होली की अन्तिम मस्ती- 1

यंग टीन ग्रुप सेक्स मैंने होली पर किया. हम चार लड़कियां थी और हमें चोदने वाले 6 लड़के थे. होली के बहाने चुदाई का खेल कैसे चला, इस कहानी में पढ़ें.

दोस्तो, मैं अंजलि शाह फिर आपके पास अपनी पुरानी कहानी को पूरी करने के लिये आ गई हूं।
आप सोच रहें होंगे कि इतने दिनों बाद, कहानी पूरी करने की याद कैसे आयी?
इसके पीछे की क्या वजह रही वो मैं आप लोगों को अगले किसी किस्से में बता दूँगी।

तो मजा लें यंग टीन ग्रुप सेक्स स्टोरी का:

आपको याद होगा कि पिछले साल होली के दिन विक्रम और आदिल ने खुली सड़क पर मेरी चुदाई की थी।

तब मैं, विक्रम और आदिल 6 बजे घर पहुंचे।

हम लोग अंदर गये और देखा कि सब लोग सोफे पर सो रहे थे और सब अभी भी थोड़ा गीले थे और नौकरानी सुनीता भी दिखाई नहीं दे रही थी।
सारा ड्रॉइंग रूम फैला हुआ था।

आदिल सीधा गरिमा के पास गया और उसकी चूची दबा दी।

मैं भी एक सोफ़े पर लेट गई।

विक्रम को बहुत गुस्सा आया और वो किचन में सुनीता को देखने गया।
मगर सुनीता वहाँ नहीं थी।

विक्रम ने अपने फोन से सुनीता को फोन किया।
शायद सुनीता की बहन ने फोन उठाया और तब विक्रम ने गाली दे कर बोला- माँ की लौड़ी!! सुनीता कहाँ है?

तभी सुनीता भागती हुई आई और डरते हुए बोली कि भैया क्या हुआ?

तब विक्रम ने उसे एक चांटा मारा और बोला- तुझे यहां की सफाई और देखभाल करने के लिए रखा है। देख गरिमा और साक्षी गीले हैं तो उनके कपड़े बदलने चाहिए थे और तू जाकर सो गई??

तब उसने कहा- नहीं भैया, सोई नहीं थी बस अपने कमरे में थी।
तब विक्रम ने कहा- चल इनके कपड़े बदल वर्ना इनको ठंड लगेगी।
तब सुनीता ने गरिमा और साक्षी को बहुत उठाने की कोशिश की मगर वो दोनों नहीं उठीं।

उनको उठाने के चक्कर में सोमेश, अनिल, राजीव और जॉन उठ गए।

आदिल ने कहा- विक्रम इनको सोने दो और इनके कपड़े यहीं बदल देते हैं।
उसने सुनीता को कहा- इनके लिए कपड़े ले आ, तब तक हम इनके गीले कपड़े उतारते हैं।

आदिल गरिमा के पास बैठ गया और अनिल साक्षी के पास।
आदिल ने गरिमा की टी-शर्ट उतारने की कोशिश की मगर गीली होने की वजह से नहीं उतरी।

फिर आदिल ने टी-शर्ट फाड़ दी और उसकी देखा देखी अनिल ने साक्षी की टी-शर्ट फाड़ दी। अब साक्षी और गरिमा ऊपर से नंगी थी।
विक्रम बोला- यार टी-शर्ट फाड़ने की क्या जरूरत थी … और अभी सुनीता कपड़े भी नहीं लाई तो इनको ठंड लग जाएगी।

आदिल बोला- उसका भी इलाज अभी कर देते हैं।
ये बोलकर आदिल गरिमा की चूची दबाने लगा और उसके निप्पल रगड़ने लगा।

अनिल भी साक्षी की चूची रगड़ने लगा।

दोनों ल़डकियों के मुँह से हल्की कराहने की आवाज आई.

