मेरी जवानी और सेक्स की प्यास- 5

जोरदार चुदाई की कहानी में पढ़ें कि मेरे गर्म जिस्म की सेक्स की हवस पहली बार कैसे ठंडी हुई. बुर की सील टूटने के बाद मेरी गांड भी मारी गयी. आप मजा लें.

जोरदार चुदाई की कहानी का पिछला भाग: मेरी जवानी और सेक्स की प्यास- 4

>साहिल ने तकरीबन 10 मिनट तक मेरी चूचियों को चाटा होगा जिससे मेरी पूरी चूची में जलन होने लगी.
साहिल ने इतना दांत से रगड़ा था.

उसने अंत में मेरे पूरे पेट और मेरी नाभि को भी बढ़े अच्छे से चूमा और चाटा.<
अब मैं उठी और उसको सीधा लिटा दिया.
मैंने उसकी शॉर्ट्स उतार कर अलग फेंक दिया.
साहिल ने मुझसे 69 की पोजीशन में आने को बोला.
वो मेरे नीचे था और मैं उसके ऊपर!
वो बिना रुके मेरी चूत में अपनी जीभ घुसा घुसा कर मेरा पानी निकालने लगा.
और अब मैंने भी पहली बार किसी का लंड असलियत में अपने मुंह में ले लिया.
शुरुआत में मुझे थोड़ी उबकाई आयी. और जब मैं अंदर लेना चाहती तो नहीं ले पाती.
लेकिन मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की.
साहिल भी शायद इस बात को जानता था. इसलिए उसने मुझे भी कुछ नहीं बोला मेरे लंड चूसने के तरीके पर।
कुछ देर बाद साहिल ने मुझे अपने ऊपर से हटाया. मुझे सीधे लिटा कर मेरी चूत में साहिल ने थूका जिससे मेरी चूत गीली हो जाए.
फिर जैसे ही साहिल ने अपना लंड मेरी चूत के अंदर ठेला तो मेरी दर्द के मारे जान निकल गयी; और खून भी निकलने लगा.
क्योंकि अब 24 साल की उम्र में मेरा उद्घाटन हुआ.
और मेरे चीखने पर साहिल रुक गया क्योंकि साहिल का आधा लंड मेरी चूत के पार हो गया था.
अब वो मेरा दर्द कम करने के लिए मेरे होंठों को चूमने लगा. वो मेरी चूचियाँ चूसने और दबाने लगा.
मैंने ये बात नोटिस की कि राजसी को साहिल किसी सड़क छाप रंडी की तरह चोद रहा था. लेकिन मुझे बहुत प्यार से … क्योंकि मेरे दर्द होने पर वो रुक रहा था लेकिन राजसी के लिए नहीं!
कुछ देर बाद जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो साहिल ने मेरे होंठों को चूमते हुए फिर एक बार ज़ोर का धक्का मारा.
अबकी बार साहिल का लन्ड पूरा मेरी चूत के आर-पार हो गया.
मैं दर्द से करहाने लगी, मेरी आंखों से मेरे आंसू गिरने लगे।
अब साहिल फिर कुछ मिनट के लिए रुका.
जब मेरा दर्द कम हुआ तो पहले तो साहिल ने अपना लन्ड धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया.
और अब तो मैं भी उसका साथ देने लगी.
एक मिनट तक साहिल ने आराम से किया होगा; उसके बाद तो मानो सीधे साहिल ने अपने लंड का छठा गियर लगा के मुझे फुल स्पीड में चोदना शुरू किया.
और अब उस कमरे में रात के एक बजे मेरी कामुक सिसकारियाँ गूंज रही थी- उफ़्फ़ हहह यस साहिल … आई लाइक इट … ओह्ह फ़क … आह आह आह हहह!
साहिल के लंड के झटके में मेरे पेट तक लग रहे थे.
इसी तरह साहिल ने दस मिनट मुझे चोदा. फिर उसने मुझे उठाया और वो खुद दीवार के सहारे टेक लगाकर अपने पैरों को फैला कर बैठ गया और मुझे अपने लंड पे चढ़ा लिया।
अब मैं उसके लंड खुद उचक उचक कर अपनी चूत मरवाने लगी. साहिल अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों बड़े बड़े चूतड़ों को पकड़ के मुझे उचकाने में मदद कर रहा था.
वो अपने मुंह में मेरी एक चूची लेकर चूसने भी लगा.
मैं पूरी मस्ती में उफ उफ़्फ़ आह आह चिल्ला रही थी।
कुछ देर बाद साहिल बेड से उतरा और मुझे बेड पर लिटाकर अपनी ओर खींच लिया. मेरी दोनों टांगों को उठा कर अपने कंधे पर रख कर फिर एक बार मेरी चूत में अपना लन्ड सेट किया; अब फट फट की आवाज़ के साथ फिर से मुझे चोदने लगा.
अब तक मैं एक बार झड़ चुकी थी.
तकरीबन दस मिनट बाद भी साहिल ने अपनी रफ्तार एकदम अंतिम कांटे तक पहुँचा कर मुझे 8-10 झटके देकर मेरी चूत पर अपना सारा लन्ड का माल खाली कर दिया।
इस राउंड की चुदाई के बाद हम दोनों ने कुछ देर आराम किया.
मैंने पानी पिया और साहिल को भी पिलाया.

