कजिन भाई के साथ गांड का अट्टा बट्टा

देसी गांड सेक्स कहानी मेरे मौसेरे भाई के साथ गांड मारने मरवाने की है. नानी के घर हम दोनों साथ सो रहे थे कि उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.

दोस्तो, मेरा नाम बन्नी है. मैं गुरूग्राम (गुड़गांव) का निवासी हूँ और दिखने में काफी हैंडसम हूँ.
मेरी हाइट 6 फुट है और मेरे लंड का साइज़ भी मस्त है. ये 6 इंच लम्बा, खासा मोटा और काले रंग का है.

अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, जो मैं अपने कज़िन भाई के घटी थी और उसे आज आपको सुनाने जा रहा हूँ.

मैं आपको बता दूं कि मैं एक बाइसेक्सुअल लड़का हूँ. मुझे लड़की और लड़के दोनों में रूचि है. मुझे गांड चोदने में और अपनी गांड चुदवाने में भी मज़ा आता है.

मौका मिलने पर मैं लड़कियों के साथ पूरी ताकत से चुदाई करता हूँ और लड़कों के साथ उनकी गांड मारने का या उनसे अपनी गांड मरवाने का मजा लेता रहता हूँ.

मैं बचपन में बहुत शरीफ और भोला हुआ करता था. मेरी मौसी का बेटा सोनू मुझसे कुछ महीने ही बड़ा है.
हम गर्मियों की छुट्टियों में फरीदाबाद नानी के घर जाया करते थे. उसी समय मेरी मौसी भी सोनू को लेकर वहां आ जाती थीं.
हम सब एक साथ छुट्टियों का मजा लेते थे.

ये देसी गांड सेक्स कहानी तब की है, जब मैं जवानी की दहलीज पर कदम रख ही रहा था.

ऐसे ही एक हफ्ते के लिए हम नानी के घर गए हुए थे और सोनू भी आया था. सोनू उस वक़्त 19 साल का हो गया था. तो उसको जवानी का नया नया चस्का कुछ ज्यादा ही लगा था. मैं उससे थोड़ा छोटा था, तो मुझे कुछ कम समझ थी.
सोनू की संगत ने उसे काफी कुछ सिखा दिया था, जबकि मुझे इतनी जानकारी नहीं थी.

एक रात सोनू मेरे साथ सोया था और मेरी नींद आधी रात को खुली. मैंने महसूस किया कि कोई मेरे लंड से खेल रहा है और अपने पूरे हाथ को मेरे कपड़ों के अन्दर डालकर फेर रहा है.
हालांकि मुझे बहुत अच्छा लग रहा था इसलिए मैंने कुछ भी विरोध नहीं किया, बस अपने लंड में तनाव आता महसूस करने लगा.

कुछ देर बाद सोनू का हाथ मेरे खड़े लंड पर आगे पीछे होने लगा.
मेरे अन्दर एक मस्त सी सनसनी होने लगी थी.
सोनू बीच बीच में मेरे लंड के नीचे गोटियों को हाथ से सहला देता था तो मेरा लंड और भी ज्यादा फड़फड़ा उठता.

तभी उसने अपना मुँह मेरे लंड के पास किया और जीभ से लंड को टच किया.
मुझे गीला गीला सा लगा, तो जरा चिहुंक गया. सोनू के बार के लिए हट गया मगर मैंने अब भी कुछ रिएक्ट नहीं किया था.

एक मिनट बाद सोनू की हथेली में मेरा लंड फिर से आगे पीछे होने लगा था. अब सोनू ने फिर से मेरे लंड को मुँह लगाया और जीभ से लौड़े को चाटा.
मैं दम साधे पड़ा रहा और लंड चुसवाने में किसी तरह की कोई हील हुज्जत नहीं की.

तभी सोनू ने मेरे खड़े लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
कोई दो मिनट बाद मेरा लंड झड़ गया और सोनू मेरे लंड रस को पी गया.
उसने मेरे लौड़े को चाट कर साफ़ कर दिया और मुझसे अलग हो गया.

मैं भी माल निकल जाने से निढाल सा हो गया था तो सो गया.

सुबह उठे तो हम दोनों के बीच सब सामान्य था.

ऐसे ही दो दिन चला और उसके बाद तीसरे दिन सोनू जब मेरा लंड चूस रहा था और मैंने उसके सर को अपने लौड़े पर दबा दिया था.
वो समझ गया कि मैं भी मज़े लेता हूँ.

उस रात हम दोनों ने खुल कर मजा लिया. मैंने उससे अपना लंड पूरी मस्ती से चुसवाया.

अब हम दोनों को जब मौका मिलता, हम दोनों लंड चुसाई के खेल में लग जाते. अब तो हम दिन में भी मज़े ले लेते थे.

इस तरह टाइम बीतता गया. मैं और सोनू जब भी मिलते, पूरे नंगे होकर एक दूसरे के लंड से खेलते.

