भाभी को होली के दिन चोदा

यह होली सेक्स नंगी चुदाई कहानी एकदम सच है. मैंने पहले भाभी को लंड चुसवाया, फिर भाभी की चूत और गांड की ठुकाई आगे पीछे से की।

दोस्तो,
मेरा नाम महेश सिंह है। मेरी उम्र 22 साल है।
मैं लखनऊ, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं।
मैं लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहा हूं।
मैंने इस घटना से पहले तक सेक्स नहीं किया था।

यह एक सच्ची कहानी है। इस कहानी में एक भी चीज झूठ नहीं है।
अगर कोई गलती है तो मुझे माफ कर दें क्योंकि मैं कहानी पहली बार लिख रहा हूँ।

यह होली सेक्स नंगी चुदाई कहानी साल 2021 मार्च के महीने की है।

मेरी भाभी का नाम स्मिता सिंह है। भाभी की उम्र 34 है। भाभी की शादी को 10 साल हो गये हैं।
भाभी को देख कर लगता नहीं है कि वो एक बच्चे की मां है।

भैया सरकारी नौकरी करते हैं तो उनके पास समय नहीं होता कि वो घर में समय दे पायें और भाभी को खुश कर पायें।
मेरी भाभी देखने में एकदम सीधी साधी है पर उनको देख कर कोई भी बिना मुठ मारे नहीं रह सकता।

भाभी को फैंसी ब्रा पैन्टी का बहुत शौक है।
उनके पास हर रंग और तरह की ब्रा पैंटी है।

पिछले 3 साल से मैं उनकी ब्रा पैंटी सूंघ कर मुठ मार रहा था.

और मुझे होली के दिन सेक्स करने का मौका मिल ही गया।

होली का दिन था, मैं भैया के घर गया होली खेलने!
भैया तो … पता चला कि वो सुबह ही निकल गए अपने दोस्तों के साथ होली खेलने।
घर में सिर्फ़ भाभी और बच्चे थे।

भाभी बुरी तरह से रंगी हुई थी और बच्चे अपना होली खेलने मे मस्त थे।

रंग बिरंगी भाभी किचन के काम में व्यस्त थी।

मैंने भाभी को गाल और कमर पे रंग लगाया और गले मिल के बधाई दी।
भाभी मुझे कामुकता भरी नज़रों से देख रही थीं।

फिर भाभी ने मुझे खाने पीने के लिए कुछ नाश्ता दिया.
और वो मेरे बगल में बैठ कर मुझे ही देख रही थीं।

फ़िर मैं खाने में व्यस्त हो गया और भाभी अपने काम में!

कुछ देर बाद भैया अपने दोस्तों के साथ वापस आए और दारू पीने पीने में व्यस्त हो गये।
फ़िर थोड़ी देर के बाद उनके दोस्तों ने भाभी के चेहरे, कमर, हाथ और बाल पर रंग लगाया और भैया अपने दोस्तों के साथ फिर चले गये।

भाभी बुरी तरह से रंगी हुई थी कि पहचान में ही नहीं आ रही थी।

मैं बॉथरूम में था और भाभी ने अचानक से दरवाज़ा खोल दिया। मैं पेशाब कर रहा था।
मेरा 6.5 इंच का लन्ड देख के भाभी शर्मा गई और अंदर आकर ध्यान से देखने लगी।

पर मैं शर्म के मारे वहाँ से हट गया।
मैं नहाने चला गया.

कुछ देर बाद भाभी के कमरे से आवाज़ आने लगी।

मैंने छिप कर देखा तो भाभी नहा चुकी थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी और सिसकारियां निकालते हुए मेरा नाम ले रही थी।

मैं अचानक से कमरे में घुस गया और भाभी मुझे देख के डर गई और बोलने लगी- तू यहां क्या कर रहा है? रुक तेरे भईया से बोलूंगी।

मैंने कहा- मुझे एक मौका दे कर देखो भाभी … मैं जन्नत का मज़ा दिला दूंगा आपको!
भाभी- मैं तो कब से चाहती हूं कि मैं तेरे लन्ड की सैर करूं पर डर लगता था कि तू पता नहीं क्या सोचेगा मेरे बारे में!

