दीदी की चुदाई देख कर मेरा खड़ा हो गया

सिस्टर बॉयफ्रेंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि घर पर मैं और मेरी बहन ही अकेले थे. मैंने रात में दीदी को मेरे दोस्त के भाई के साथ देखा कमरे में! मैंने उनकी पूरी चुदाई देखी.

यह बात तब की है जब मैं डिप्लोमा कर रहा था और मेरी छोटी बहन बी.एड कर के घर पर बैठी थी।

एक बार मेरे घर पर मैं और मेरी बहन ही अकेले थे और गर्मी का मौसम था इसलिए रात में हम छत पर सो रहे थे।

बीच रात में जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मेरी दीदी मेरे पास नहीं थी.
तो मुझे लगा कि वो नीचे चली गयी होगी. तो मैं भी तकिया लेकर नीचे आने लगा.

लेकिन तभी मुझे नीचे से बात करने की आवाज आई. तो मुझे शक हुआ कि कौन है जिससे दीदी आधी रात में बात कर रही हैं.

तो मैं धीरे से गया. फिर मैंने थोड़ा पर्दा हटाया तो मैं अंदर का नजारा देखकर दंग रह गया.
मेरी दीदी बेड के पास खड़ी थी और एक लड़का उसकी गांड को सहला रहा था.

बाद में ध्यान से देखने पर पता चला कि वो लड़का रवि भैया है मेरे दोस्त का भाई.
तो मैं समझ गया कि दीदी का बॉयफ्रेंड सेक्स के लिए आया था.

उस समय मेरी दीदी ने सलवार कमीज़ पहन रखी थी.

तभी मेरे देखते देखते रवि भैया ने दीदी की कमीज़ ऊपर करके उतार दी.

अब दीदी ब्रा में खड़ी थी और उनकी ब्रा पिंक कलर की थी और दीदी के जिस्म के कलर से ऐसे मैच कर रही थी कि ऐसा लगता था मानो कुछ पहना ही ना हो.

फिर रवि ने दीदी की सलवार का नाड़ा खोला और उसे भी नीचे सरका दिया.

अब उनके सामने एक 24 साल की चिकनी गुलाबी जवानी खड़ी थी.

फिर रवि भैया बोले- जान बहुत दिन हो गये … और अब मत तड़पाओ. मैं तुम्हारी जवानी को चूसने इतना रिस्क लेकर आया हूँ.
तो दीदी बोली- मेरे राजा, तुम्हारे लिए ही तो ये मस्त जिस्म रखा है. मेरी चूत में तुम्हारे लंड की ज़रूरत है. मुझे चोद दो, मुझे अपनी रखैल तो बना लो और अपने होंठों से मेरी चूची को पी जाओ. अपने लंड को मेरी चूत का रास्ता दिखाओ.

फिर रवि ने दीदी को पूरी नंगी कर दिया.
ओह गॉड … मैंने पहली बार ऐसा भड़कता हुआ जिस्म देखा था.
मेरी दीदी के गोल गोल बूब्स, केले के तने की तरह चिकनी जांघें थी.

अब मेरा मन कर रहा था कि मैं अभी दीदी को चोद दूँ.

फिर दीदी ने रवि के कपड़े उतारे.
अब वो दोनों बिल्कुल नंगे थे.

मैंने उस समय अपना लंड अपने एक हाथ में ले रखा था.

फिर रवि ने दीदी के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अपने एक हाथ से दीदी के बूब्स और एक हाथ से दीदी की चूत मसलने लगे थे.

दीदी की चूत पर एक बाल भी नहीं था, उनकी चूत एकदम चिकनी थी.
बस मेरा दिल कर रहा था कि अपनी जीभ से दीदी की चूत को चाटता रहूँ.

फिर वो दोनों बेड पर लेट गये और अब रवि का लंड पूरा तन गया था.
अब दीदी जैसी मस्त और जवान लड़की को देखकर तो रवि के बाप का लंड भी खड़ा हो जाता।

फिर वो दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और दीदी ने रवि भैया का लंड मुंह में ले लिया.
अब दीदी रवि का लंड ऐसे चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपोप हो. अब रवि भी दीदी की गीली चूत को अपनी जीभ से चाट रहे थे.

इस समय तक दीदी की हालत बहुत बुरी हो गयी थी, बस वो किसी लंड को अपनी चूत में घुसवाना चाहती थी.
अब वो मचलने, तड़पने लगी थी और बोली- रवि, मेरी यह चूत तुम्हारे लंड के बिना मर जाएगी, इसमें अपना लंड घुसा कर फाड़ दो.

तो रवि ने दीदी के दोनों पैरों को पूरा खोल दिया.
और दीदी के पैर खुलते ही मुझे दीदी की रसीली चूत दिख गयी.

फिर रवि ने अपने तने हुए लंड के टॉप को दीदी की चूत पर धीरे-धीरे रगड़ना शुरू किया.
अब दीदी से काबू नहीं हो रहा था और वो कसमसाने लगी थी.

