर को उतारने की जगह एक झटके से फाड़ दिया और मेरे लंड को आज़ाद कर दिया.

मेरा 7 इंच का फनफनाता लंड देख कर उसके होश उड़ गए और वो घबरा गयी.
वो लंड देख कर कहने लगी कि य…ये क्या है … इतना बड़ा और सख्त!

मैंने कहा- ये मेरा औजार है और इसे लंड भी कहते हैं. अंग्रेजी में पेनिस इसे कहते हैं. क्यों … क्या तुमने पहले कभी लंड नहीं देखा?
उसने कहा- देखा है … लेकिन केवल फोटो में … मगर इतना बड़ा नहीं देखा.

वो मेरे लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी.
उससे रहा नहीं गया और उसने मेरे लंड को मुंह में भर लिया और उसे कुल्फी की तरह चूसने चाटने लगी.

मुझे मज़ा आने लगा.
लेकिन मेरा सिर्फ आधा लंड ही उसके मुँह में जा रहा था तो मैंने जोर से उसका मुँह दबाया और मेरा पूरा लंड उसके गले तक चला गया.
उसने झट से लंड बाहर निकाला और खांसने लगी.

मैंने उसे उठाया और उसे किस करने लगा और उसका स्तन पान करने लगा.
वो मुझे खुद दूध पिलाने लगी.

कुछ पल बाद मैंने उसे उठा कर बेड पर लुढ़का दिया और उसे पागलों की तरह चूमने लगा; उसके मम्मों को दबाने लगा.
उसकी वासना से लबरेज सिसकारियां पूरे वातावरण को मादक बना रही थीं.

अचानक से उसका शरीर अकड़ने लगा.
मैं समझ गया कि उसका पानी छूट गया है. लेकिन उसके लिए ये पहला अनुभव था … तो वो डर गई कि उसे क्या हो रहा है … कहीं पीरियड्स तो नहीं होने लगे हैं.

मैंने उसे समझाया कि ये तुम्हारी चुत से निकलने वाला पानी है … जो उत्तेजना बढ़ने पर निकलता है.

उसकी सलवार गीली हो चुकी थी.
मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोला और उसे उतार दिया.
उसने अन्दर नेट वाली लाल पैंटी पहनी थी, जो पूरी गीली हो चुकी थी.

मैं लाल रंग की गीली पैंटी में उसकी फूली हुई चुत देख कर एकदम पागल हो गया और मैंने देर न करते हुए उसकी पैंटी को उतार फैंका.

अब मेरे सामने एक कमसिन कुंवारी नंगी चूत थी. उसकी चुत पर बारीक झांटें उगी थीं.
चुत ऐसी लग रही थी … जैसे कुछ ही दिन पहले उसने चुत की झांटें साफ़ की हों.

मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह रखा और उसकी खुशबू लेने लगा.
काफी मनमोहक सुगंध थी.

मैं उसकी चूत को चाटने लगा, उसे गुदगुदी होने लगी और वो हंस पड़ी.

धीरे से मैंने उसकी चुत में अपनी जीभ लगा दी … लेकिन उसकी चुत काफी टाइट थी और मेरी जुबान अन्दर न जा सकी.
मैंने फिर से कोशिश की मगर फिर से असफल हो गया.

अब मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चुत को फैलाया और अपनी जीभ दरार में डाली.
मेरी जीभ अन्दर तो गई मगर एक तंग जगह में फंस सी गयी.

मैं धीरे धीरे जुबान को अन्दर बाहर करने लगा और अपने हाथों से उसके बड़े स्तनों को दबाता रहा.

वो ‘आह … आह … आह …’ की मादक आवाज निकालने लगी थी.

थोड़ी देर ऐसा करने के बाद वो फिर से झड़ गयी और मैंने उसका सारा पानी पी लिया.
उसकी कुंवारी चुत का रस ऐसा लगा मानो मैंने अमृत पी लिया हो.

वो झड़ने के बाद निढाल हो चुकी थी.

कुछ देर बाद हम दोनों 69 की मुद्रा में आ गए.
मैंने अपना लंड उसके मुंह में दे दिया और वो उसे मसल मसल कर चूसने लगी.
कभी वो लंड के ऊपर के सुपारे को चूसती … तो कभी मेरे आंडों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसती.

एक तरफ वो मेरे लंड को चूस रही थी और दूसरी तरफ मैं अपनी उंगली उसकी चुत में डालने लगा था.