आदिल ने गरिमा की शॉर्ट्स भी खींच कर निकाल दी और इसी तरह अनिल ने साक्षी की शॉर्ट्स निकाल दी।
अब दोनों पूरी तरह से नंगी थीं।

तभी अनिल ने साक्षी की चूची मुँह में ले ली और उसे चूसने लगा।
उधर आदिल ने अपना मुँह गरिमा की चूत पर लगा दिया और उसकी चूत चूसने लगा।

तभी जॉन मेरे पास आकर खडा हो गया; मैंने भी कोई आपत्ति नहीं की।

जॉन ने एकदम से मेरी चूची दबा दी।
मैंने चिल्लाकर विक्रम को आवाज दी तो वो बोला कि उसे भी तो मजे ही लेने हैं।
उसकी बात सुनकर मैं चुप हो गई।

जॉन ने मुझे खड़ी होने को कहा और मैं खड़ी हो गई और तब उसने मुझे हाथ ऊपर करने को कहा।
मैंने विक्रम की तरफ़ देखा तो वो मुस्करा रहा था; मैंने चुपचाप अपने हाथ ऊपर कर दिए।

अब जॉन ने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मुझे ऊपर से पूरी नंगी कर दिया.
तभी सुनीता कपड़े लेकर आ गई.

ये सब देख वो जाने लगी और तब विक्रम ने कहा- रुक साली, कहाँ जा रही है?? तब वो डरकर वहीं रुक गयी.

विक्रम ने उससे कहा कि कपड़े सोफ़े पर रख और खड़ी रह.
उसने कपड़े रखे और वहीं खड़ी रही.

तभी जॉन ने मेरी चूची दबा दी और कहा- बहन की लौड़ी … चल शॉर्ट्स उतार.

मैं अभी दो लण्ड से चुदकर आई थी और मेरी गांड और चूत दुख रही थी इसलिए मैंने विक्रम की तरफ़ देखा तो उसने कहा- निकाल दे, नहीं तो मैं जॉन को फाड़ने के लिये कह दूँगा.

तब मुझे समझ आया कि आज सभी लड़कियों की बजने वाली है.
मैंने चुपचाप शॉर्ट्स उतार दी और नंगी हो गयी.

उधर आदिल अपने कपड़े उतार रहा था और अनिल पूरा नंगा साक्षी की चूत रगड़ रहा था.

तभी विक्रम और राजीव, सुनीता के पीछे खड़े हो गए.

सुनीता बहुत डरी हुई लग रही थी.

विक्रम ने उसे कहा- चल हाथ ऊपर कर!
उसने चुपचाप हाथ ऊपर कर लिये.

राजीव ने उसका कुर्ता उतार दिया.
वो ऊपर से नंगी हो गई.

उसने विक्रम से कहा- भैया मुझे छोड़ दो.
तब विक्रम ने उससे कहा- दोनों गार्ड्स से तू चुदती है और मेरे पास सारी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग है कि तू और तेरी बहन कैसे चुदती हो गार्ड्स से. तेरे बाप को भेज दूँ क्या वो?

वो डर गई और चुप हो गई.
तब विक्रम ने उसके बाल पकड़े और कहा- तेरी माँ की चूत … चल नंगी हो और हमारे भी कपड़े उतार.

तभी अनिल ने कहा- यार ये साक्षी और गरिमा तो कोई रेस्पांस ही नहीं दे रही. यार इनको जगाओ.
आदिल बोला- यार पानी मारेंगे तो उठ तो जाएंगी ये मगर लेदर का सोफा गंदा हो जाएगा।

तब विक्रम बोला- ये सुनीता रंडी साफ़ कर देगी.
इतना सुनते ही आदिल ने अपना लण्ड गरिमा के मुँह की तरफ किया और उस पर मूतने लगा.

