लॉकडाउन में चूत मारकर मन बहलाया

इंडियन कॉलेज गर्ल सेक्स कहानी मेरी दोस्त की एक मस्त माल सहेली की है. कोरोना लॉकडाउन में मुझे चूत की जरूरत हुई तो मेरी दोस्त ने अपनी सहेली से मिलवाया.

दोस्तो, मेरा नाम अमन है. मैं देहरादून से हूं।
मैं दिखने में सीधा सा लड़का हूँ। मेरी हाइट 5.10 फीट है. मैं देहरादून की सबसे जानेमानी यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस पढ़ता हूं।

अपनी गोपनीयता बनाए रखने के लिए मैं अपनी यूनिवर्सिटी का नाम नहीं बता सकता मगर इतना बता सकता हूं कि वो बिधोली गांव के पास है।
मैं पिछले 5 साल से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं और आज मैं अपनी सेक्स कहानी पहली बार लिख रहा हूं. आशा करता हूं आपको पसंद आएगी।

चलिए अब समय ना बर्बाद करते हुए सीधे इंडियन कॉलेज गर्ल सेक्स कहानी पर आते हैं।

बात कुछ वक्त पहले की है जब कोरोना के कारण शुरू शुरू में लॉकडाउन हुआ था. वो अप्रैल का महीना था. सभी बच्चे हॉस्टल छोड़ कर अपने अपने घर चले गए थे.

मैं हॉस्टल में अकेला बोर हो जाता था। मैं अपनी कॉलेज की फ्रेंड के साथ बात करता रहता था जो मेरी तरह लॉकडॉउन के कारण घर नहीं जा पाई थी।
लॉकडाउन से पहले हम दोनों साथ में कॉलेज आते-जाते रहते थे।

मेरी उस फ्रेंड की एक सहेली थी. जिसका नाम प्रिया (बदला हुआ) था. उससे मेरी मुलाकात कॉलेज में ही हुई थी। वो देखने में एकदम मस्त माल थी. उसका साइज 32-30-32 का होगा।

एक दिन बात करते करते मैंने अपनी फ्रेंड से कहा- अपनी दोस्त प्रिया से मेरी सैटिंग करवा दो, मैं लॉकडाउन में बोर हो जाता हूं।
उसने कहा- उसका पहले से ही एक ब्वॉयफ्रेण्ड है।

मैंने कहा- एक बार पता तो कर, क्या पता कि उनका ब्रेक-अप हो गया हो?
उसने कहा- चल मैं पता करती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है।

दो दिन बाद उसका फोन आया और वो बोली- प्रिया पहले एक बार तुझसे मिलना चाहती है।
मैंने कहा- चल मिलवा दे।

अगले दिन मेरी फ्रेण्ड और प्रिया मेरे पास आए. हम सब कॉलेज के पास मिले।
कुछ देर हम तीनों ने बातें की.
उसके बाद मेरी फ्रेण्ड मुझे और प्रिया को अकेले छोड़ कर चली गई।

जहां तक मेरा अंदाजा था कि मेरी दोस्त ने प्रिया को मेरे बारे में बता दिया था कि मैं उसको पसंद करता हूं.
कुछ देर तो प्रिया कुछ नहीं बोली.
बस हम दोनों यहां वहां की बातें करते रहे.

फिर प्रिया ने मुझसे कहा- आप मुझसे कुछ कहना चाहते हो क्या?
मैंने कहा- हां, वो क्या है कि प्रिया, कभी हिम्मत नहीं हुई तुमसे ये कहने की लेकिन मैं तुम्हें पसंद करता हूं. मुझे तुम पहली बार में ही पसन्द आ गई थी, तुम्हारा कोई और ब्वॉयफ्रेण्ड है क्या?
उसने कहा- है नहीं, पहले था. अब मैं सिंगल हूं.

ये सुनकर मैं बहुत खुश हुआ।
कुछ देर यूं ही बातें होती रहीं.