अब साहिल ने टीवी को अपने मोबाइल से जोड़ कर एक बढ़िया ब्लू फिल्म चला दी.
उसमें एक काला आदमी जिसका लन्ड 10 इंच के ऊपर था, वो एक गोरी लड़की की मस्त चुदाई गांड मार कर रहा था.
तो अब मैं भी समझ गयी थी कि अब साहिल भी वही सेम पिक्चर इधर भी चलायेगा।

कुछ देर बाद साहिल उठा और जाकर किचन से एक कटोरी में थोड़ा सा सरसों का तेल ले आया.
वो खुद बेड पे लेट गया. उसने मुझे फिर से 69 की पोजीशन में आने को बोला.

अबकी बार साहिल ने मेरी गांड के छेद पर अपनी जीभ से चाटना शुरू किया.
इधर मैं उसके योद्धा जैसे लन्ड को एक बार फिर से युद्ध के लिए तैयार करने लगी।

अभी 2 ही मिनट में साहिल का लन्ड फिर से खड़ा हो गया.
उसने मुझे अपने ऊपर से हटाया और मुझे कुतिया बनने को बोला.

मैं कुतिया बं गयी और साहिल ने खूब सारा तेल मेरे पूरे चूतड़ों पर और गांड के छेद में भर दिया.

साहिल ने खूब मेरी गांड को मसला और खूब सारे चांटे मारे.
फिर उसने एक उंगली मेरी गांड में डाली. तो मुझे ज़्यादा कुछ नहीं मालूम पड़ा.

लेकिन उसके तुरंत बाद उसने तीन उंगली मेरी गांड में घुसा दी. इस वजह से मेरी हल्की सी चीख निकली.

अब वो मेरे ऊपर सवार हुआ; फिर लन्ड को भी खूब सारा तेल पिलाया. फिर उसने अपने हाथ से लन्ड पकड़े हुए मेरी गांड के छेद पर रख कर एक झटका मारा.
जिससे साहिल के लन्ड का टोपा मेरी गांड में बिना मुझे कुछ पता चले चला गया.

अब उसने फिर तेल की कटोरी ले कर अपने लन्ड पे तेल डाला तो वो बह कर मेरी गांड के अंदर तक आया.

वो बहुत धीरे धीरे अपने लंड को मेरे अंदर घुसाने लगा. आधा लन्ड तो बिना किसी दर्द में मेरी गांड में बड़ी आसानी से घुस गया.
लेकिन बाकी का लौड़ा उसने एक ही झटके में पेल दिया मेरे अंदर!

इस झटके की वजह से मेरी जान निकल गयी. लेकिन उतना दर्द नहीं हुआ जितना सोचा था.
क्योंकि साहिल ने बहुत प्यार से मेरी गांड खोली.

अब वो फट फट की आवाज़ से मेरी गांड में अपना लन्ड पेलने लगा.
कुछ देर बाद साहिल में मुझे उल्टा बेड से लटका कर लिटा दिया और पीछे से मेरी गांड काफी देर तक ठोकी.