समय के साथ मैं थोड़ा और बड़ा हो गया. मेरा लंड और भी लंबा और मोटा हो गया था क्योंकि मुझे मुठ मारने की आदत लग गयी थी.

एक दिन मैं मौसी के घर गया. सब लोग बैठ कर बातें कर रहे थे. सोनू ने मुझे इशारा किया और ऊपर के कमरे में ले गया.
वहां हमने एक दूसरे का लंड पकड़ लिया और मज़े लेना शुरू कर दिया.
सोनू को मेरी गांड को चूमना बहुत अच्छा लगता था.

उस दिन सोनू ने मुझसे कहा- तुम अपना लंड मेरी गांड में डाल कर मेरी गांड मारो.
मैंने ये सुनते ही अपना खड़ा लंड उसकी गांड के छेद पर लगा दिया.
उसने कहा- हां अब पेलो.

मैंने अन्दर डालने की कोशिश की, पर लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था.
मैं पहली बार लंड किसी छेद में डाल रहा था, तो लंड कुछ कड़क ज्यादा हो गया था.
सोनू को भी मोटे लंड के कारण कुछ दर्द सा हो रहा था.

फिर मैंने थूक लेकर सोनू की गांड के छेद पर लगाया और अपने लंड के सुपारे पर भी थूक लगा कर छेद में लंड सैट कर दिया.
सोनू ने भी अपनी गांड हिला कर इशारा दे दिया.

उसका इशारा मिलते ही मैंने एक जोरदार धक्का दे दिया. चिकनाई के कारण मेरा पूरा लंड गांड में घुस गया.

गांड में मोटा लौड़ा घुसा तो सोनू की काफ़ी तेज़ आवाज़ निकली- आहह … मर गया.

वो दर्द से तड़फते हुए मुझे लंड बाहर निकालने को कहने लगा.
मेरा लंड पूरा अन्दर घुस चुका था, तो मैं नहीं चाहता था कि लंड बाहर निकले.
पर उसको बहुत तेज़ दर्द हो रहा था और छटपटाहट में उसने मुझे धक्का दे दिया.
मैं अलग हो गया.

वो कराह रहा था.
मैंने उसकी गांड सहलाई, तो कुछ देर बाद वो शांत हो गया.

बीस मिनट बाद हम दोनों का मूड फिर से बनने लगा.

कुछ देर बाद उसने मुझे आगे किया और झुका कर मेरी गांड पर थूक लगा दिया.
फिर उसने अपना लंड मेरी गांड पर रख दिया.

मैं आपको बता दूं कि सोनू का लंड ज़्यादा बड़ा नहीं था, पर मोटा बहुत था. सोनू का लंड करीब 4 इंच का है.

उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर टिका कर जोर लगाया और उसका लंड मेरी गांड में घुस गया.
मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ क्योंकि मैंने पहली बार लंड लिया था.

सोनू ने मेरे दोनों हाथ पीछे करके पकड़ रखे थे. मैं हिल भी नहीं पा रहा था.
तभी सोनू ने जोर देते हुए एक और धक्का लगा दिया.

उसका लंड मुझे अपने अन्दर तक महसूस हो रहा था. मुझे काफ़ी तेज़ दर्द हो रहा था, पर कुछ देर के दर्द के बाद मज़ा भी आने लगा था.

सोनू का लंड छोटा था पर मेरे लिए सब नया था, तो मुझे काफ़ी आनन्द आ रहा था.
मैं दर्द बर्दाश्त करके गांड चुदाई का मज़ा ले रहा था.

कुछ दो मिनट बाद ही सोनू मेरी गांड में ही झड़ गया और उसने अपने कपड़े पहने और मुझे भी बोला कि बस कर अब तू भी कपड़े पहन ले.
मैं भी उठ कर नीचे चला गया.

मुझे सेक्स का चस्का लग गया था नया नया मजा था और इस अनुभव को मैं अभी और अच्छे से महसूस करना चाहता था.

मैंने अपनी मम्मी से बोला- मैं आज रात को यहीं रुकूंगा और कल सुबह घर आ जाऊंगा.
मम्मी ने हां कह दी.

फिर रात हुई, हम सबने खाना खाया और सोने के लिए रूम में चल दिए.

मैं सोनू के साथ ही ऊपर वाले रूम में उसके बेड पर सोया था और सोनू का छोटा भाई मोनू भी उसी कमरे में हमारे साथ बेड पर सोया था.

हम तीनों एक ही पलंग पर थे. मोनू हम दोनों के बीच में लेटा था. मैं दीवार से सट कर लेटा था जबकि सोनू दूसरी तरफ था.

मैंने कमरे की लाइट बंद की और कुछ देर मैं सोनू से बकरचोदी करने लगा. मोनू का इन सब बातों में मजा नहीं आ रहा था तो वो कुछ देर बाद सो गया.

मैं भी आधी नींद में हो गया था.

आधी रात को सोनू ने मुझे जगाया. मैं जागा तो वो मेरी गांड पर हाथ फेर रहा था.
मेरा मूड बन गया तो मैंने जल्दी से अपनी जींस उतार दी. सोनू ने भी अपनी निक्कर नीचे कर ली.