इसी तरह अनिल भी साक्षी के मुँह पर मूतने लगा.
हम सब हंसने लगे. तभी मूत की धार लगने से गरिमा जाग गई और उसने जैसे ही मुँह खोला, आदिल ने अपना लण्ड गरिमा के मुँह में ठूंस दिया और उसके ऊपर बैठ गया।

उसने उसके हाथ पकड़ लिए।
आदिल ने गरिमा के मुँह में मूत दिया और गरिमा को सारा मूत पिला दिया.

उधर साक्षी की भी आँख खुल गई मगर उसने मुँह नहीं खोला और अनिल उसके मुँह पर मूतता रहा.

जब उसका मूतना हो गया तब विक्रम ने सुनीता को कहा- चल कुतिया अपना कुर्ता उठा और सब साफ़ कर।
बेचारी सुनीता ने अपना कुर्ता उठाकर डरते हुए सारा मूत कुर्ते से पौंछ दिया।

तभी मैंने देखा कि सोमेश नंगा होकर साक्षी के पास अनिल के साथ खड़ा हो गया.

उधर जॉन ने मुझे कहा- चल कुतिया, मेरा लण्ड चूस।
मैंने जॉन को कहा- मुझे कुतिया मत बोल हराम की औलाद।

उधर राजीव और विक्रम ने सुनीता को पकड़ लिया और उसे नीचे बिठा दिया.

विक्रम ने अपना लण्ड सुनीता के मुँह में ठूंस दिया और उसे कहा- चूस इसे.
सुनीता विक्रम के लण्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।

उधर गरिमा भी आदिल के लौड़े को चूस रही थी।

साक्षी भी सोमेश के लौड़े को चूस रही थी और अनिल के लौड़े को एक हाथ से पकड़ कर आगे पीछे कर रही थी।
वो कभी अनिल के लौड़े को मुँह में लेती कभी सोमेश के लौड़े को।

मैं भी नीचे बैठ गयी और जॉन के लौड़े को चूसने लगी।

अब हम चार चूत और छह लौड़े का ग्रुप था।

तभी राजीव ने सुनीता के बाल पकड़े और उसका मुँह अपनी तरफ घुमाया और अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया।

अब सुनीता विक्रम का लण्ड हाथ से रगड़ रही थी और राजीव का लण्ड चूस रही थी।

तभी मैंने देखा सोमेश ने साक्षी का सिर पकड़ रखा था और उसका मुँह जोर जोर से चोद रहा था और अनिल साक्षी की चूची पागलों की तरह मसल रहा था।
कभी वो उसकी चूची दबाता और कभी उसके निप्पल खींच रहा था।

साक्षी की आँखों से पानी आ रहा था पर फिर भी सोमेश उसका मुँह चोदे जा रहा था।

थोड़ी देर में सोमेश ने अपना पानी साक्षी के मुँह में छोड़ दिया और अपना लौड़ा उसके मुँह से नहीं निकाला।

वो बोला- बहन की लौड़ी, अगर एक बूंद भी बाहर गिरी तो साली पूरे कमरे की जमीन चटवाऊंगा।
तब सोमेश ने अपना लौड़ा बाहर निकाला।

मैंने सोमेश का लण्ड देखा, वो कम से कम 8″ लंबा और 3″ मोटा होगा और उसका लण्ड अभी भी खड़ा था।

उधर आदिल गरिमा की चूची चूस रहा था और तभी उसने गरिमा का निप्पल दांत से पकड़ कर खींचा तो वो चिल्लाई- बहनचोद … निप्पल उखाड़ देगा क्या … आह्ह।

तब आदिल ने उसे एक करारा चांटा मारा और बोला- बहन की लौड़ी, अभी तो तेरी चूत और गांड फाड़नी है।

सोमेश ने साक्षी को सोफ़े पर लिटा दिया और अनिल ने साक्षी के मुँह में अपना लण्ड डाल दिया।
उधर सोमेश ने साक्षी की चूत में उंगली डाली और बोला- साली कुतिया पूरा पानी छोड़ रही है।

