माय हॉट वाइफ कुकोल्ड स्टोरी में पढ़ें कि मेरे छोटे लंड से मेरी गर्म बीवी को मजा नहीं आता था. मैं उसे दूसरे मर्दों के बड़े लंड लेने के लिए कहता था. एक बार वो दो गैर मर्दों से चुद गयी.
फ्री सेक्स कहानी के शौकीन सभी लन्डधारी मर्दों और रंडी औरतों को मेरा यानि विनय कुमार का लन्ड से नमस्कार।
दोस्तो, आज मैं आपके सामने मेरी बीवी मीनाक्षी यानि आप सबकी माल मीनू रानी की एक यादगार चुदाई लेकर हाजिर हूँ।
मैं आपको हमारे बारे बता दूँ। मैं विनय कुमार एक सामान्य कद काठी का गोरा लड़का हूँ। आप मुझे पूरा मर्द नहीं कह सकते क्योंकि मैं कभी कभी गांड भी मरवा लेता हूँ।
मेरी बीवी मीनू का फिगर 42-32-40 का है।
मीनू की गांड बहुत बड़ी, एकदम गोल और बाहर की तरफ निकली हुई है।
उसके दूध भी रसीले हाफुस आम की तरह हैं।
और चुदाई में वह एक नंबर की चुदक्कड़ रंडी वेश्या छिनाल जैसी है।
यह माय हॉट वाइफ कुकोल्ड स्टोरी तब की है जब हमारी शादी को तीन साल हो गए थे।
मैं मीनू की सप्ताह में दो बार अपने छोटे लन्ड से चुदाई करता था।
पर मीनू को पूरा मजा नहीं दे पाता था।
उसे तो पूरी रात बड़े लन्ड से चुदाई चाहिए थी।
मीनू रोज पोर्न मूवी देखती थी। उसे उसका बहुत शौक था।
पोर्न मूवी देखकर वो मुझे पूछती- क्या वाकई में पुरुषों के लौड़े इतने बड़े भी होते हैं?
मैं- हाँ मीनू, बड़े हट्टे कट्टे मर्दों के लौड़े इतने ही बड़े होते हैं। तुझे लेना है इतना बड़ा लौड़ा अपनी फुद्दी में?
मीनू शरमा जाती।
मुझे पता चल गया था कि मीनू को बड़े लौड़े लेने की बहुत इच्छा है।
एक दिन हम पोर्न मूवी देख रहे थे.
तब मैंने मीनू से पूछा- ज़रा सोचो मीनू, अगर इतना बड़ा लन्ड तेरी योनि में घुस जाए तो तुझे कितना मज़ा आए?
मीनू शरमाती हुई- मैं तो मर ही जाऊं।
मैं- सोचो अगर ऐसे बड़े लौड़े एक साथ दो मिल जायें तो?
मीनू हंसती हुई- आप सिर्फ बातें ही करोगे, दिलाओगे कुछ नहीं।
मैं- अगर मैं कहूँ तो रंडी बनोगी?
मीनू- एक शर्त पर?
मैं- क्या?
मीनू- लौड़ा बड़ा और अनजान होना चाहिए।
एक दिन हमने छुट्टियों में एक रिसोर्ट में घूमने जाने का प्लान बनाया।
तय समय के अनुसार हम रिसोर्ट पहुँच गए, रूम में सामान रखा और फ्रेश हुए।
तब हमने रिसोर्ट के स्विमिंग पूल में नहाने जाना था।
मैं- मीनू, वो छोटी स्विमवीयर बिकिनी पहन लो।
मीनू- क्या इरादा है?