फिर हमने एक-दूसरे का नम्बर लिया और वापस चले गए।
इसके बाद हमारा सारा टाइम फोन पर बात करके निकलने लगा और एक महीना कब बीत गया पता ही नहीं चला।

धीरे-धीरे हम फोन पर सेक्सी बातें करने लगे। कई बार मैं बातों बातों में प्रिया से उसके बॉयफ्रेंड से सेक्स के बारे में पूछा करता था. मगर वो बात को टाल देती थी.

एक दिन मैंने उसको बातों ही बातों में काफी गर्म कर दिया. मैंने उससे पूछा कि उसका बॉयफ्रेंड उसको कैसे चोदा करता था.
उसने फिर अपने सेक्स के बारे में मुझे बताया.

अब वो काफी खुलकर बात करने लगी थी.
एक दिन उसने मुझसे पूछा- आपका लण्ड कितना लम्बा और मोटा है़?
मैंने कहा- 6 इंच का.
उसने कहा- इतना बड़ा?

मैंने कहा- पहले एक बार लेकर तो देखो. फिर बताना।
प्रिया बहुत जोर से हँसने लगी।
फिर हमने दो दिन बाद मेरे फ्लैट पर मिलने का प्रोगाम तय किया।

वो निर्धारित टाइम पर आ गई. कमरे में जाते ही हम एक-दूसरे से लिपट गए।
क्या कहूँ … दोस्तो ऐसा लगा जैसे कि मैं बहुत दिनों से प्यासा था और आज मुझे ठंडा ठंडा पानी मिल गया.

मैंने प्रिया के होंठों को अपने होंठों से चिपका लिया। मैं इतनी जोर से किस करने लगा कि वो भी बिल्कुल मदहोश होने लगी।
वो मुझसे दूर होकर कहने लगी- अमन इतनी जोर से मत करो यार!

मैंने कहा- तुमको मजा नहीं आया?
उसने कहा- मजा तो आया मगर मैं धीरे धीरे करना चाहती हूं।
मैंने कहा- धीरे में तो और मजा है।

मैं प्रिया को फिर से किस करने लगा और उसके मम्मों को इतनी जोर से दबाने लगा कि उसके मुँह से आह … आहह … की आवाज निकलने लगी।

मुझे प्रिया ने ऐसे पकड़ लिया कि हम दोनों एक-दूसरे में समाना चाहते हों.

मैंने प्रिया को बिस्तर पर लिटा लिया और टीशर्ट के ऊपर से उसके स्तनों को दबाने लगा.
वो एकदम से सिसकारने लगी, छटपटाने लगी.

फिर मैंने उसका टॉप ऊपर कर दिया और प्रिया की ब्रा के ऊपर से उसके चूचे चूसने लगा।
फिर मैंने ब्रा भी ऊपर कर दी और उसके निप्पलों पर टूट पड़ा.

प्रिया बस आह्ह … आह्ह … कर रही थी और कह रही थी- अमन धीरे-धीरे … आह्ह … धीरे करो यार।
मगर मैं उसे मसलता ही रहा।

मैंने प्रिया की जींस के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया था और वो कमर उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी. देखते ही देखते मैंने उसकी जीन्स खोल कर उतार दी।

फिर मैं धीरे धीरे किस करते हुए नीचे बढ़ने लगा उसकी चूत से बड़ी ही मादक गंध आ रही थी।
उसकी गीली पैंटी के ऊपर से ही मैंने किस किया उसकी चूत पर और फिर पैंटी भी उतार दी।

उसकी चिकनी चूत को देख कर मैं तो पागल हो गया. एक दो दिन पहले ही बाल साफ किए होंगे उसने।
फिर उसकी चूत को हाथ से चौड़ी खोलकर चाटने लगा।

प्रिया मछली की तरह तड़प रही थी और मैं जीभ से चोद रहा था।

उसकी की तड़प बहुत जोर से बढ़ने लगी। मैं उसकी चूत को ऐेसे चूस रहा था कि जैसे अब मुझे जिन्दगी में दोबारा कभी चूत नहीं मिलेगी.

क्या बताऊं दोस्तो, लड़की की चूत होती ही ऐसी चीज है कि उसको खाने का मन करता है.

