सब्जी वाले की बीवी बन कर गांड का उद्घाटन कराया

बॉटम गे Xxx कहानी में पढ़ें कि कैसे मैं अपने गांड के पड़ोसी के साथ शहर आ गया, उनका खाना बनाने लगा. मैं गोरा नौजवान हूँ. मेरी दाढ़ी मूंछ नहीं आती है.

दोस्तो,
मेरी पिछली कहानी थी: कॉलबॉय कॉलगर्ल बनने का ट्रेनिंग सेंटर

यह नयी सच्ची गे सेक्स कहानी कुछ भागों में आपके सामने पेश कर रहा हूँ.
मुझे आशा है कि आपको पसंद आएगी.

कुछ लोग मेल पर मुझे अपनी समस्या के बारे में लिखते हैं, मैंने काफी लोगों के ईमेल के जवाब दिए हैं.

मैं लोगों की समस्या पर और उनके अनुभव की चर्चा आपस में मेल पर करता हूँ.
ऐसी ही एक चर्चा लिख रहा हूँ.

संजय नाम के एक बॉटम की एक समस्या थी कि उसको एक ब्वॉयफ्रेंड से ज्यादा दिन तक मजा नहीं आता.
वो कई के साथ अपनी जिन्दगी बिताने में ज्यादा सहज है.

इस पर मैंने संजय को जवाब दिया कि उसमें कोई दिक्कत नहीं है. यदि कोशिश की जाए तो कई के साथ भी जीवन भर का संग मजेदार हो सकता है.

फिर संजय ने मुझे अपनी सच्ची कहानी शुरू से बताई, उसकी सहमति से ही मैं उसकी गे सेक्स कहानी लिख रहा हूँ.
मैंने इसमें सिर्फ नाम बदल दिए हैं. आप संजय की तरफ से बॉटम गे Xxx कहानी का मजा लीजिए.

मेरा नाम संजय है. मैं उत्तर प्रदेश के एक कस्बे से हूँ.
मेरा कद 5 फिट 6 इंच का लम्बा है. मैं गोरा और भरे बदन का 19 साल का नौजवान हूँ.
मेरी दाढ़ी मूंछ नहीं आती है.

हमारे कस्बे के कई पुरुष पुणे में सब्जी और फल की दुकान चलाते हैं.
उनके परिवार कस्बे में ही रहते हैं.
ये लोग तीन चार महीने में कुछ दिन के लिए घर आते हैं.

मैं काम की तलाश कर रहा था.

मेरे एक पड़ोसी मदन जी पुणे में सब्जी बेचते थे.
मदन जी जब गांव आए, तो मैंने उनको खाने पर बुलाया.
मैं खाना बहुत अच्छा बनाता था. मदन जी ने मेरे खाने की तारीफ की.

मैंने मदन जी को बताया कि मैं काम की तलाश कर रहा हूँ.
मदन जी बोले- संजय, तुम मेरे साथ पुणे चलो, सब्जी की दुकान में मेरी मदद करो. मेरे साथ ही रह लेना. बस एक बात ये तुमको पुणे में खाना बनाना होगा. मैं होटल के खाने से तंग आ गया हूँ. मैं इसके बदले में तुमको थोड़े रुपये दे दिया करूँगा.

मेरे माता पिता दुर्घटना में मर गए थे. चाचा चाची ने ही मुझको बड़ा किया था.
मैं मदन जी की बात सुनकर उसके साथ जाने को तुरंत राज़ी हो गया.

तो मैं अपने चाचा से बोला- मैं पुणे जा रहा हूँ और आपको उधर से रुपये कमा कर घर भेजूंगा.
चाचा ने हामी भर दी और मैं मदन जी के साथ पुणे चला गया.

मैं पुणे में मदन जी के साथ रहने लगा.
मदन जी के फ्लैट में एक बेडरूम और एक ड्रॉइंग रूम था.

