मेरी आज्ञाकारी पत्नी का सरप्राइज़

मुझे और मेरी पत्नी को BDSM Sex पसंद है. ऑफिस से घर आते समय मैंने उसे मेसेज किया कि मैं आ रहा हूँ. मैं घर पहुंचा तो मैंने एक अनोखा नजारा देखा.

यह मेरी पालतू के साथ हमेशा की तरह बिताई गई एक रात की BDSM Sex कहानी है।

मेरी यह कहानी एक विदेशी कथा से प्रेरित है, आशा है आपको मज़ा आएगा.

उस दिन मैं बुरी तरह से काम में व्यस्त था. शाम होते होते शरीर थक कर चूर चूर हो गया था।

रात होने लगी थी, मैं घर जाने के लिए निकल पड़ा।
मैंने घर पर मैसेज किया था कि मैं रास्ते में हूं।

जब मैं घर पहुंचा तो ऐसा कुछ हुआ जिसकी मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी.
मैंने दरवाजे को नॉक करने के लिए जैसे ही हाथ लगाया वह आहिस्ता से खुल गया।

अंदर सभी लाइटें बंद थीं, केवल गैलरी से आ रही एक हल्की लाइट दिख रही थी जो हमारे बेडरूम की ओर जाती है।

जैसा कि मैं आगे बढ़ा, मुझे आश्चर्य के साथ उत्सुकता भी हो रही थी कि वह कहां है।
मैंने संदेश भेजा था कि मैं रास्ते में हूं उसने जवाब दिया था कि वह राह देख रही है.

खैर जो हो रहा था वह बहुत रोमांचक था और मैं काफी उत्सुक था।

जैसे ही मैं लाइट के पास पहुँचा, वो एक बहुत ही अप्रत्याशित दृश्य था।
वो वहाँ फर्श पर पालतू जानवर की तरह चारों पैर पर थी।
उसने एक छोटी प्लेड स्कर्ट और कॉलर जो मैंने कुछ महीने पहले मंगाया था, के अलावा कुछ भी नहीं पहना था।

उसके खुले चूतड़ मेरे सामने थे और छोटी सी प्यारी सी चिकनी चूत टांगों के बीच पीछे से मैं देख सकता था जो पहले से ही नम थी।

“वेलकम होम मालिक!” वो सेक्सी आवाज में फुसफुसाई।
मैं यहां पर बता दूं कि वो पालतू जानवर कोई और नहीं … मेरी प्यारी सेक्सी पत्नी थी।

हम लोग अक्सर पोर्न साइट पर BDSM Sex वीडियो देखते थे और उसको भी बहुत रोमांच महसूस होता था कई बार हम लोग भी उसी तरह के खेल खेलते थे।

मैं उसके गले में कुत्तों वाला पट्टा पहनाकर पूरे घर में घुमाता था. वह बिल्कुल पालतू जानवर की तरह व्यवहार करती एवं मेरी हर आज्ञा का पालन करती।

हमारा घर शहर से बाहर की तरफ था. रात को बहुत चहल पहल नहीं रहती तो कई बार उसी हालत में नंगी चार पैर पर पालतू जानवर की तरह कभी बालकनी में कभी छत पर ले जाया करते।
एक दो बार दो घर से बाहर भी निकले लेकिन डर के मारे कोई देख ना ले जल्दी वापस आ गए।

कहानी आगे बढ़ाते हैं।

पहली बार में मुझे आश्चर्य हुआ, मुझे जवाब देने में कुछ सेकंड लगे।
लेकिन अब असली मजा शुरू हुआ।

“हाय मेरी प्यारी पालतू जानवर! यहाँ क्या कर रही हो?”
“मैं आपका इंतजार कर रही थी मालिक! मैंने सोचा कि आप काम पर दिन भर थक गए होंगे; थकान दूर करने के लिए थोड़ी मस्ती करते हैं.” उसने उत्साह के साथ उत्तर दिया।

जैसे ही उन शब्दों को सुना, मैंने महसूस किया कि मेरे शरीर में रक्त का प्रवाह तेज हो गया है और मेरा लिंग तुरंत सीधा होकर अंगड़ाई लेने लगा।
“तुम कितनी अच्छी हो मेरी पालतू!”
“सिर्फ आपके लिए मालिक!”