मैं उसकी चूत के लिये पागल सा हो गया था. बार बार जीभ घुसा रहा था तो कभी दांत से काट लेता था. कभी उसमें उंगली देकर तेज तेज अंदर बाहर करते हुए चोदने लगता था.

वो तो पागल ही हो गयी थी. उसकी चूत की आग को वो बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी.
मैंने चूस-चूस कर उसकी चूत को लाल कर दिया था और प्रिया लगातार मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाए जा रही थी।

5 मिनट तक चूत चुसाई के बाद उसकी चूत झरने की तरह झड़ गई। प्रिया की सांसें बहुत तेजी से चल रही थीं. ऐसा लग रहा था जैसे कि वो एक लम्बी रेस जीतकर आई हो.

अब प्रिया ने धीरे से मेरी जीन्स के ऊपर से ही मेरे लण्ड पर हाथ रखा और सहलाने लगी.
मेरा लण्ड फूल कर फटने को हो गया था।
इतनी देर से मैं प्रिया की चूत से खेल रहा था इसलिए लंड में लगातार कामरस बाहर आ रहा था.

प्रिया का हाथ लंड पर आते ही मुझे बहुत सुखद अहसास होने लगा.
लंड दर्द करने लगा था क्योंकि इतनी देर से उसमें पूरा तनाव बना हुआ था और अब लंड को भी अपना जोश खाली करना था.

वो कुछ देर तो मेरे लंड को मेरी जीन्स के ऊपर से ही सहलाती रही. फिर उसने मेरी जीन्स के बटन को खोलना शुरू कर दिया.
मगर जीन्स मेरी कमर पर काफी टाइट थी तो उससे बटन खुल नहीं रहा था.

फिर मैंने खुद ही अपनी जीन्स का बटन खोला और जीन्स नीचे कर दी.
मेरे अंडरवियर को मेरा लौड़ा गीला कर चुका था. उस पर ढेर सारा कामरस लगा हुआ था.

प्रिया ने मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को सहलाया और फिर कच्छे में अंदर हाथ दे दिया.
उसने मेरे गर्म लंड को अपने हाथ में भर लिया और उस पर आगे पीछे हाथ चलाने लगी.

मैं तो मदहोश होने लगा.
उसके कोमल हाथ का स्पर्श मुझे मेरे लंड पर बहुत मजा दे रहा था.

फिर उसने धीरे से उसे बाहर निकाल कर मुंह में ले लिया और लौड़े को धीरे धीरे अंदर लेकर चूसने लगी.

कुछ देर तो वो प्यार से चूसती रही. फिर वो भी तेजी से चूसने लगी.
अब वो ऐसे चूस रही थी जैसे कि बहुत दिनों से लंड की प्यासी हो.

देखते ही देखते उसने मेरे लौड़े को लॉलीपोप बना दिया. वो रंडियों की तरह उसकी चूस चाट करने लगी.
वो भी मेरी तरह बहुत जोर-जोर से चूस रही थी जैसे आज लौड़े को खा ही जाएगी।

मेरे मुँह से आह्ह … आह्ह के अलावा कुछ नहीं निकल रहा था।
मैं जैसे सातवें आसमान पर था।
इतना मजा लंड को इससे पहले कभी नहीं मिला।

अब मुझसे भी रुका न जा रहा था. मैंने उसको 69 की पोजीशन में कर लिया. मैं फिर से प्रिया की चूत चाटने में लग गया.
अब मेरा मुंह उसकी चूत पर चल रहा था और उसका मुंह मेरे लंड पर चल रहा था.

69 पोजिशन में लंड और चूत चुसाई का मजा लेते हुए हम दोनों जैसे एक दूसरे में खो ही गये थे.

मेरे लंड को चूसते हुए ही प्रिया ने मेरी जीन्स को मेरी टांगों से बिल्कुल ही खींचकर अलग कर दिया था.
फिर उसने मेरे अंडरवियर को भी खींच दिया और ऊपर से भी मैं नंगा हो गया.