मैं- वहीं जो तुझे चाहिए।
मीनू आज बिना लाज शर्म के मेरे साथ बात कर रही थी।
घर से दूर अनजान जगह थी तो कोई लाज शर्म नहीं थी।
मैं और मीनू स्विमिंग पूल में नहाने लगे।
छोटी बिकिनी में मीनू की मोटी गांड साफ दिख रही थी।
उसके बोबे हवा में झूल रहे थे।
वहीं पूल में और तीन-चार कपल भी नहा रहे थे।
उनके बीच दो जवान हट्टे कट्टे मर्द भी नहा रहे थे।
थोड़ी देर नहाने के बाद मीनू को पेशाब लगी।
तो वह पूल से निकल कर टॉयलेट की ओर जाने लगी।
गलती से मेरी बीवी महिला की जगह पुरुष टॉयलेट में घुस गई।
वहाँ पर स्विमिंग पूल में जो दो जवान नहा रहे थे उनमें से एक पेशाब कर रहा था।
मीनू को उसका लौड़ा दिख गया।
सोया हुआ भी मेरे लौड़े से कहीं बड़ा था।
मीनू तो देखती ही रह गई।
वह पुरुष टॉयलेट में है … यह भी भूल गई।
तभी उस आदमी का ध्यान मीनू पर गया।
उसका नाम समीर था।
समीर- क्या देख रही हो?
मीनू को होश आया और ओ पीछे मुड़ कर जाने लगी।
तभी समीर ने उसे पीछे से पकड़ लिया- कहाँ जा रही हो? रुको तो ज़रा!
मीनू- छोड़ दीजिए मुझे … मैं शादीशुदा हूँ।
समीर- तब तो और मज़ा आएगा।
कहकर समीर ने मेरी बीवी की गांड और चूचे दबा दिए।
मीनू असल में गैर मर्द का साथ तो चाहती ही थी, उसने समीर का बड़ा लंड भी देख लिया था, तो वो गर्म होने लगी थी।
पर लाजवश मीनू कहने लगी- मुझे छोड़ दीजिए, कोई आ जाएगा।
समीर- छोड़ दूँगा पहले मेरा लौड़ा चूसती जा!
मीनू के मन की मुराद पूरी होती दिख रही थी, वो तुरंत वहीं पर घुटनों के बल बैठ गई और समीर के लौड़े से खेलने लगी।
समीर- ये हुई न रंडियों वाली बात!
मीनू समीर के लौड़े को चूसने लगी।
उसने इतना बड़ा लौड़ा सिर्फ पोर्न मूवी में ही देखा था।
मीनू- आपका औजार तो बहुत बड़ा है।
समीर का पूरा लौड़ा मीनू मुँह में लेकर चूसने लगी।
समीर का लौड़ा तन कर काफी बड़ा हो गया था। किसी बड़े खीरे जितना मोटा था उसका लौड़ा।
टॉयलेट का दरवाजा खुला था पर मीनू को उसकी परवाह नहीं थी। वह तो मस्ती में समीर का लौड़ा भूखी शेरनी की तरह मुँह में लेकर चूसे जा रही थी।
तकरीबन दस मिनट की मुँह चुदाई के बाद समीर का गर्म गर्म मॉल मेरी बीवी मीनू के मुँह में था।
मीनू बड़े ही आनंद के साथ समीर का वीर्य गटक रही थी और साथ में उसका लौड़ा भी चूस रही थी।
समीर के वीर्य की दो- तीन बूँदें टॉयलेट के फर्श पर गिरी थी।
मीनू ने वे भी चाट ली।
तो समीर बोला- लगता है लम्बे अरसे से प्यासी है?
मीनू- हाँ मेरे राजा!
समीर- क्यों पति का लौड़ा खड़ा नहीं होता?
मीनू- खड़ा तो होता है पर बहुत छोटा है। तुम्हारे सोए हुए लौड़े से भी छोटा।
समीर- आज रात को मेरे रूम में आ जाना, पूरी सर्विस कर दूंगा। तेरी गांड और बोबे तो बहुत बड़े हैं। तेरी फुद्दी को भी बड़ा कर दूँगा, भोसड़ा बना दूंगा।
मीनू- ठीक है मेरे राजा। मेरे पति को सुलाकर मैं रात को तेरे पास अपनी प्यास बुझाने आऊँगी।
समीर के साथ रात में चुदाई का वादा करके मीनू फिर स्विमिंग पूल में मेरे पास आई।
मैं- कहाँ गई थी?