मैं उसके चेहरे के भाव को सामने लगे दर्पण से देख सकता था।
मैंने देखा कि गहरा मेकअप लगाया था जो उसकी सुंदरता मैं चार चांद लगा रही थी।
उसने अपने मदमस्त होठों पर खून की तरह लाल लिपस्टिक भी लगाई थी। उसकी मस्त चूचियां प्रकाश में चमक रही थी।

उसे पता था कि यह कुछ ऐसा था जिसका मुझे बहुत रोमांच होता है।
मैं अभी भी उस दृश्य का आनंद ले रहा था.

मैंने फैसला किया कि थोड़ी गतिविधि और बढ़ाकर आनंद लेने का समय है जो प्यारी जानवर भी चाह रही थी।
तो मैंने स्कर्ट को थोड़ा और ऊपर उठाया ताकि मैं उसके सेक्सी शरीर की हर गहराई का आनंद ले सकूं।

उसकी चूत पहले से ही गीली थी, मैं उसमें से निकलते हुए मधुरस को बहते हुए देख सकता था।

मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी सुंदर मखमली मुलायम चूत की तरफ बढ़ाया और हौले से उसके भग्नासा को सहलाया जो उत्तेजना से पहले से ही कठोर थी, रक्त प्रवाह तेज होने से लाल दिख रही थी।

“मेरे मालिक, जब आप अपने पालतू जानवर को इस तरह छूते हैं तो बहुत अच्छा लगता है.” वह मदहोशी में कराह कर जैसे नशे में बोल रही थी।
“मैं देख रहा हूं कि तुम्हारे साथ जो होने वाला है उसकी कल्पना से चूत पहले से ही रस छोड़ रही है.”

मैंने उसकी तरफ मुस्कुराते हुए कहा- क्या मेरी अच्छी पालतू मुझे खुश करना चाहती है?
उसने उत्तर दिया- हाँ, मालिक, आपकी पालतू आपके पसंद किए तरीके से उपयोग करने के लिए प्रस्तुत है.

मैं उसकी चूत की दरार में उंगली धीरे धीरे फिराने लगा. वो उत्तेजना से बिलबिला उठी, फिर धीरे से उंगली चूत की गहराई में घुसा कर अंदर बाहर करने लगा।
मेरी उँगलियों को चूत रस में सराबोर होने में देर नहीं लगी।

वो पहले से ही काफी उत्तेजित थी परंतु मैं कुछ भी जल्दी नहीं करना चाहता था।

वो संभोग करने के लिए तड़प रही थी।
“संयम करो पालतू, हम कुछ भी जल्दी नहीं करना चाहते हैं, अभी रात बहुत बाकी है.” मैंने अपनी उंगलियों को चूत से बाहर निकालते हुए कहा।
उसका दिमाग उत्तेजना से भन्ना रहा था और वो उंगलियां निकालते वक्त कराह रही थी.

“मुझे पता है तुम और अधिक चाहती हो, लेकिन आज तुम इंचार्ज नहीं हो। आज की रात मेरी मर्जी चलेगी मैं जैसा बोलूंगा वैसा ही तुम्हें करना है।”
“जो आज्ञा मालिक जैसा आप चाहें.” उसने थोड़ी निराशा से उत्तर दिया क्योंकि मैंने उसके साथ खेलना बंद कर दिया था।

उस पल मैं बस यही सोच सकता था कि वो कितनी सेक्सी लग रही थी और मैं कितना खुशनसीब था कि वह मेरी पत्नी थी।
“जानेमन, तुम बहुत सुंदर हो.” मैंने अपनी सांस संभालते हुए कहा।

“धन्यवाद, मालिक, आपकी पालतू बहुत खुश है जो आप ऐसा सोचते हैं।”

हमने हमेशा आक्रामक सेक्स का आनंद लिया है और मुझे पता था कि जब मैं उसके चूतड़ों पर थप्पड़ लगाता था या हंटर से हल्के वार करता था उसको बहुत ही उत्तेजना होती थी।
वह हमेशा चाहती थी कि मैं उसको इस तरह देखूं उसके चूतड़ों एवं चूचियों को जोर-जोर से मसलूं।

थप्पड़ मार-मार कर जब वह लाल गुलाबी हो जाते थे तो उसको पराकाष्ठा पर पहुंचने में देर नहीं लगती थी।
यह हमारे खेल का हिस्सा था और मैं इसका फायदा न उठाकर उसको निराश नहीं करने वाला था।

“मैं तुम्हारी गांड को गर्म करने जा रहा हूं पालतू! थप्पड़ों की गिनती करने की आवश्यकता नहीं है. मैं जो भी करूंगा तुमको एक अलग ही मजा आएगा।” मैंने विश्वास के साथ कहा।
“बहुत अच्छा मालिक!” उसने एकदम मस्ती में कहा.