उसकी चुत एकदम टाईट थी तो उंगली तक घुसेड़ने में मुश्किल हो रही थी.
मैंने मेज़ पर रखा तेल उठा लिया और हाथ पर लगा कर उसकी चुत में मलने लगा.

उसकी चुत के अन्दर तक कुछ तेल गया, तो अब मेरी उंगली उसकी चुत में आसानी से अन्दर चली गयी.

उंगली को अपनी चुत के अन्दर लेते ही वो सिसक उठी और गांड उठाने लगी.

कुछ देर एक उंगली से ही चुत को ढीला करने के बाद मैं अपनी दो उंगलियों से उसे चोदने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा.

अब उससे रहा नहीं गया और वो गिड़गिड़ाने सी लगी- आह रॉकी प्लीज … मुझसे रहा नहीं जाता … अब मुझे चोद दो. मुझे अपनी रानी बना लो.

उसके मुँह से यह सुन कर मैं चौंक गया और काफी खुश हुआ.
मैं उस पर से उठा और नंगा ही भाग कर अपने बड़े भाई के कमरे में गया, उसकी अलमारी से कंडोम का पैकेट ले आया.

मेरे बड़े भाई की शादी कुछ महीने पहले ही हुयी थी. मुझे मालूम था कि वो भाभी को कंडोम लगा कर ही चोदता है.

दोस्तो, चाहे कुछ भी हो … सेफ्टी फर्स्ट होती है. कभी कोई रिस्क नहीं लेना चाहिए.

मैं जल्दी से कंडोम लेकर आया और अपने लंड पर पहनने लगा.

उसने पूछा कि ये क्यों?
मैंने कहा- सेफ्टी जरूरी है … तुम्हारे लिए भी … और मेरे लिए भी!

मेरी बात सुनकर वो खुश हो गई और उसने मुझे गले से लगा लिया.

मैंने झट से कंडोम पहन लिया और उसे लिटा कर चूमने चाटने लगा.
अब मैंने अपना तना हुआ लंड उसकी बुर पर रखा और चुत के ऊपर घिसने लगा.
वो मेरे लंड को चुत में लेने के लिए तड़प रही थी.

अपनी आंखें बंद किए हुए वो मादक सिसकारियां ले रही थी.
मैं लंड चुत पर घिस कर उसे और उकसा रहा था.

वो कहने लगी- मेरे राजा … अब देर मत करो … और डाल दो इस हथियार को मेरी चुत में.

मैंने अपना लंड उसकी गर्म चूत के द्वार पर सैट किया और हल्का सा धक्का दे दिया.
लेकिन उसकी चूत काफी टाइट थी … पहली बार जो चुद रही थी.
मेरा लंड फिसल गया और यह देख कर वो हंस पड़ी.

मैंने उसकी गांड को कसके पकड़ा और लंड को फिर से सैट किया.
इस बार सुपारा चुत की फांकों के मध्य जैसे ही सैट हुआ … मैंने जोर का धक्का लगा दिया. मेरे लंड का मुखड़ा उसकी चूत में घुसता चला गया.

मोटा लंड जब संकरी चुत में घुसा, तो वो जोर से चीख पड़ी.
वो रोने लगी … मैं उसे किस करने लगा ताकि उसकी चीख दब जाए.

वो रोती हुई कहने लगी- इसे निकालो … मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मैं उसे चूमने लगा और उसके स्तन दबाने लगा.

थोड़ी देर बाद वो शांत हुई तो मैंने एक और जोर का धक्का दे दिया.
इस बार मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया था.

वो फिर से चीख उठी- हाय मर गई मैं तो … इसे निकालो … मुझे नहीं करना.

लेकिन अब मैं कहां रुकने वाला था … मैंने एक और जोर का झटका दे दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस गया था.

वो दर्द से कराह रही थी और उसके आंसू रुक ही नहीं रहे थे. मैं उसे चूमता रहा ताकि वो शांत हो जाए.

थोड़ी देर मैं ऐसे ही पड़ा रहा.
फिर कुछ पल बाद जब वो शांत हुई तो मैं आगे पीछे होकर लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
पहले उसे दर्द हुआ … फिर वो भी मजे लेकर मेरा साथ देने लगी.

अब तो वो अपनी गांड को उछाल उछाल कर साथ देने लगी थी.
मैंने उसकी टांगों को अपने कंधे पर लिया और उसकी गांड पकड़ कर जोर जोर से झटके मारने लगा.