मैंने कहा- भाभी, मैं भी आपको पसंद करता हूँ और कब से आपके साथ सेक्स करना चाहता था और आपके दूध पीना चाहता था।

भाभी मेरे पैंट के ऊपर से ही मेरे लन्ड को पकड़ कर खड़ा कर रही थी।

फिर उसने मेरी पैंट को उतार दिया और मेरी चड्डी पे अपने हाथ से सहलाने लगी।
मुझे ऐसे लग रहा था कि कोई मेरे लंड की मालिश कर रहा है।

मैं बोला- अरे भाभी, आप ये क्या कर रही हो?
भाभी बोली- तू चुप चाप बैठ!

और फिर भाभी ने मेरी चड्डी उतार कर एक तरफ फ़ेंक दी।
फिर भाभी ने मेरे लन्ड पे चॉकलेट लाकर लगा दी और उसको चूसने लगी।

करीब 20 मिनट के बाद मेरा पानी निकलने लगा और वो सारा पानी पी गई।

मैं बोला- भाभी, अब आप लेट जाओ और मुझे भी मौका दो सेवा का!
यह बोल कर मैंने भाभी की बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी साड़ी उतार दी।

अब भाभी सिर्फ़ गुलाबी रंग की ब्रा और पैंटी में थी।
उनका गोरा बदन देख कर मेरा लन्ड सलामी देने लगा।
और वो कामवासना में मदहोश हो कर मेरा लन्ड सहला रही थी।

भाभी बोली- आज से मैं तेरी रण्डी, जैसे मन करे तू मुझे वैसे चोद! तू मुझे भाभी मत बोला कर। तेरे भाई का लंड नहीं वो तो नुन्नू है 3 इंच का लहसुन।

बाद में हम दोनों 69 पोजिशन में आ गए।
हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गये और करीब आधे घंटे तक हम देवर भाभी ने ओरल सेक्स का मजा लिया. भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने गले में लेकर चूसा.
मैंने भी भाभी की चूत, चूत का दाना खूब चूसा.

उसके बाद भाभी बेड पर लेट गयी और मैं उनके ऊपर आ गया.
मैंने भाभी को लंस पकड़ कर चूत के छेद में लगाने को कहा.
भाभी चुदाई के लिए बेचैन हुआ पड़ी थी तो उन्होंने देर ना लगाते हुए मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत की दरार में रगड़ने लगी.

भाभी का एक हाथ मेरी पीठ पर था.
जब लंड चूत के छेद पर पहुंचा तो भाभी ने हाथ से मेरी पीठ दबा दी और मैं समझ गया कि लंड अंदर डालने को कहा रही हैं भाभी!

मैंने अपने कूल्हों को झटका दिया और मेरा लंड भाभी की चूत के अंदर धंस गया.
आनन्द के मारे भाभी की सिसकारी निकल गयी- उम्म .. आह .. आह्ह!

मैंने 15-20 मिनट भाभी को जन्नत की सैर कराई।
इस बीच भाभी 2 बार झड़ चुकी थी।

जब मेरा काम तमाम होने लगा तो मैंने भाभी से पूछा- भाभी, कहाँ निकालूं अपना माल?
तो वो बोली- मेरे मुंह में डाल दे।

मैंने लंड चूत से निकाल कर भाभी के मुख में दे दिया और मुखचोदन करने लगा.
दो मिनट में ही मेरा माल भाभी के गले में चला गया.

मैं भाभी के नंगे बदन से हट कर उनकी बगल में लेट गया.
भाभी उठ कर बाथरूम में गयी और अपना मुंह साफ़ करके आई.