मैं और मदन जी बाज़ार से खाना बनाने का सामान ले आए.
मदन जी बहुत सुबह अपनी सब्जी की दुकान पर चले जाते थे.

मैं नाश्ता, चाय और दोपहर का खाना बनाकर सब्जी की दुकान पर ले जाता. मैं मदन जी को सब्जी बेचने में मदद भी कर देता.
रात को हम दोनों घर आते तो इसके बाद मैं शाम का खाना बनाता.

मदन जी ने एक दिन कहा- तुम्हारा बना खाना खाकर लग रहा है, मैं अपनी बीवी के साथ हूँ.
ये सुनकर मैं शर्मा गया.

मदन जी बेडरूम में सोते थे, मैं ड्रॉइंग रूम में.
मैं जब खाना बनाता, तो मदन जी कंप्यूटर पर कुछ काम करते. वो कुछ पढ़े लिखे थे.

एक रात मैं पानी पीने किचन में जाने लगा.
मैंने देखा मदन जी कंप्यूटर पर कुछ देख रहे हैं और हस्त मैथुन कर रहे हैं.
वो नंगे बदन थे.

मुझको मदन जी का खड़ा लंड और नंगा शरीर बहुत लुभावना लगा.
मेरी इच्छा हो रही थी कि मैं मदन जी का लंड छूकर देखूं पर हिम्मत नहीं जुटा सका.
पानी पीने के बाद मैं अपने बिस्तर पर आकर लेट गया.

मदन जी के लंड को याद करते ही मेरा लंड भी खड़ा हो गया और गांड में कुलबुलाहट होने लगी.

मदन जी ने भी शायद देख लिया था कि मैं उनके लंड को ध्यान से देख रहा था.
ये कैसे हुआ, मुझे समझ नहीं आया.

मदन जी ने इंटरनेट में पढ़ा था कि कुछ लड़कों का दिल लड़कियों जैसा होता है. वो लोग लड़की की जगह लड़कों की तरफ आकर्षित होते हैं और गांड मरवाना पसंद करते हैं.
अगले दिन से मदन जी मेरी ओर ध्यान देने लगे.

मदन जी ने देखा कि जब वो बाथरूम से नहाकर सिर्फ़ गीला गमछा कमर में पहनकर निकलते हैं, तो मैं उनके मर्दाना शरीर और लंड की तरफ हसरत से देखता हूँ.

जबकि मैं जब नहाकर निकलता था तब एक गमछा कमर में और दूसरा गमछा अपनी छाती पर लपेटकर ऐसे निकलता था, जैसे मैं मदन जी से अपने स्तन छुपा रहा हूँ. मेरी ये हरकत लड़कियों की तरह लगती थी.

मदन जी को याद आया कि जब वह मेरे बनाये खाने की तारीफ करते हैं और मुझको अपनी बीवी कहते हैं तो मैं किसी लौंडिया की तरह शर्मा जाता हूँ.

एक दिन जब मैं नहाकर निकला, मदन जी ने मुझको आलिंगन में लेकर मेरी आंख और गाल पर चुंबन लेकर कहा- मेरी बीवी नहाकर और सुंदर लग रही है.

इस पर मैं लड़कियों जैसा शर्मा गया और ‘हट क्या करते हो …’ बोलकर भाग गया.

फिर जब मैं कपड़े पहन रहा था, उस वक्त मदन जी ने देखा कि मेरे स्तन नवयौवना लड़की की तरह हैं.

मदन जी के आस पास 4 और लोग सब्जी बेचने का काम करते थे.
सभी शादीशुदा थे.

उन्होंने तय किया था कि कभी किसी रंडी के पास नहीं जाएंगे, बीमारी का ख़तरा रहता है.

मदन जी ने सोचा कि यदि वो मुझको अपनी शहर की बीवी बना लेते हैं, तो उमकी वासना की पूर्ति होती रहेगी.