अबकी बार उसने अपनी लंड की पिचकारी मेरी गांड में ही खाली की।

अब हम दोनों थक कर लेट गए।

मैंने टाइम देखा तो अभी रात के दो बजे थे.
लेकिन मुझे अभी भी नीन्द नहीं आ रही थी और शायद साहिल भी मुझे और चोदना चाहता था।

वो मेरे बगल लेट कर मुझे किस करने लगा. मैं उसका लन्ड अपने हाथ में ले कर हिलाने लगी.

फिर उसने मेरी दोनों चूचियों को खूब चूसा. जिससे फिर उसका लन्ड 10 मिनट बाद खड़ा हो गया।

अब साहिल ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे कमरे से बाहर आंगन में ले गया. वहीं बाहर की तरफ बनी छोटी सी दीवार पर मेरा हाथ टेक कर मुझे झुका कर खड़ा कर दिया.
फिर मेरी एक टांग उठा कर मेरी चूत में अपना लन्ड पेल दिया और मुझे ठोकने लगा।

यों इस तरह खुले में चुदने में मेरी थोड़ी गांड तो फट रही थी क्योंकि दिन में बहुत हलचल होती है. इस टाइम तो सन्नाटा था …लेकिन अगर कोई निकल आता तो!
लेकिन मेरी खुशी साहिल की खुशी में थी.

इसी तरह उसने दस मिनट तक मेरी चूत ठोकी.
फिर वो बोला- चलो नीचे चलते हैं.

तो मैं बोली- नीचे तो मकान मालकिन रहती है.
उसने मेरी हाथ पकड़ा और मुझे सीढ़ियों से नीचे लेकर आया.

अब रात में चैनल में ताला लग जाता था. पर चाबी वहीं सीढ़ियों पर टंगी रहती थी.
साहिल ने चुपके से चाबी ली और ताला खोला।

मैं सच बताऊँ तो उस टाइम मुझे बहुत डर लग रहा था लेकिन साहिल के आगे मुझे चुप रहना पड़ा।

ताला खोलने के बाद उसने बिल्कुल चुपके से चैनल खोला थोड़ा सा और मुझे हाथ पकड़ कर बाहर खींच लिया।
अब हम दोनों नंगे घर के बाहर गली में खड़े थे.

मेरा दिल बहुत तेज़ी से धड़क रहा था.
लेकिन साहिल खुद घर के बाहर सीढ़ियों पर बैठ गया और मुझे अपनी तरफ पीठ करके मेरी गांड पर अपना लन्ड सेट करके मुझे बैठा लिया.

फिर से घर के बाहर खुली राह में वो मेरी गांड मारने लगा.

कुछ देर बाद चुदने के बाद मेरा भी डर खत्म हो गया. लेकिन मैं हल्की हल्की आवाज़ में सिसकारियाँ ले रही थी।

अब उसने मुझे खुद पर से हटाया और मुझे सीढ़ियों पर हाथ रख कर घोड़ी बनाया. फिर पीछे से मेरी चूत और गांड पूरे 20 मिनट तक मारी.

मुझे चोदने के बाद साहिल नीचे रोड पर खड़ा हो गया और मुझे ऊपर वाली सीढ़ी पर बिठा कर अपना लन्ड मेरे मुंह में दे कर चूसाने लगा.
कुछ ही देर में साहिल ने मेरे बालों को पकड़ कर मेरा मुंह अपने लन्ड में एकदम ठूँस दिया जिससे मेरी साँस रुक सी गयी.

लेकिन साहिल उस टाइम झड़ने वाला था तो वो तेज़ तेज़ मेरे मुंह में लन्ड ठूस कर झटके मारने लगा.
इसी तरह लगभग पांच मिनट बाद साहिल ने अपना पूरा लन्ड मेरे मुंह ने हलक तक डाल दिया और अपना वीर्य छोड़ने लगा.

उसका लन्ड मेरे मुंह के अंदर होने के कारण उसका सारा वीर्य मेरी हलक में उतर गया।

अब हम दोनों उठे. साहिल ने फिर से चैनल बन्द किया और हम दोनों 3 बजे एक दूसरे को किस करते हुए सो गए।

अब अगले दिन सुबह मेरी आँख 9 बजे खुली.
साहिल अभी भी सोया था.