“अच्छा!” मैंने कहा और फिर उसके बाएँ और दाएँ गाल पर एक-दो बार हल्के थप्पड़ मारे।
फिर उसके गोल गोल चिकने चूतड़ों पर बारी आरी से थप्पड़ मारना शुरू किया।

मैंने दो मिनट तक हाथ से पीटना जारी रखा।
हर थप्पड़ पिछले वाले की तुलना में थोड़ी भारी हो रही थी। उसकी गांड धीरे-धीरे हल्के सफेद से चमकीले लाल रंग की ओर जा रही थी।

मैं देख रहा था कि पिटाई उसके शरीर को प्रभावित कर रही थी। आँखों में अजीब सी मस्ती छा रही थी। उसको एक नशा सा चढ़ रहा था, बार-बार अपनी आंखें बंद कर रही थी और अपने होठों को काट रही थी।
उसकी चूत भी पहले से ज्यादा गीली हो रही थी और उसमें से रस की एक डोरी आ रही थी और फर्श पर गिर रही थी।
नीचे एक छोटा तालाब बन गया था।

“अपने पालतू जानवरों की इतनी अच्छी देखभाल करने के लिए धन्यवाद मालिक।” वो एकदम मादक आवाज में बोली.
“मैं देख रहा हूं कि फर्श पर चूत रस का तालाब को … तुमने बहुत आनंद लिया है.” मैंने चुटकी ली।

“हाँ, मालिक आपके पालतू जानवर को बहुत मज़ा आया। आप वास्तव में जानते हैं कि मुझे क्या पसंद है.” उसने उत्तर दिया।
“मुझे लगता है कि अब गांड गर्म हो चुकी है। क्या अब हमें आगे बढ़ना चाहिए?” मैंने पूछा।

“हाँ, मालिक, मैंने आपके सभी खिलौनों को बिस्तर पर रख दिया है ताकि आप अपने पालतू जानवरों पर उपयोग कर सकें।”

मैं यहाँ से बेडरूम में देख सकता था कि बेंत, हंटर, वाइब्रेटर, डिल्डो, हैंड कफ वगैरह वास्तव में बिस्तर पर रखे हुए थे।

“शुक्रिया मालिक, अपने पालतू जानवर की गांड को इतनी अच्छी तरह से पीटने और इतना अच्छा महसूस कराने के लिए!”

“अच्छा मेरी पालतू, अब तुम चौपाये की स्थिति में आ जाओ, मैं कुछ चीजें लेने जा रहा हूँ।”
“जो आज्ञा मालिक!” अपने घुटने टेकते हुए उत्तर दिया.

उसने अपने पैर चौड़े कर लिए ताकि ताकि चूत तक आराम से पहुंच सकूं. अपना वजन उसने सामने वाले हाथों पर रखा और दोनों स्तन सामने लटकते हुए स्पष्ट दिख रहे थे.
उसने पालतू कुतिया की तरह जीभ मुंह से बाहर लटका रखी थी।

मैं बिस्तर तक गया और उसके पसंदीदा वाइब्रेटर और काले डिल्डो को ले आया।
मैंने उसके पास वापस आकर वाइब्रेटर चालू किया और भग्नासा पर रखकर गोल गोल घुमाने लगा।

मैंने वाइब्रेटर की गति को बढ़ा दिया.
अब वह चूत से लेकर भग्नासा तक आगे पीछे घूम रहा था. उसकी गीली चूत और अधिक खुल चुकी थी तथा प्रेम मार्ग स्पष्ट गहराई तक दिखने लगा था.

मैंने काला डिल्डो बिल्कुल अंदर तक घुसा दिया.
उत्तेजना से उसका पूरा शरीर कांप रहा था.

उससे ना रहा गया तो एक हाथ से डिल्डो अंदर बाहर करने लगी मैंने दूसरे हाथ से उसका गला पकड़ कर सिर ऊंचा उठाया उसकी आंखों में अजब सा नशा छाया हुआ था।
“तुम मेरी हो पालतू।”
“हाँ मालिक, मैं आपकी हूँ।” मदमस्त आवाज में जवाब मिला.