अब हम दोनों पूरे ही नंगे हो चुके थे. अब मेरी उत्तेजना दोगुनी हो चुकी थी.
इतनी देर से प्रिया मेरे लंड को चूसने में लगी हुई थी और दूसरी तरफ मुझे उसकी चूत का स्वाद भी मिल रहा था.

अब मैं ज्यादा देर खुद को रोक न पाया और बिना बताये ही मैंने प्रिया के मुंह में वीर्य छोड़ दिया.
प्रिया ने मेरे वीर्य को अंदर ही पी लिया. शायद वो अपने बॉयफ्रेंड का वीर्य भी पीती रही होगी. इसलिए उसको ऐसा करना अच्छा लगा शायद।

मैं तो खुश हो गया था. इस तरह का साथ देने वाली लड़की मिल जाये तो चुदाई में हर तरह का मजा मिल जाता है.

उसके बाद हम दोनों लेट गये. प्रिया ने मेरे हाथ को पकड़ा और अपनी चूत पर रखवा कर अपने ही हाथ से अपनी चूत को रगड़वाती रही.

हम दोनों बातें करने लगे. वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ अपनी चुदाई के अनुभव बताने लगी.
मैंने जाना कि वो अपने बॉयफ्रेंड से काफी चुदी हुई थी.
ये अच्छी बात भी थी लेकिन चूत टाइट न होने का कारण भी थी.

खैर मुझे प्रिया पसंद थी इसलिए उसकी चुदी हुई चूत से मुझे ज्यादा कुछ लेना नहीं था. मैं तो बस उसकी जवानी के मजे लेना चाहता था.

फिर कुछ देर के बाद हम दोनों फिर से चूमा चाटी करने लगे.
मैंने उसकी चूत में उंगली चलानी शुरू कर दी और वो मेरे लंड को हाथ से सहलाने लगी.

फिर वो मेरे लंड पर झुक गयी और उसको मुंह में लेकर चूसने लगी. मैं उसकी चूत और गांड को सहलाता रहा और वो लौड़ा चूसती रही.

कुछ ही देर में मेरे लंड में फिर से पूरा तनाव आ गया. अब मेरा लौड़ा उसकी चूत को चोदने के लिए एक बार फिर से तैयार था.
अब मुझे जल्दी से स्खलित होने का डर भी नहीं था.

प्रिया कहने लगी- अमन … बस अब ऊपर आओ … और अन्दर डाल दो।
मैं भी तैयार था. मैं जल्दी ही प्रिया की टांगों के बीच में आ गया और उसकी चूत के छेद में अपना लण्ड टिका दिया.

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया।
अब मैंने धीरे से दबाव डाला और मेरा लण्ड उसकी चूत में घुसता चला गया।

वो गर्माहट मुझे आज भी याद है बिल्कुल किसी ज्वालामुखी की तरह धधक रही थी उसकी चूत।

झटका जोरदार था इसलिए वो पहले झटके को सह न पायी. उसकी चीख सी निकली और वो छूटने की कोशिश करने लगी मगर छुड़ा न पाई.
उसके चेहरे पर दर्द के भाव थे. उसकी आँखों बंद थीं और वो बहुत गहरी सांसें ले रही थी।

मैं उसके मम्मों को दबाने लगा।
फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा। मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया।

अब वो मुझसे लिपट गयी. मेरा लंड पूरा उसकी चूत में चला गया था. मैं तो जैसे स्वर्ग में पहुंच गया था.
जिस्मों का मिलन पूरा हो गया था और अब चुदाई का आनंद लेने की बारी थी.

उसको वापस नीचे लिटाकर मैंन अपनी गांड की हरकत शुरू की. गांड को आगे पीछे धकेलते हुए मैं उसकी चूत में लंड को चलाने लगा.

उसको शुरू में हल्की तकलीफ हो रही थी लेकिन बाद में वो आराम से लंड लेने लगी.

अब मैं धक्के लगाने लगा और स्पीड बढ़ने लगी.
वो भी मस्त होने लगी.

चुदाई की रेलगाड़ी चल पड़ी थी.
मैं जोर से धक्के मारता रहा.

उसके मुंह से आह्ह … आह्ह … करके लगातार आवाजें निकल रही थीं.