मीनू- टॉयलेट में थी।
उसके मुँह में से वीर्य की महक आ रही थी।
मुझे पता चल गया कि यह रंडी पक्का आज किसी का वीर्य पीकर आई है।
मैंने तब उसे कुछ नहीं कहा।
रात 8 बजे हमने खाना खाया।
फिर मैं और मीनू रूम में आए।
मीनू कपड़े बदल रही थी।
उसने लाल रंग की नई पेंटी और ब्रा पहनी।
ऊपर एक छोटी ड्रेस पहनी।
ड्रेस इतनी छोटी थी कि उसकी बड़ी गांड मुश्किल से ढक रही थी, आधे बोबे बाहर दिख रहे थे।
मैं- अरे मीनू, इस वक्त इतना सज धज रही हो। कहाँ जाना है?
मीनू- कहीं नहीं जाना हैं, बस ऐसे ही!
मैंने मीनू को पीछे से अपनी बांहों में ले लिया और उसके गोल गोल रसभरे आम जैसे दूध को दबा दिया।
फिर उसे अपनी और घुमाया।
देखा तो उसकी माँग में सिंदूर नहीं था।
मैंने सिंदूर से उसकी मांग भरी और उसे कहा- अब तुम शादीशुदा रांड लग रही हो। जाओ जहां जाना चाहती हो।
मीनू शर्म से पानी पानी हो गई।
मैं- अरे शर्माओ मत, मैं तो चाहता हूँ कि तुम हर रोज नए नए लौड़े से अपनी फुद्दी को फड़वाओ। जाओ पूरी रात चुदना और उसके लौड़े को निचोड़ देना। और हाँ, आज तुम पहली बार गैर मर्द से चुदने जा रही हो तो कंडोम मत लगाना। उसका वीर्य अपनी पिकी, गांड और मुँह में ही गिराना।
मीनू मुझसे लिपट कर- आप कितने अच्छे हैं।
मैं- जाओ देर न करो।
रात के नौ बजे थे।
मीनू कमरे से निकली और रिसोर्ट के दूसरे कमरे में जहां वो मर्द समीर रुका था, उसके रूम में पहुँच गई।
समीर के अलावा कमरे में उसका दोस्त मनजीत भी था जो भी समीर जैसा ही हट्टा कट्टा था।
कमरे में आते ही समीर ने मीनू को बांहों में जकड़ लिया।
मीनू- क्या कर रहे हो समीर? आपका दोस्त देख रहा है।
समीर- उसे भी तुम्हारी फुद्दी का रस पिला दो।
मीनू- आज तक मैंने मेरे पति का एक छोटा सा लौड़ा ही मेरी फुद्दी में लिया है। एक साथ दो नहीं ले पाऊँगी।
मनजीत- एक बार ले के तो देखो भाभीजी! दूसरी बार एक से सन्तोष नहीं होगा, दो ही मांगोगी।
मीनू मुस्कुरा कर- ठीक है!
अब समीर मीनू को किस करने लगा।
मीनू भी उसका साथ देने लगी।
पीछे से उसकी छोटी ड्रेस उठाकर मनजीत मीनू के कूल्हे चाटने लगा।
मनजीत ने मीनू की पेंटी निकाल दी।
मीनू की गांड का गुलाबी छेद उसके सामने था।
मनजीत अपनी बड़ी जीभ से उसे चाटने लगा, दोनों कूल्हे को अपने हाथों से फैलाकर गांड के छोटे छेद में जीभ घुसाने लगा।
समीर ने मीनू की ड्रेस निकाल दी और साथ में ब्रा भी।
अब समीर मीनू के बड़े चूचे मसलने लगा।
मीनू पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी।
उसके मुख से आ … उऊउ … आ… की कामुक सिसकारियाँ निकल रही थी।
मीनू- और चाटो और मसलो। निचोड़ दो मुझे!