कुछ मिनटों के बाद उसकी सेक्सी कराहें बढ़ती जा रही थी, वाइब्रेटर से चूत की जो पिसाई हो रही थी उससे पूरा शरीर आवेग से कांप रहा था।

“ऊह मालिक, ऐसे तो मैं झड़ जाऊंगी।”
“ना … तुम अनुमति के बिना झड़ने की हिम्मत भी मत करना मेरी पालतू!” मैं गुर्राया।

कुछ देर बाद वो अपनी चरमोत्कर्ष के बहुत करीब पहुंच चुकी थी।
मैंने उसकी गीली चूत में कुछ उँगलियाँ डालीं और जोश के साथ आगे-पीछे करने लगा, उसे फिनिश लाइन के और भी करीब ले आया।
“हम्म … मालिक, कृपया अपनी पालतू को झड़ जाने दीजिए!” वो घिगियाई।

“ठीक है, तुम झड़ सकती हो क्योंकि तुमने आज मेरे लिए एक अच्छी आज्ञाकारी फालतू लड़की रही हो।”

“ओह, थैंक्यू, मालिक!” उसके शरीर में जोरदार उबाल के साथ तूफान सा आ गया उसके मुंह से परम संतुष्टि की चीत्कार निकलने लगी।
उसका चरमोत्कर्ष बहुत शानदार था।

उसने मेरी उंगलियों को चूत की दीवारों में कसकर जकड़ लिया था, चूतरस की धार फट पड़ी थी।
“अच्छी लड़की!” मैंने अपनी उंगलियाँ खींचते हुए कहा और वाइब्रेटर हटा दिया।

“हम्म, धन्यवाद, मालिक, मेरे चरमोत्कर्ष के लिए!” उसने उत्तर दिया।

“तो अब मेरी बारी है कुछ मज़ा लेने की … बिस्तर के सामने घुटने के बल बैठ जाओ, मैं अब तुम्हारा मुँह इस्तेमाल करने जा रहा हूँ।”
“हाँ, मालिक, मैं आपको खुश करना चाहती हूँ.” उसने बेडरूम के अंदर चार पैरों पर जाना शुरू करते हुए कहा।
वह बिस्तर के सामने घुटने के बल बैठकर धैर्य पूर्वक मेरे आने की राह देखने लगी।

मैं अभी भी कपड़े पहने हुए था.
बिस्तर के पास पहुंच कर मैंने शर्ट और पेंट उतार दिए सिर्फ बॉक्सर पहने रखा।

मैं फिर धीरे से सामने बैठ गया और उसकी खूबसूरत आँखों में देखने लगा। मैं देख सकता था कि मुझे खुश करने के लिए मेरे स्वामित्व में पूरी तरह आने के लिए बेताब हो रही थी।

मैंने उसके हाथों को पीठ के पीछे रखकर हैंड कफ से बांध दिया- मैं केवल तुम्हारे मुंह को अपने लंड पर महसूस करना चाहता हूं। मैं तुम्हारे मुंह की गर्मी का जितना हो सके आनंद लेना चाहता हूं। मैं बताऊंगा कि कब और कैसे लंड को चूसना है।
“हाँ, मालिक, अपने पालतू जानवर को जिस तरह से आप चाहते हैं उस तरह से उपयोग करें.” उसने उत्साहपूर्वक उत्तर दिया।

“प्रारंभ से धीरे-धीरे मेरे बॉक्सर के ऊपर से लिंगमुंड का चुंबन करो।”
उसने तुरंत आज्ञा का पालन किया, बॉक्सर के ऊपर से उत्तेजित लिंग स्पष्ट दिख रहा था।
उसने इसके हर हिस्से चूमा, ऊपर से नीचे तक!