मैंने पहले तो उसके होंठों पर एक तगड़ा से स्मूच किस किया. फिर दो मिनट तक उसका लौड़ा चूसा जो अभी डाउन था.
उसके बाद मैं नाइटी पहन कर फ्रेश होने लगी.

मैंने चाय बनायी खुद के लिए!
तब तक साहिल भी उठ गया था.

तो हमने साथ बैठ कर आधी आधी चाय पी और कुछ देर ऐसे ही बितायी।

कुछ देर बाद मैंने कपड़े निकाले और साहिल से बोलकर नहाने चली आयी.
अंदर आकर मैंने अपने कपड़े उतार और शावर चलाया.

तभी बाथरूम का दरवाज़ा खटखटाया. देखा तो साहिल बाहर नंगा खड़ा था.
वो बोला- मुझे भी नहाना है.
तो मैंने उसको अंदर खींच लिया।

अब हम दोनों के नंगे बदन पर वो पानी पड़ रहा था.
इससे मेरा और साहिल दोनों का मूड बन गया.

मैंने साहिल को होंठों को खूब चूसा जिसमें साहिल ने भी मेरा बराबर से साथ दिया।
अब वो अपने हाथों से कभी मेरे दोनों बूब्स दबाता तो कभी मेरी गांड मसलता.
और मैं भी उसका लंड पकड़ कर हिलाने लगी।

कुछ देर बाद साहिल मेरे होंठों से होते हुए मेरे बूब्स चूसते हुए मेरी नाभि पर पहुँच गया.
फिर खुद नीचे बैठ कर उसने मेरी एक टांग उठा दिया और मेरी चूत में जीभ घुसा घुसा कर चाटने लगा.

अब मेरी सिसकारियाँ ‘बस उफ़्फ़ फ़फ़फ़ उफ़ आह आह साहिल … ओह्ह आह!’ निकलने लगी.

कुछ देर बाद साहिल ने मेरी टांग नीचे किया और मुझे उल्टा करके दीवार से सटा दिया.
खुद अपने घुटनों पर बैठ कर मेरी गांड फैला कर चाटने लगा।

कुछ देर बाद साहिल खड़ा हुआ और उसने मुझे नीचे बिठा दिया. अपने लन्ड का गुल्ला पहले तो मेरे मुँह में ठूँस दिया जिसको मैं अपने मुंह में थूक भर के चूसने लगी.

थोड़ी देर उसने अपना लंड चुसाया. आज मुझे साहिल का मोटा लन्ड लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई. मैंने बिल्कुल किसी रंडी के तरह साहिल का लन्ड अच्छे से चूसा।

कुछ देर बाद साहिल ने मुझे खड़ा किया और मुझे हल्का सा झुका कर एक ही झटके में मेरी गांड पे अपना पूरा खंबे जैसा लन्ड पेल दिया.
अबकी मुझे बहुत हल्का सा दर्द हुआ.

मैं मज़े से ‘उफ़्फ़ आह हहह ओहह आओहह उई मा और तेज़ साहिल और तेज़ आह आह’ करके चुदवाने लगी.
साहिल भी मुझे पूरे जोश के साथ चोद रहा था।

कुछ देर बाद साहिल ने मेरी चूत मारी. जिसके बाद वो मेरी चूत पर ही झड़ गया.
फिर वो जल्दी से नहा कर बाहर चला गया.

मैं साहिल के वीर्य से भरी अपनी चूत साफ करते हुए नहा कर तौलिया बांध कर बाहर आ गयी।

चुदने के बाद मैं किचन में आ गयी हम दोनों के लिए नाश्ता बनाने!

फिर साहिल ने मुझे अपनी गोद पर बिठा कर खिलाया अपने हाथ से।

नाश्ते के बाद साहिल टी वी देखने लगा.
और मैं लग गयी घर का काम करने में!

अभी साढ़े बारह बजे थे. तभी राजसी का फ़ोन आया मेरे फ़ोन पर!

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जोरदार चुदाई की कहानी का अगला भाग: मेरी जवानी और सेक्स की प्यास- 6

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