कुछ देर तक मैं उसको चोदता रहा. फिर कुछ देर बाद मैंने प्रिया को बिस्तर के किनारे पर खड़ा किया और उसको झुका लिया.
अब वो घोड़ी जैसी पोजीशन में थी. मैं उसको पीछे से चोदने लगा।

मुझे चोदते हुए दो मिनट ही हुए थे कि प्रिया की चूत से झरना बह निकला.
उसकी चूत से काफी सारा रस निकल कर मेरे लंड पर फैल गया.
मैं अभी भी चोदे जा रहा था और चूत पच पच करने लगी थी.

मुझे भी अब दोगुना मजा आ रहा था। मेरी स्पीड लगातार बढ़ रही थी.

मगर प्रिया अब चीखने लगी थी. उसकी चूत में शायद अब मेरा लंड दर्द दे रहा था.
मैंने उसकी गांड को थाम लिया और तेजी से पेलने लगा.

अब उसकी गांड से मेरी जांघें पूरी की पूरी टकरा रही थीं और चुदाई में पट पट … पट पट … की आवाज होने लगी थी.
साथ ही प्रिया की चीखें भी बढ़ गयी थीं.

चुदाई चलते हुए 15 मिनट के लगभग हो गये थे.

कुछ देर बाद मेरा भी निकलने को हो गया.
मैं उसकी चूत में माल नहीं गिराना चाहता था लेकिन वो क्षण इतना मजेदार था कि मैंने चूत से लंड निकालने के बारे में सोचा भी नहीं.

उसको चोदते हुए मैंने उसकी चूत में ही अपना माल खाली कर दिया.
मैं उसकी पीठ पर ही ढेर हो गया और हांफने लगा.
वो भी उसी मुद्रा में नीचे बेड पर पसर गयी और मैं उसके ऊपर पड़ा रहा.

हम दोनों हांफ रहे थे.

फिर मैंने उसकी चूत से लंड निकाला और एक गंदे कपड़े से उसको साफ किया.
मैंने प्रिया की चूत को भी साफ किया.
अब हम दोनों अलग होकर लेट गये.

प्रिया काफी खुश लग रही थी.
वो मेरे सीने पर आकर लेट गयी और सहलाने लगी. मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा.

फिर हम बातें करने लगे. कुछ देर के बाद फिर से हम गर्म हो गये और फिर से एक राउंड जोरदार चुदाई का हुआ।

अबकी बार मैंने प्रिया को 20 मिनट चोदा. इस तरह से उसके बाद तीसरा राउंड भी हुआ.

उस दिन मैंने कई बार उसकी चूत मारी. मैंने प्रिया के साथ अपनी सारी सेक्स कामनाएं पूरी कीं.

अगले दिन जब हम उठे तो बहुत थक गये थे. फिर सुबह मैंने उसको एक बार फिर से चोदा. फिर मेरी फ्रेंड आकर उसको ले गयी ताकि किसी को शक न हो कि वो रात भर एक लड़के के साथ अकेली थी.

उस दिन के बाद से इंडियन कॉलेज गर्ल सेक्स का खेल शुरू हुआ जो काफी दिनों तक चला. फिर जैसे जैसे हालात सामान्य होते गये तो हमारा रिश्ता भी कमजोर पड़ने लगा. वो पहले भी दो लड़कों के साथ सम्बन्ध बना चुकी थी.

धीरे धीरे उसे बात होना बंद हो गयी और फिर हम नहीं मिले. अब उसका फोन भी बंद हो चुका था और हमारा रिश्ता भी विराम ले चुका था. मगर कभी कभी उसकी चुदाई की बातें याद आ जाती हैं इसलिए मैंने ये कहानी आपके साथ शेयर की.

आपको उस जवान लड़की की चुदाई की ये कहानी पसंद आई होगी. मुझे अपने मैसेज में बतायें. आप मुझे ईमेल पर भी मैसेज कर सकते हैं. कमेंट्स भी अपनी राय रख सकते हैं.
इंडियन कॉलेज गर्ल सेक्स कहानी पढ़ने के लिए सभी का धन्यवाद।
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