वो उस क्षण की प्रतीक्षा कर रही थे कि मैं कब इसे पूरी तरह से अपने मुंह में लेने की आज्ञा दूंगा।
उसकी आँखों में मेरे कठोर लंड को गले में गहराई तक उतारने की स्पष्ट लालसा दिखाई दे रहे थी।

“मेरे बॉक्सर को अपने दांतों से उतारो.” मैंने आदेश दिया।
“हाँ, मालिक!” उसने उत्तर दिया और तुरंत इलास्टिक को दांतों से पढ़कर नीचे खींचने की कोशिश करने लगी।
ऐसा करने में थोड़ा संघर्ष करना पड़ा लेकिन बॉक्सर उतारने और मेरे लिंग को मुक्त करने में सफल रही, जिसे वो बहुत लालसा से देख रही थी।

“अब तुम चूमना और चाटना शुरू कर सकती हो मेरी पालतू!”
वह तुरंत एक्शन में आ गई, उसने धीरे धीरे मेरे लिंग के हर हिस्से को चूमना एवं चाटना शुरू कर दिया, नीचे से ऊपर एवं ऊपर से नीचे चारों तरफ जीभ से चाट चाट कर उसने मेरा लिंग अच्छी तरह से गीला कर दिया.
मैं उसके मुंह की गर्मी महसूस कर रहा था।

उसके मुंह की गर्माहट अविश्वसनीय थी और आज मुझे जो अनुभूति हो रही थी, उसका पूरी तरह से आनंद लेने के लिए मैं अपनी आंखें बंद कर ली।
मैं भाग्यशाली महसूस कर रहा था कि मुझे ऐसी सेक्सी पत्नी मिली थी जो बिना कहे मुझे यह अविश्वसनीय आश्चर्य दे रही थी।

थोड़ी देर के बाद मैं धीरे से उसके सिर को ऊपर मेरी ओर खींच एक गहरा आवेग पूर्ण चुम्बन ले लिया।
जैसे ही मैंने ऐसा किया उसने पूरी तरह से प्यार और सम्मान से मुझे देखा।

“अब मैं चाहता हूं कि तुम लिंग मुंड को मुंह में लेकर धीरे धीरे चूसुना शुरू करो। मैं बताऊंगा कि और गहराई में जा पूरा लिंग कब मुंह में ले सकते हो।”
“जी मालिक।”

तुरंत उसने मेरे लिंगमुंड को जीभ घुमा घुमा कर चूसना शुरू कर दिया और साथ साथ में सेक्सी आवाजें भी निकाल रही थी।

मैं देख सकता था कि लार उसके मुँह में बनने लगी है और धीरे-धीरे मेरे लिंग से नीचे टपकने लगी है।

“तुम अब और अधिक के लिए तैयार हो,” मैंने यह महसूस करते हुए कहा।
मैंने उसके लंबे काले बालों को पकड़ लिया, और धीरे-धीरे उसके सिर को अपने लिंग के आधार की ओर धकेलने लगा।

मैं महसूस कर सकता था कि मेरा लिंग उसके गले के पिछले हिस्से में जा रहा था।
उसके मुंह का गीलापन और गर्माहट अविश्वसनीय महसूस हुई।

मैं धीरे-धीरे सिर को वापस अपने लिंग मुंड की ओर ले आया। उसने लिंग मुंह से कभी नहीं छोड़ा, लेकिन आसानी से सांस ले रही थी।

“अब, मैं चाहता हूं कि तुम एक गहरी सांस लो और मेरे लिंग को गले में यथासंभव लंबे समय तक पकड़ने की कोशिश करो।”
“हाँ, मालिक!” उसने भरे हुए मुंह से जवाब दिया।

उसने एक गहरी सांस ली और धीरे-धीरे मेरे लिंग को निगलने लगी जब तक कि मेरे आधार तक नहीं पहुंच गई और उसकी नाक मेरी जांघ को गुदगुदी कर रही थी क्योंकि उसने मेरे लिंग को पूरी तरह से निगल लिया था।

कुछ सेकंड के बाद, हवा की कमी होने लगी और वो ठिठकने लगी क्योंकि गला भर कर सांस नहीं ले पा रही थी।
“हार मत मानो मेरी पालतू!” मैंने उसको प्रोत्साहित किया।
वो केवल कुछ और सेकंड ही टिक सकी।

“अच्छा काम, पालतू!” तुम मुझे कम से कम 30 सेकंड के लिए पूरी तरह से गले में रखने में सक्षम थी। मुझे लगता है कि यह तुम्हारा व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ है।”
“मुझे भी ऐसा ही लगता है, मालिक!” उसने कठिनाई से साँस लेते हुए कहा।

“फिर से नीचे बैठो और इस बार मैं चाहता हूं कि तुम मेरे लिंग के साथ आगे पीछे करते हुए अपने गले की चुदाई करें।”

जैसा कि आदेश दिया गया था, उसने लंड को मुंह में लेकर मुख चोदन शुरू किया धीरे धीरे मेरे उत्तेजित पूरे लंड को निगलने में सफल हो गई।
उसका गला पूरी तरह से चिकना होना शुरू हो गया था और वो तेजी से मेरे लंड को अपने मुंह में अंदर बाहर करने लगी.