इसके पहले मदन जी ने अपनी बीवी की गांड मारी थी.
उसमें दोनों को बहुत मजा आया था.

एक दिन मदन जी ने रात को दारू पीते समय मुझको दो लड़कों के बीच सेक्स का वीडियो दिखाया.
मैं भी दारू की मस्ती में था.
उस ब्लूफिल्म में एक लड़का लंड चूस रहा था और गांड मरवा रहा था.

मदन जी ने मुझसे कहा- जो गांड मरवा रहा है, वह बीवी है. मैंने अपनी बीवी की गांड बहुत बार मारी है. गुदामैथुन में हम दोनों को बहुत मजा आया था.

उस समय मैं कुछ नहीं बोला, बस उठ कर बाथरूम में चला गया और अपनी गांड मरवाने के बारे में सोच सोच कर लंड हिलाने लगा.

फिर कुछ देर बाद जब मदन जी और मैं खाना खाने बैठे तो मदन जी ने मुझसे कहा- मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ.
मैं बोला- मगर मैं तो एक लड़का हूँ, आप मुझसे कैसे शादी कर सकते हैं?

मदन जी- शहर में बहुत से लड़के आपस में शादी करते हैं और साथ रहते हैं. वैसे भारत के क़ानून में इसकी मान्यता नहीं है, इसलिए शादी को गुप्त रखते हैं. मैं तुम्हारा ख्याल रखूँगा.
कुछ समझाने के बाद मैं राज़ी हो गया.
मेरा मन भी अब मदन जी से गांड मराने का होने लगा था.

मैंने पूछा- शादी कब करनी है?
मदन जी ने पंचांग देखकर कहा- शादी का शुभ मुहूर्त 15 दिन बाद है, उससे पहले कुछ तुमको कुछ तैयारी करनी होगी. तुम्हारे चूचे तो सुंदर हैं, पर उनको थोड़ा और बड़ा करने से हम दोनों को ज्यादा मज़ा आएगा.

मदन जी एक ब्रेस्ट पंप लेकर आए, उन्होंने मुझको बताया कि उस पम्प को कैसे लगाना है.

अब मैं रोज रात को ब्रेस्ट पंप लगाकर सोने लगा. मेरे चूचे बड़े होने लगे.

मदन जी- एक और बात मल त्यागने से पहले, गांड के छेद में उंगली से अन्दर तक तेल लगा लेना. इससे बवासीर नहीं होगी. बवासीर होने पर गांड मरवाने का मज़ा नहीं ले सकते.

उन्होंने गांड एनीमा से कैसे साफ करते हैं, वो भी सिखाया.

शादी के दो दिन पहले मदन जी ने मेरे बदन का माप लिया और वो मेरे लिए ब्रा पैंटी साड़ी ब्लाउज आदि ले आए. कुछ आर्टिफिशियल गहने, जैसे चूड़ी, हार, कान के ऐसे वाले बुँदे, जो कान में छेद किए बिना पहन सकते थे. पाउडर, लिपस्टिक, आदि मेकअप का सब सामान ले आए.

मदन जी ने पार्लर में एक ब्यूटीशियन लड़के से बात कर रखी थी.
ब्यूटीशियन ने मदन को बताया कि शरीर के बाल वैक्सिंग से निकाल सकते हैं, पर थोड़े दिन बाद फिर बाल वापस आ जाएंगे.
वह मदन जी को वैक्सिंग फीस लेकर सिखाने को राज़ी हो गया.

रात को मदन जी ब्यूटीशियन को लेकर आया, ब्यूटीशियन ने मेरे शरीर के कुछ बाल वैक्सिंग से साफ करके दिखाए.
बाकी बाल ब्यूटीशियन की देख रेख में मदन जी ने साफ किए.

मुझको वैक्सिंग के समय कुछ दर्द हुआ.