सोनू ने मोनू को एक किनारे सरका दिया था और अभी वो मोनू की तरफ मुँह करके लेटा था.
मैं सोनू की तरफ हुआ और अपना खड़ा लंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा. मैं उसका लंड पकड़ कर उसे अपने साथ लपेटे हुआ था.

सोनू भी मेरा लंड पकड़ कर अपनी गांड पर लगा रहा था.
मैं समझ गया कि सुबह दर्द से उसने मुझे हटाया ज़रूर था, पर उसको भी अच्छा लगा था.

मैंने इस बार बहुत सारा थूक उसकी गांड पर लगाया और उंगली से उसकी गांड के अन्दर करके ढीली कर दी साथ में जरा ज्यादा सा थूक भी गांड के अन्दर लगा दिया.
मैं उंगली से उसकी गांड को कुरेदने लगा.

सोनू मेरी उंगली से अपनी गांड में बड़े मजे से मज़ा ले रहा था.

कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा- अब लंड डाल दे.
मैंने लंड पर कुछ और थूक लगाया और लंड गांड में घुसा दिया.
उसकी हल्की सी सीत्कार निकली तो मैंने उसका मुँह हाथ से बंद कर दिया.

मैं बहुत प्यार से अपना लंड उसकी गांड में पेलने लगा. कुछ ही पलों में पूरा लंड गांड में चला गया.
मैंने भी पेलने की जल्दी नहीं की.

जब लंड अन्दर चला गया तो मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा. हम दोनों बहुत गर्म हो गए थे.
मैं प्रेम से उसकी गांड मार रहा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

सच में गांड मारने में मुझे बड़ा सुकून सा मिल रहा था.
उस वक़्त हम भूल गए थे कि हमारे साथ में मोनू भी साथ सो रहा है, पर वो गहरी नींद में था और खर्राटे ले रहा था.
हम दोनों बेफ़िक्र होकर एंड चुदाई का मजा ले रहे थे.

कुछ देर बाद मैंने पोजीशन चेंज की और सोनू को सीधा कर दिया. उसकी टांगें उठा कर मैंने अपने कंधे पर रख लीं और लंड अन्दर डालकर उसकी गांड मारने लगा.
उसकी गांड मारते समय मैंने उसका लंड भी पकड़ कर सहला रहा था.

उस पोजीशन में शायद सोनू को अच्छा नहीं लग रहा था, तो उसने मुझे वापिस लेटने को कहा.

मैं फिर से लेट गया और उसके पीछे से लंड पेल कर गांड मारने लगा.

करीब दस मिनट तक सोनू की गांड चोदने के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.

फिर मैंने उसके लंड को पकड़ कर मसलना शुरू किया और नीचे होकर उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया.

ऐसा मैंने पॉर्न वीडियोज में देखा था तो आज सोचा कि लंड मुँह में लेकर देखता हूँ.
पहले पहल तो लंड का स्वाद बहुत गंदा सा लगा, थोड़ा नमकीन सा स्वाद था.
पर जब मैंने काफ़ी सारा थूक लगा कर उसका लंड चूसा तो मुझे मजा आने लगा.

कुछ ही देर में सोनू भी झड़ गया.
ये तो अच्छा हुआ कि उस समय सोनू का लंड मेरे मुँह में नहीं था .. वर्ना उसका वीर्य मेरे मुँह में आ जाता.

वो बड़ा खुश था.
हम दोनों के लंड झड़ चुके थे तो हमें थकावट हो रही थी.
वो मेरे साथ चिपक कर लेट गया और हम दोनों ऐसे ही सो गए.

इस तरह मैंने अपने कज़िन भाई के साथ देसी गांड सेक्स किया, उसकी मारी और अपनी भी मरवाई थी.

फिर जब भी हम दोनों का मन करता, तो ये सिलसिला चलने लगा था.
अब तो यूँ ही गाहे बगाहे सोनू मेरे लंड का मुरीद हो गया था.

मुझे और सोनू को जब भी मौका मिलता, तो हम दोनों गांड चुदाई कर लेते.
हमने नए नए तरीके से चुदाई की और नई नई पोजीशनों को भी ट्राई किया.

दोस्तो, आपको मेरी ये देसी गांड सेक्स कहानी कैसी लगी, कृपया अपने सुझाव मुझे मेल करके जरूर बताएं.
मैं अपनी अगली कहानी में आप सबको बताऊंगा की किस तरह मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को चोदा.
धन्यवाद आपका बन्नी
[email protected]

Leave a Comment

Xnxx | エロマンガ | sex porn نيك عربي فشخ طيزي سكس مطلقة تجيب شاب ينيكها في شقتها ويصورها اجمل افلام سكس افلام سكس في hindi blue film सबस अच छ ह द अश ल ल व ड य سكس بنات المنصوره سكس عراقي بنات 17 سنه بنات من ط