समीर मीनू की चूचियों के बड़े और डार्क मरून निप्पल चूस रहा था; साथ में वो मीनू के रसीले आम पर दांतों से बाईट भी बना रहा था।
मीनू के बड़े बड़े सफ़ेद बूब्ज़ पर मरून कलर के कई बाईट बन गए थे।
पीछे मनजीत भी मीनू की गांड पर अपने दांत गड़ा देता और बाईट बना देता।
मीनू के दोनों बड़े कूल्हों पर ढेर सारे बाईट बन गए थे।
समीर ने मीनू को गोद में उठा कर बिस्तर पर फेंक दिया और वो दोनों भी बिस्तर पर आ गए।
अब वे तीनों नंगे हो चुके थे।
मनजीत का लौड़ा तो समीर के लौड़े से भी बड़ा था।
मीनू के मुँह में पानी आ गया। मीनू फट से मनजीत के लौड़े के टमाटर जैसे सुपारे को मुख में लेकर चूसने लगी।
अब समीर मीनू के पीछे आया और मेरी बीवी के कूल्हों पर अपने मजबूत हाथों से थप्पड़ लगाने लगा।
मीनू उसके हर चपत के साथ चिल्ला रही थी।
लेकिन मनजीत का लौड़ा मुँह में होने के कारण उसकी चीख गले से बाहर नहीं आ रही थी।
अब मनजीत बिस्तर पर सीधा लेट गया।
उसका लौड़ा छत की तरफ सीधा था।
समीर ने मीनू को उठाया और मीनू की फुद्दी को मनजीत के लौड़े पर टिका कर बैठा दिया।
मनजीत का मोटा सुपारा मीनू की फुद्दी में घुस गया।
मीनू की चीख निकल गई।
सुपारा बहुत बड़ा था।
मनजीत ने नीचे से एक ज़टका दे मारा तो आधा लौड़ा फुद्दी में समा गया।
मीनू- ओ माँ … मैं मर गई … निकालो, मैं इतना बड़ा नहीं ले सकती। मेरी पिकी फट जाएगी।
समीर- अभी तो आधा लन्ड ही घुसा है। रंडी और चिल्ला। आज तुझे पता चलेगा असली मर्द की चुदाई कैसी होती है।
मनजीत ने एक ज़टका और मारा।
पूरा लौड़ा मीनू की छोटी सी फुद्दी में समा गया।
मीनू फिर से चिल्लाई।
थोड़ी देर में मीनू का दर्द गायब हो गया और वह अब मनजीत के लौड़े पर उछल उछल कर कूदने लगी।
समीर मीनू के मोटे बोबे को निचोड़ रहा था।
मीनू के सफ़ेद बोबे पूरी तरह से लाल लाल टमाटर जैसे हो गए थे। मीनू अब चुदाई का पूरा आनंद उठा रही थी।
समीर- देखा कैसे रंडी लौड़े पे कूद रही है।
मीनू- चोदो मुझे और जोर से चोदो! मैं सालों से प्यासी हूँ। फाड़ दो मेरी चूत … भोसड़ा बना दो इसका!
मनजीत ने मीनू को अपनी तरफ खींच लिया और उसके होठों पर किस करने लगा जिससे मीनू की गांड बाहर निकल आई।
समीर ने मीनू की गांड पर थूक लगाया और अपने लौड़े पर भी थूक लगा कर चिकना किया। समीर ने अपना तना हुआ खीरे जैसा लौड़ा मीनू की गांड के छेद पर टिकाया और एक झटका दिया। लौड़ा फिसल गया क्योंकि मीनू की गांड अनचुदी टाइट थी।
समीर ने मीनू के दोनों कूल्हों को फैलाया और गांड के छेद पर फिर थूका, लंड का निशाना लगा कर झटका दिया।
लौड़े का सुपारा गांड को चीरता हुआ गांड में घुस गया।
मीनू जोर से चिल्लाई- नहीं … गांड में नहीं। छोड़ दो … निकाल दो, मेरी गांड फट जाएगी।
पर यहाँ उसकी कोई सुनने वाला नहीं था।
मनजीत ने आगे से मीनू के मुँह को दबा दिया और समीर ने पीछे से दो ज़ोरदार ज़टके लगा दिए।
पूरा लौड़ा मीनू की गांड में पेल दिया।
मीनू दर्द के मारे रो पड़ी।
अब उसके दोनों छेदो में एक एक मजबूत और बड़े लौड़े थे।
थोड़ी देर के बाद मीनू का दर्द कम होने लगा।
उन दोनों ने अपने अपने लौड़ो को आगे पीछे करना शरू किया।
मीनू को भी अब बहुत मज़ा आने लगा था।
वह भी चिल्ला चिल्ला कर कह रही थी- और तेज चोदो। फाड़ दो मेरी फुद्दी और गांड।
समीर और मनजीत अब फुल स्पीड में चोद रहे थे।
मीनू कामुक सिसकारियाँ ले रही थी।
उसे इतना मज़ा कभी नहीं आया था।
समीर चुदाई के साथ साथ मीनू की गोरी गांड पर अपने मजबूत हाथों से अब जोर जोर से थप्पड़ लगा रहा था।
मीनू- और जोर से मारो … और जोर से … सुजा दो मेरे कूल्हे!