ब्यूटीशियन ने बताया एलेक्ट्रॉलिसिस विधि से बाल एक बार में ही हर दम के लिए निकाले जा सकते हैं, पर उसमें खर्चा बहुत आता है और 3-4 दिन पार्लर में आना पड़ता है.
ब्यूटीशियन ने मुझको मेकअप करना भी सिखाया.

शादी के एक दिन पहले मैं कुछ जल्दी घर आ गया और इंटरनेट पर देखकर मैंने ब्रा पैंटी, साया और साड़ी को पहना, मेकअप किया और गहने पहन लिए.

मदन जी जब घर आए, तो वो मुझको पहचान ही नहीं पाए.
मैं सुंदर लड़की लग रहा था.
उन्होंने खुशी के मारे मेरे होंठ चूम लिए.

शादी के दिन शाम को मैंने जल्दी घर आकर एनीमा लिया, नहाकर नयी दुल्हन की तरह सज़ा.

मदन जी फूल का हार, सिंदूर, हवन कुंड, हवन सामग्री लेकर आ गए.
मदन जी ने भी नहाकर, नया कुर्ता पाजामा पहना और वो अपनी शादी के लिए दूल्हा बन गए.

फिर मदन जी ने कंप्यूटर पर विवाह मंत्र लगा दिए.
हम दोनों ने माला बदल कर अग्नि कुंड के फेरे लगा कर शादी की.

मदन जी ने मेरी माँग में सिंदूर भर दिया और बोले- संजय, आज से जब हम अकेले होंगे. उस समय मैं तुम्हें सजनी के नाम से बुलाऊंगा.
मैंने खुश होकर हामी भर दी.

फिर हम दोनों ने हल्का खाना खाया.
अब सुहागरात होनी थी.

मैं अपने आपको लड़की महसूस कर रहा था, मुझे लग रहा था कि मैं सजनी ही हूँ.
सजनी बनकर मैं बेडरूम में सुहागसेज पर जा बैठी.

मदन जी अन्दर आए.
मैंने उनके पैर छुए.

मदन जी ने मेरा चेहरा हाथ में लेकर कहा- सजनी, तुम बहुत सुन्दर लग रही हो.

वे पलंग पर मुझको लिटाकर मेरे होंठ गर्दन चूमने लगे.
मुझको बहुत अच्छा लग रहा था.

मदन जी ने मेरे स्तन दबाना और होंठ चूसना शुरू किए.
मैं भी उत्तेजना में आकर मदन जी के होंठ चूसने लगी.

मदन जी जब मेरा ब्लाउज निकाल रहे थे तो मुझको बड़ी शर्म आ रही थी.
मैं बोली- बड़ी लाइट बंद कर दीजिए, मुझे शर्म आ रही है.

मदन जी ने बड़ी लाइट बंद कर दी और नाईट बल्व की नीली रोशनी में हम दोनों सेक्स का मजा लेने लगे.
दोस्तो, आज मेरी कुंवारी गांड में एक शादीशुदा मर्द का लंड जाने वाला था. मैं या सब सोच कर बड़ी उत्साहित भी थी और डर भी रही थी कि न जाने क्या होगा.

मदन जी ने मेरा ब्लाउज व ब्रा मेरे शरीर से अलग कर दी, साथ ही उन्होंने अपना कुर्ता भी उतार दिया.

हम दोनों अब कमर तक नंगे थे. मदन मेरा एक स्तन दबा रहे थे, दूसरा चूस रहे थे.
मेरे बदन में मदन जी के मर्दाना हाथों से जैसे करेंट सा दौड़ रहा था.
धीरे धीरे हम दोनों के सब कपड़े उतर गए, दोनों नंगे आपस में लिपटे हुए थे.

मुझको अपने बदन पर मदन जी का खड़ा लंड का स्पर्श रोमांचित कर रहा था.