मैंने धीरे से उसका सिर उठाया और उसकी तरफ गर्व से देखा क्योंकि उसने मुझे अच्छा महसूस कराने के लिए एक अविश्वसनीय काम किया था; एक बेहतरीन मुख चोदन का आनंद दिया था।

अब मैंने उसके बालों को पकड़ा और गति में मदद की, यह सुनिश्चित करते हुए कि उसको सांस लेने के लिए हवा भी मिलती रहे।

मैं अधिक देर तक टिक नहीं सकता था।
मुझे पता था कि अगर हम ऐसे ही करते रहे, तो मैं उसके मुँह में धमाका करूँगा, लेकिन मैं उसकी मस्त गीली चूत को भरपूर चोदना चाहता था।

“बहुत मजा आया, पालतू, लेकिन अब मैं तुम्हें चोदना चाहता हूं। चारों पैर पर बिस्तर के ऊपर जाओ ताकि मैं तुम्हारे सुंदर लाल चूतड़ों की प्रशंसा कर सकूं।”

मैंने उसके हैंड कफ खोल दिए, वो आगे बढ़ी, मैं उसके उत्तेजित चूत का गीलापन देख सकता था। उसने अभी-अभी जो किया था, उससे मैं बहुत प्रभावित था।

जैसे ही उसने बिस्तर पर अपने पैर फैलाए, मैंने उसके चूतड़ों को धीरे से काटा और मेरी नाक को उसकी चूत में दबाकर, अंदर और बाहर चाटने लगा।

“ओह!” वो खुशी से कराह उठी।

मैंने उसकी गुदा, चूत और भग्नासा के बीच आगे-पीछे जाते हुए हर हिस्से को चाटा।

अब मैं देख सकता था कि वो और अधिक उत्तेजित हो गई थी, मैंने धीरे से अपने आप को चूतसे हटा दिया और उसकी ओर देखा।
“मुझे बताओ कि तुम और तुम क्या चाहती हो?”

“मैं आपकी पालतू हूं मालिक, आपके उपयोग करने के लिए ही हूं। मैं चाहती हूं कि आप मेरे अंदर हों, मैं आपको अपने अंदर गहराई तक महसूस करना चाहती हूं, आप मेरे अंदर ही पूरे आवेग से स्खलित हों।”

मैंने धीरे-धीरे अपने लिंग के सिर को उसकी चूत के होंठों और भगनासा से रगड़ा।
वो आहें भरकर विलाप करने लगी, अपनी तृप्ति की लालसा को रोक नहीं पा रही थी।

मैंने अंततः अपने लंड को पूरी लंबाई चूत में झटके से पेल दिया और वो मुश्किल से अपनी राहत की चीख को रोक पाई।

फिर मैंने उसको पूरे आवेग से चोदना शुरू कर दिया, उसके बालों को पकड़ एक हाथ में इकट्ठा किया और इसे और भी गहराई से चोदने के लिए इस्तेमाल किया, उसके कूल्हों को पकड़ जितनी शक्ति लगा सकता था चोदने की गति बढ़ा दी।

कमरे में एक तूफान सा आ गया था।
उसका पूरा बदन बुरी तरह से मचल उठा था और हांफने लगी थी मुझे पता था कि फिर से चर्मोत्कर्ष के बहुत करीब हैं।

“मालिक, आपकी पालतू जानवर को फिर से झड़ने जा रही है।”
“मेरे लिए थोड़ा और सह पालतू,” मैंने कहा.

थोड़ी ही देर में उसका शरीर चरमोत्कर्ष से कांपने लगा।
इसके साथ ही मैंने भी अपना भार चूत में खाली कर दिया.

मैंने हांफते हुए उसके नितम्बों को छोड़ दिया परम संतुष्टि के भाव के साथ जो आज उसने मुझे दिया था।

अब मैंने उसे अपनी बांहों में लपेट लिया और हम दोनों की सांसें उखड़ रही थी।
मैं उसके बालों से खेला और कान में फुसफुसाया- मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूँ।
“मैं भी मालिक!”

BDSM Sex कहानी में आपको मजा आया? कमेंट्स में लिखें.
[email protected]

Leave a Comment