पूरे कमरे में उसकी सिस्कारियों की आवाज ‘आह … आह … ओह माय गॉड … फ़क मी फ़क मी … रॉकी.’ और ‘फच्च फच्च …’ की आवाजें गूंजने लगीं.

मैंने दस बारह तेज शॉट मारे और उससे पूछा- मजा आ रहा है जान!
वो चीखने लगी, चिल्लाने लगी- ओह रॉकी बहुत मज़ा आ रहा … और जोर से करो … आह.

मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दी.
करीब 15 मिनट बाद मैं झड़ गया.

इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी. मैं लंड उसकी चूत में रखे ही उस पर लेटकर सो गया.

कुछ देर बाद मेरी आंखें खुलीं, तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर खून लगा था.
मैंने देखा कि वो खून मिहिरा की चूत से आ रहा था.

मुझे पता था कि पहली चुदाई में लड़की की सील टूटने पर खून निकलता है.
मुझे लगा अगर मिहिरा ने ये देख लिया तो वो घबरा जाएगी.

वो अभी सो रही थी.

मैं जल्दी से बाथरूम से गीला कपड़ा लेकर आया और उसकी चूत और मेरे लंड से खून साफ़ किया.

लेकिन अभी भी बेडशीट पर खून लगा था. मैंने मिहिरा को उठाया तो उसमें उठने की भी ताकत नहीं थी.

मैंने उसे सहारा देकर उठाया और अपनी गोद में उठा कर उसे बाथरूम में ले गया, उसे बाथटब में लिटा दिया और हल्का गर्म पानी भर दिया.
गर्म पानी में उसे अच्छा लगा.

वो अपने बदन की गुनगुने पानी से सिकाई करने लगी.
तब तक मैंने जल्दी से कमरे में आकर बेडशीट को हटाया और धोने में डाल दिया.

फिर मैं भी बाथरूम में आ गया और मिहिरा के साथ बाथटब में बैठ गया.

मैंने उसे अपनी तरफ किया और उसके गोरे बदन पर साबुन मलने लगा.
कभी उसके स्तन पर साबुन लगा कर दूध मसलता और दबाता, तो कभी उसकी चूत के ऊपर साबुन लगाता और अन्दर तक उंगली डाल कर चुत को मसलता.

इसी तरह वो भी मेरे लंड पर साबुन मलती और उसे मसलती रही.

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैं उसकी गांड मसलने लगा.
मैं टब में ही लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी.

मेरे लंड को हाथ में लेकर वो अपनी चूत पर सैट करने लगी.
धीरे से मेरा लंड उसकी चूत में जाने लगा.

अब वो धीरे धीरे अपनी गांड को हिलाने लगी और ऊपर नीचे होने लगी. इसी तरह हमने कई पोजीशन में टब में ही चुदाई की.
डॉगी स्टाइल में कभी 69 में चुदाई का मजा आता रहा. कभी मैं उसके ऊपर चढ़ जाता … तो कभी वो मेरे ऊपर चढ़ जाती.

1st सेक्स करने के बाद मैंने उसे पूछा- तू तो बड़ी अनजान बन रही थी चूत लंड से? फिर कैसे तुझे सब पता चल गया और …
वो बोली- वो तो मैं ऐसे ही भोली बन कर दिखा रही थी. ब्लू फ़िल्में देख कर मुझे सब पता था पहले से!

उस रात हमने पूरे घर में कई जगह और कई बार चुदाई की. किचन में, खाना खाते समय डाइनिंग टेबल पर भी उसे चोदा, टीवी देखते समय सोफे पर चोदा. टहलते समय छत पर भी चोदा.

उस रात की सेक्स कहानी आगे भी बताऊंगा मगर वो सब अगली बार लिखूंगा.

उस दिन के बाद जब भी हम दोनों अकेले में मिलते हैं, तो मिनटों तक किस करते हैं और कभी कभी मैं उसके मम्मों को भी चूस लेता हूँ.
जब भी हम दोनों देर के लिए अकेले में मिलते हैं, तो चुदाई भी कर लेते हैं.

अब उसकी सगाई भी हो चुकी है, लेकिन मेरा प्यार कभी कम नहीं हुआ.

दोस्तो अगर आपको मेरी 1st सेक्स की कहानी पसंद आई हो या इससे सम्बंधित कोई टिप्पणी करनी हो, तो प्लीज़ मुझे मेल करें.
आपका अपना रॉकी
[email protected]

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