मदन जी बोले- अब आगे बढ़ा जाए?
मैंने सिर हिलाकर हां कहा.
मदन जी ने कहा- पहली बार लंड गांड में जाने से थोड़ा दर्द होता है. सजनी तुम अपनी गांड को ढीला छोड़ना, उससे दर्द कम होगा.

मदन जी ने मुझको पेट के बल लिटाकर मेरे चूतड़ों की मालिश की, दोनों चूतड़ों को बारी बारी से चूमा.
फिर एक उंगली में तेल लगाकर मेरी कुंवारी गांड में उंगली डाली.

मेरी गांड में मैं पन्द्रह दिन से तेल लगा रही थी तो मुझको मज़ा आ रहा था.

अब मदन जी ने दो उंगली डालीं, मुझको पहले दुखा, फिर अच्छा लगने लगा.

इसके बाद मदन जी ने मुझको सीधा लिटा दिया, मेरी कमर के नीचे तकिया लगा दिया.
उन्होंने मुझको अपने पैर मोड़कर छाती की तरफ करके घुटना पकड़ने को कहा और बताया- इसको मिशनरी आसन कहते हैं, इससे मैं तुम्हारा चेहरा देख पाऊंगा.

मुझको बड़ा मजा आ रहा था, मैं अपनी चूचियों तक अपने पैर दबा कर लेट गई थी.

मदन जी ने अपने लंड पर तेल लगाकर मेरी गांड में थोड़ा सा डाला.
मुझे तीव्र पीड़ा हुई, मेरी आंख से आंसू निकल गए पर मैंने हिम्मत नहीं हारी.

मेरे चेहरे पर पीड़ा के साथ मुस्कान भी थी.

मदन जी थोड़ा रुक गए, वे मेरे स्तन और निप्पल चूसने लगे.
थोड़ी देर बाद मेरी गांड का दर्द कम हो गया.
अब मेरे चेहरे पर सिर्फ़ मुस्कान थी.

मदन जी समझ गए, उन्होंने बाकी का लंड मेरी की गांड में एक तेज झटके के साथ पेल दिया.

मुझको फिर ज़ोर से दर्द हुआ.
दर्द के साथ ही मुझको इस बात की खुशी हो रही थी कि आज मैं लड़की से सुहागन औरत बन गयी हूँ.
मेरा चेहरा एक अंजान ख़ुशी से खिल उठा था.

मदन जी ने मुझसे पूछा- सजनी ज्यादा दर्द हो रहा है क्या?
मैं- आपने तो बताया था कि थोड़ा दर्द होगा, पर मुझे खुशी है आज मैं लड़की से सुहागन औरत बन गयी हूँ. आपको अच्छा लग रहा है न?

मदन जी- मुझे बहुत मज़ा आ रहा है जान.
मैं- आपकी खुशी में ही मेरी खुशी है.

मदन जी ने मेरे होंठ चूम लिए और धीरे धीरे मेरी गांड की चुदाई करने लगा.
अब मुझको भी बॉटम गे Xxx में मज़ा आने लगा था, मैंने अपनी गांड ढीली कर रखी थी.

मदन जी की चुदाई की गति बढ़ने लगी.
कुछ 15 मिनट बाद मदन जी झड़ गए, मेरी गांड वीर्य से भर गयी.

मदन जी और मुझको बहुत सुकून मिला.
ऐसा लगा जैसे गर्मी के बाद बारिश हो गई हो.

मेरी गांड से वीर्य बह रहा था.
मुझे चलने में थोड़ी तकलीफ हो रही थी तो मदन जी मुझको सहारा देकर बाथरूम ले गए.
उधर मैंने गांड धोई, मदन का लंड भी धोया.

वापस बेडरूम में आकर मदन जी ने मेरी गांड में उंगली से अन्दर तक बोरोलीन लगा दी और एक दर्द निवारक दवा दे दी.
हम दोनों ने कपड़े पहन लिए.

बॉटम गे Xxx कहानी आपको कैसी लगी? मुझे कमेंट्स में बताएं.
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