तब सोमेश ने अपना लौड़ा उसकी चूत पर रखा और एक झटके में आधे से ज्यादा उसकी चूत में घुसा दिया।

मैंने देखा कि साक्षी की आँखों से आंसू आ गये पर वो चिल्ला नहीं पाई क्योंकि उसके मुँह में अनिल का लौड़ा था।

उधर विक्रम और राजीव ने सुनीता का बुरा हाल कर रखा था।

सुनीता को कुतिया बनाकर विक्रम उसकी चूत मार रहा था और राजीव ने उसके मुँह में लण्ड दे रखा था।
विक्रम सुनीता के चूतड़ों पर चांटा मारे जा रहा था।
सुनीता के चूतड़ बिल्कुल लाल हो गए थे मगर वो कुछ नहीं बोल पा रही थी।

अब मेरी बारी थी।
जॉन मेरा मुँह चोद रहा था। उसका लण्ड अब बड़ा होकर 8 इंच का हो गया था।

उसने मेरा सिर पकड़ा और पूरा का पूरा लौड़ा मेरे मुँह में ठूंस दिया।

लौड़ा मेरे गले के अंदर टकराया और मुझे साँस लेने में दिक्कत होने लगी।
मैं उसको हाथ से मारने लगी।

तब उसने अपना लौड़ा मेरे मुँह से निकाला और हंसने लगा।

उसने मुझे खड़ी किया और दीवार के साथ सटा दिया। उसने मेरे दोनों हाथ ऊपर करके अपने एक हाथ से पकड़ लिये।
जॉन करीब 6 फीट की लम्बाई का मजबूत बॉडी का होगा।

फिर उसने अपना दूसरा हाथ मेरी चूत पर रखा और मेरी चूत को दबाने लगा। उसने अपनी दो उंगली मेरी चूत में डाल दीं और अपना मुँह नीचे लाकर मेरी एक चूची चूसने लगा।

तभी उसने मेरे निप्पल पर दांतों से काटा।
मैं कराह गई।

कुछ देरी चूची से खेलने के बाद उसने मेरी एक टांग को ऊपर को उठाया और अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया।

उधर मैंने देखा कि आदिल गरिमा की चूत रौंद रहा था।

विक्रम सुनीता को छोड़कर गरिमा के पास गया और अपना लौड़ा गरिमा के मुँह में डाल दिया और वो गरिमा की चूची के निप्पल बार बार खींच रहा था।

अब राजीव सुनीता की चूत चोद रहा था।

उधर सोमेश और अनिल ने भी अपनी जगह बदल दी थी।
अब अनिल साक्षी को चोद रहा था और सोमेश ने अपना लण्ड साक्षी के मुँह में डाल दिया था।

साक्षी को देखकर लग रहा था वो दो तीन बार झड़ चुकी है।

इधर मैंने जॉन की गर्दन में दोनों हाथ डाल रखे थे।
तभी उसने मेरी दूसरी टांग भी उठाई और मैंने उसकी कमर पर दोनों टांगें लपेट दीं।

उसने अपने दोनों हाथों से सपोर्ट करके मुझे उठा लिया।
अब उसका लण्ड मेरी चूत के अंदर सीधा घुसा था और मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था।
मैं उसके लण्ड पर उछलने लगी और जब भी मैं नीचे जाती उसका लौड़ा मेरी बच्चेदानी से टकराता।

उधर मैंने देखा आदिल सोफ़े पर लेट गया और उसने गरिमा को ऊपर लेकर उसकी चूत में लौड़ा डाल दिया।
विक्रम उसके पीछे खड़ा हो गया।
गरिमा आदिल के लौड़े पर ऊपर नीचे हो रही थी।

आदिल ने उसकी चूची पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसका एक निप्पल दांतों के नीचे दबा लिया।
अब गरिमा आदिल पर झुकी थी और उसकी गांड का छेद दिख रहा था।