समीर के थप्पड़ों से मीनू के कूल्हे लाल लाल हो गए थे। समीर के हाथों की उंगलियों की छाप मीनू के कूल्हों पर साफ दिखाई दे रही थी।
मीनू के पूरे बदन पर समीर और मनजीत अपने दांत गड़ा कर बाईट के निशान बना रहे थे।
अब उन दोनों का निकलने वाला था।
समीर ने मीनू की गांड में वीर्य की पिचकारी दे मारी।
और मनजीत ने मेरी हॉट वाइफ मीनू की फुद्दी में!
दोनों के गर्म गर्म गाढ़े रस से मीनू को अजब तृप्ति का अहसास हुआ।
वो निढाल होकर मनजीत की छाती से चिपक गई।
दोनों के ताजे वीर्य से मीनू की गांड और पिकी पूरी तरह से भर गई।
वीर्य की धार मीनू की जांघों पर बहने लगी।
तीनों पसीने से तरबतर थे।
थोड़ी देर बाद मीनू उठी और मूतने चली गई।
उसके पैर लड़खड़ा रहे थे, वो लंगड़ा के चल रही थी।
उसकी पिकी से मूत के साथ साथ वीर्य भी बहने लगा।
मूतकर वापस आकर मीनू फिर से उन दोनों के लौड़ों को मुँह में लेकर चूसने लगी।
समीर- लगता है तेरी प्यास अभी नहीं बुझी?
मीनू- तुम दोनों ने आज मुझे स्वर्ग का आनंद दिखा दिया। आज पूरी रात मुझे चोदो!
समीर- तू तो बहुत बड़ी छिनाल रंडी निकली।
फिर से चुदाई का दूसरा दौर चल पड़ा।
इस बार समीर और मनजीत ने जगज बदल बदल कर पूरे एक घंटे तक मीनू को कई तरह से चोदा।
मीनू तो जैसे दूसरी दुनिया में हो वेश्या की तरह उछल उछल कर चुद रही थी।
उसका पूरा बदन लाल हो गया था।
एक घंटे की चुदाई के बाद उन दोनों ने अपना ताज़ा वीर्य मीनू को पिलाया।
मीनू बड़े मज़े से उसे पी गई।
इस तरह पूरी रात मीनू की चुदाई हुई।
सुबह सात बजे मेरी नींद खुली।
तभी मीनू रूम में आयी।
वो पूरी नंगी थी, चल भी नहीं पा रही थी। वो अपने कपड़े वहीं रूम में छोड़ आई थी।
आकर वो सीधे बिस्तर पर पैर फैला कर सो गई।
उसके पूरे बदन पर मरून कलर के बाईट के निशान थे।
गांड सूज गई थी।
उन दोनों की उँगलियों के निशान कूल्हों पर दिखाई दे रहे थे। मेरी बीवी की पिकी पूरी तरह से फैल कर भोसड़ा बन गई थी।
दोपहर बारह बजे मीनू उठी और लंगड़ा कर चलते हुए बाथरूम में गई।
वहां वह ठंडे पानी से नहाई, तब फ्रेश हुई।
इसके बाद मेरी हॉट वाइफ मेरे पास आयी और मेरी गोदी में सर रखकर लेट गयी।
मैं- तेरी हालत देखकर पता लग रहा है कि जोरदार चुदाई हुई होगी।
मीनू- बहुत मज़ा आया। क्या चुदाई की उन लोगों ने! उनके लौड़े आपसे तीन गुना बड़े थे। मुझे तो स्वर्ग का आनंद मिला.
मेरे प्यारे मित्रो, मेरी माय हॉट वाइफ कुकोल्ड स्टोरी अच्छी लगी या नहीं?
कमेंट और मेल जरूर करना।
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