मैंने नंगी भाभी को अपनी बांहों में ले लिया और चुम्बन करने लगा.
और एक दूसरे के निप्पल चूसने लगे और फिर एक दूसरे को चूमने लगे।
हम दोनो ने एक दूसरे को अच्छे से चाटा और वीर्य से मालिशक कि भाभीk स्तन की ।
भाभी ने आँखें बंद कर रखी थी और मेरे साथ का मजा ले रही थी.

थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर जोश में आने लगा.
भाभी बोली- ये तो फिर चूत मांगने लगा.

मैंने कहा- हाँ भाभी … अब मुझे आपकी गांड मारनी है।
तो वो बोली- नहीं पीछे नहीं … वहां मुझे बहुत दर्द होगा।

मैं बोला- भाभी, ज्यादा नहीं होगा, बाद में बहुत मजा आयेगा, एक बार देखो तो लन्ड ले कर!
भाभी बोली- ठीक है, ड्रेसिंग टेबल से वैसलीन लाओ, तेरे लन्ड पर लगा दूँ।

मैं नंगा उठकर वैसलीन लाया. भाभी ने थोड़ी वैसलीन मेरे लंड पर लगायी और थोड़ी अपनी गांड के छेद में लगा ली.

मैंने भाभी को कुतिया बनाया और लंड अंदर घुसाने लगा.
भाभी की गांड कसी थी तो मेरा लंड अंदर नहीं जा रहा था.

मैं बोला- भाभी, लन्ड जा नहीं रहा है।
भाभी बोली- साले कोशिश कर चला जायेगा। पहली बार गांड में लन्ड ले रही हूं।

बहुत कोशिश करने पर मेरा लंड भाभी के गांड में घुस गया पर भाभी पूरा दर्द सह गयी. शायद भाभी को भी गांड मरवाने की चाह रही होगी.

मैं बोला- भाभी मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. आपको?
भाभी बोली- धीरे कर … दर्द हो रहा है साले!

मैंने भाभी की चूत में उंगली करनी शुरू कर दी इससे भाभी को मजा आने लगा और वे दर्द भूल गयी.

कुछ देर बाद मेरा होने वाला था और कुछ मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
नंगी पड़ी भाभी जैसे रण्डी लग रही थी जैसे किसी हैवान ने चोदा हो।

मैंने नंगी चुदाई से भाभी के शरीर के सारे छेद अपने रस से भर दिये थे।

फिर हमने एक दूसरे को गुलाल लगाया ऊपर से नीचे ऊपर तक। मुंह, छाती, पीठ चूतड़ लंड चूत को भी नहीं छोड़ा था।

फिर से एक बार हम दोनों ने एक दूसरे को ठोका.
और अब बस ये हमारी आखरी बार थी उस दिन की।

मैं भी बहुत थक गया था और लन्ड भी थोड़ा दर्द हो रहा था।

भाभी भी थक चुकी थी, उनकी गांड में दर्द हो रहा था, वो फिर भी खुश थी।
वो आज संतुष्ट हो गई थी और मुझसे बोली- अब से हर हफ्ते मुझे चोदना।

भाभी को मैंने इतनी बुरी तरह से चोदा था कि वो खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।

फिर हम दोनों दोबारा नहाये, कपड़े पहने और भाभी को किस करके मैं घर चला गया।

बाद में बात हुई भाभी से तो पता चला कि उनकी एक सहेली को भी ठुकाई करवानी है।
उनकी सहेली शादी शुदा औरत थी और उसका पति नामर्द था. कई साल से उनको बच्चा नहीं हो रहा था.

होली के 10 दिन बाद मुझे मौका मिला तो मैंने उससे भाभी के साथ एक ही समय में दोनों को ठोका।
बाद में खबर आई थी भाभी की सहेली नेहा मां बनने वाली है।

इसी तरह से अब मैं हर हफ्ते अपनी भाभी को चोदता हूँ और भाभी अब मेरी रखैल बन गई है।

मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी होली सेक्स नंगी चुदाई कहानी पसंद आई होगी। कैसे लगी मेरी कहानी, प्लीज़ मुझे ईमेल कर के बताइए!
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