तब विक्रम ने अपना लौड़ा उसकी गांड के छेद पर रखकर एकदम से घुसा दिया और उसकी गांड चोदने लगा।
वो चीखते हुए चुदने लगी।

उधर अनिल सोफ़े पर लेट गया और साक्षी को मुँह घुमाकर उसके लण्ड पर बैठने को कहा।

जैसे ही साक्षी घूमकर उसके लण्ड पर बैठने लगी सोमेश ने उसका मुँह खींचकर उसमे अपना लौड़ा डाल दिया।

उधर अनिल ने अपना लौड़ा कुछ सेट किया और साक्षी को नीचे खींचकर उस पर बिठा दिया।

साक्षी उस पर बैठी तो जोर से चिल्लाई- बहन के लौड़े … मेरी गांड फाड़ दी।
सब ये सुनकर हंसने लगे।

तब अनिल ने उसकी गांड को चोदना शुरू कर दिया। अनिल ने उसके बाल खींचकर अपने ऊपर लिटा लिया।

साक्षी फिर चिल्लाई- बहनचोद … क्या कर रहा है?
अनिल ने उसे ऐसे ही पकड़े रखा।

तब सोमेश ने अपना लौड़ा उसकी चूत में डाल दिया।
वो चिल्लाई- मार दिया।
शायद उसने दो लण्ड एक साथ कभी नहीं लिये थे।

उधर राजीव अभी भी सुनीता को कुतिया बनाकर चोद रहा था।
तभी उसने अपना लौड़ा सुनीता की चूत से निकाला और उसकी गांड में डाल दिया।
वो चिल्लाई- मर गई भैय्या!
और वो सीधा होने लगी।

मगर राजीव ने उसकी दोनों चूची पकड़ के नीचे खींच दीं तो वो सीधा नहीं हो पाई।
राजीव उसकी गांड चोदने लगा।

इधर जॉन ने तीनों की गांड चुदते देखी तो मुझे बोला- रुक माँ की लौड़ी!
उसने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल लिया। उसने अपना लण्ड कुछ सीधा किया और मुझे बोला- अब बैठ।
मैं जैसे ही बैठी उसका लौडा मेरी गांड में घुस गया।

मेरी गांड तो आदिल और विक्रम ने पहले ही फाड़ रखी थी तो उसका लौड़ा आराम से मेरी गांड में घुस गया मगर मेरी पोजीशन की वजह से सीधा मेरे अंतिम हिस्से से टकराया।

मुझे ऐसा लगा कि किसी ने छुरा घुसा दिया।
मेरी आँखों से आंसू निकल आये मगर मैं चिल्लाई नहीं।
उसने कहा- अब ऊपर-नीचे उछल।

मुझे भी थोड़ी देर में मजा आने लगा।
बाकी तीन लड़कियों को भी मजा आ रहा था।

हम चारों लडकियोंकी गांड लंडों से भारी हुई थी. हम सबका पानी निकल चुका था मगर लड़के अभी भी हमें चोदे जा रहे थे।

तब मुझे समझ आया कि सबने गोली खाई थी।
अब तक एक घंटा गुजर गया था।

तभी विक्रम चिल्लाया- रुको सब, आज कुछ नया करते हैं।

सबने लड़कियों को छोड़ दिया। सब लड़कियों की जान में जान आई।
मगर हम सब सोचने लगीं कि अब ये हमारे साथ क्या करेंगे। चारों लड़कियों की गांड की बैंड तो उन्होंने पहले ही बजा दी थी, अब आगे क्या चोदने वाले थे?

आपको चार लड़कियों की चूत गांड और मुंह की चुदाई की ये यंग टीन ग्रुप सेक्स स्टोरी कैसी लगी, इस बारे में अपनी राय जरूर दें। आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।
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यंग टीन ग्रुप सेक्स कहानी का अगला भाग: होली की अन्तिम मस्ती- 2

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