तब दीदी ने अपनी आँखों को बंद कर लिया और वो धीमी धीमी सांसें खींचती हुई आहें भरने लगी।
फिर कुछ देर के बाद रवि उठकर बैठ गया और वो दीदी की चूत पर अपने लंड को सटाते हुए दीदी को अपनी चूत को फैलाने के लिए कहने लगा.
और दीदी ने अपनी चूत को फैला दिया।

फिर रवि ने अपने लंड के टोपे को उसकी चूत के अंदर डाल दिया और एक ज़ोर के झटके के साथ अपने लंड को अंदर डालने के लिए उसने अपनी कमर को एक झटका मार दिया।

अब दीदी ने ज़ोर से चीख मारी और वो अपने दोनों पैरों को कसते हुए चीखी- नहीं, आईईई ईई ईई!
दर्द भरी आवाज के साथ दीदी पूरी तरह से कांप उठी।

अब रवि ने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और दीदी के दोनों बूब्स को उसने अपनी हथेलियों में लेकर धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया.
और इसके साथ ही उसने अपनी कमर को हिलाना भी जारी रखा.

इधर दीदी आहह ह्ह ऊआ होहा आअ की आवाज़ निकालने लगी।

फिर कुछ देर के बाद जब रवि ने अपनी कमर की स्पीड को कम किया.
और तब मैं समझ गया कि अब उसका लंड मेरी बहन के कुंवारेपन के दरवाजे पर दस्तक दे चुका था।

अब रवि ने अपने दोनों हाथों को दीदी के बूब्स के ऊपर से हटाकर उसकी कमर को पकड़कर ज़ोर से झटके के साथ लंड को दोबारा अंदर दे मारा जिसकी वजह से दीदी का तो जैसे पूरा इंजन ही हिल गया।

वो अब दर्द की वजह से बड़ी ही ज़ोर से चिल्ला उठी- आईई ईई ईईईई आह ह्ह्ह अब बस करो, मैं मर जाऊंगी प्लीज … ऊऊईई ईई।
अब दीदी दर्द की वजह से आह हह्ह आह होह्ह की आवाज़ के साथ मोन कर रही थी.

और इधर जब रवि ने देखा कि उसकी सिसकियाँ अब कम नहीं हो रही हैं तो वो उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को धीरे धीरे चूसने लगा और वो उसके दोनों बूब्स को मसलने लगा.
जिसकी वजह से अब दीदी कुछ देर के बाद शांत होने लगी थी.

और कुछ देर के बाद दीदी ने रवि से पूछा कि कितना बाहर है?
तो उसने बताया कि और थोड़ा सा ही बाहर है.
और फिर अपने बचे हुए लंड को अंदर करने के लिए उसने ज़ोर से एक झटके के साथ अपनी कमर को हिला दिया।

अब दीदी ओह्ह हआ हहऊ आह हो की आवाजें निकालने लगी.
और इस तरह से रवि ने दीदी की चुदाई करीब आधे घंटे तक बहुत मज़े लेकर बहुत अच्छे तरीके से की.

अब दीदी भी अपने दर्द को भुलाकर अब उसका साथ खुलकर देने लगी थी और अब वो दोनों खुलकर एक दूसरे को धक्के देकर मज़े देने और लेने लगे.
उस समय वो दोनों पूरे जोश में नजर आ रहे थे।

अब दीदी भी रवि के साथ साथ लगातार अपनी कमर को हिला रही थी और रवि धक्के देने के साथ साथ दीदी के होंठों को बुरी तरह से चूस रहा था.
और अब दीदी भी उसका पूरा साथ दे रही थी।

फिर कुछ देर के बाद वो दोनों शांत हो गये तो मुझे यह पता चल गया कि अब मेरी बहन की चूत में रवि का वीर्य जा चुका था.
और अब वो दोनों बिल्कुल निढाल एकदम शांत पड़े रहे।

फिर कुछ देर बाद रवि उठकर बैठते हुए अपने लंड को वो दीदी की चूत से बाहर निकालते हुए उसके ऊपर से हट गया।

जब मैंने दीदी की चूत को ध्यान से देखा तो उसकी चूत इतनी जबर्दस्त लगातार चुदाई की वजह से पहले से बहुत ज्यादा सूज गई थी.
तब रवि उठकर बाथरूम में चला गया और बाथरूम से आने के बाद वो तैयार हुआ और चला गया.

फिर मैंने देखा कि दीदी अब अपने पूरे कपड़ों को पहनकर चुपचाप सो रही थी.
मैं उसको देखकर समझ चुका था कि वो उस बॉयफ्रेंड सेक्स की वजह से ज्यादा थककर आराम कर रही है।

तब से मैं अपनी दीदी के बूब्स और चूत का दीवाना बन गया.
अब जब भी वो झुकती हैं तो मैं कोशिश करता हूँ उनके शर्ट के गले में से उनकी चूचियां देखने की … और बहुत बार देखा भी है।

मुझे अब लगता है कि मेरी घर की सारी औरतें बहुत ही कामुक है चुदाई के लिए … उनको रोज नये नये लंड चाहियें अपनी चूत के लिए!

दोस्तो, आपको मेरी सिस्टर बॉयफ्रेंड सेक्स कहानी में मजा आया या नहीं? मुझे कमेंट्स करने अवश्य बताएं.
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